दूसरी सुहागरात
पिछली कहानी "बरसात" मे जेठ-बहु सुमित और चन्द्रप्रभा ने बरसात की उस रात वासना का जो नंगा खेल खेला, ये जानकर सुमित की चचेरी विधवा बेहन् अंशु ने सोच लिया की अब वो लेगी बदला, और मनाएगी अपनी दूसरी सुहागरात।
गतांक से आगे...
अन्शु: कुछ याद करो आज से 20 साल पहले, 1997 में जब बरसात की वो रात थी, जब तुम और चंदा पानी में भीगते हुए एक दूसरे से चूमा चाटी कर रहे थे। तब ये कैसे भूल गए कि मैं बगल के कमरे से लगी खिड़की से मैं सब देख रही थी। अंशु फुफकारते हुए बोली।
मैं... नहीं... लेकिन...तुम...मेरी सांस तेज चलने लगी थी।
उससे पहले तुमने मुझसे प्यार का इकरार किया था..पर मेरी दोस्त चन्दा को अपना पहला चुम्बन दिया। अब इसका बदला लूँगी मैं। तुम्हें बताउंगी की इस विधवा औरत में कितनी ताकत है अभी। हाहाहा... वो जोर से हँसी।
दूर कहीं बिजली कड़की...लगता है फिर होगी बरसात।
सुमित से बदला लेने की चाहत अंशु के दिलो दिमाग़ में छायी थी। उसने सोचा अगर चंदा शादीशुदा होते हुए अपने जेठ से सेक्स कर सकती है, वो भी अपने घर में। तो मै तो विधवा हूं और अकेली भी रहती हूं।
पर सुमित भाई को भी सबक सिखाना है। इस समय तो जो कहूँगी वो करेगा।
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