भाग-2
सर का जन्मदिन
लखनऊ में पूजा जिस आफिस में काम करती थी, वहां उसके सीनियर थे सुमित सर। आज उनका बर्थडे था। सुबह पूजा 6 बजे सो कर उठी, तो मोबाइल पर सुमित सर बर्थडे टुडे का नोटिफिकेशन था।
ओह्ह..पूजा की उंगलियों ने सुमित सर का नंबर डायल किया।
हेलो पूजा..
हैप्पी बर्थडे सर।।
थैंक यू...पूजी... सुमित सर प्यार से पूजा को पूजी कहते थे।
सिर्फ थैंक यू नहीं, ट्रीट लेंगे आज तो...पूजा इठलाते हुए बोली।
पर मेरा गिफ्ट.. सुमित बोले।
पहले ट्रीट फिर गिफ्ट...पूजा भी आज कहाँ मानने वाली थी।
ओके बाबा...ओके...फिर तो तुम तैयार होकर ठीक 10 बजे मुझे कॉल करना ऑफिस तो आज बन्द है, मैं तुम्हे पिक कर लूंगा...सुमित भी तैयार थे।
ओके सर जी...10 बजे कॉल करती हूं।।। बाई
पूजा की रूममेट रंजना अपनी आंखें मलते हुए आयी...क्या हुआ पूजा बॉयफ्रेंड है कोई सुबह सुबह...
अरे नहीं यार सर थे।।।आज बर्थडे है उनका, बुलाया है 10 बजे।।
ओह्ह..तो तैयार हो जा...अभी टाइम है...और सुन हेयर रिमूव कर लेना।
क्यों सर क्या मेरे कपड़े खोल के देखेंगे।।
कर लेना, डार्लिंग...क्या पता क्या देखने लगें तुम्हारे सर। कहती हुई रंजना अंदर चली गयी।
बाथरूम में पूजा अब एक दम नग्न थी। 26 वर्षीय नवयुवती पूजा सांवली रंगत और सुडौल अंगों वाली लड़की थी। 26 सावन देख चुकी उसकी देह अब गदराने लगी थी। लंबा कद, काली आंखे, मोठे होंठ, चौड़े मांसल कंधे, चौड़ा वक्ष स्थल, कसे हुए बड़े बड़े स्तन, पतली कमर, मांसल पेड़ू, चौड़ा कटि प्रदेश, पीछे से उठे हुए विशालकाय नितम्भ। मोटी जांघें...पूरा सुडौल गदराया बदन, मगर गज़ब की शर्मीली।
पूजा ने अपनी अंडर आर्म पर रेमोवेर लगा लिया था, और फिर अपने पिंडलियों पर बाहों पर भी। पूरा बाथरूम एक अजीब सी महक से भर गया।
1 घंटे बाद पूजा बाथरूम से निकली, तन पर एक रोयां भी नहीं, बिल्कुल चिकनी चमकती त्वचा।
रंजना ने पूजा के दाएं नितम्भ पर एक थप्पड़ लगाते हुए कहा...व्हाट आ अस्स पूजा...क्या गांड है यार तेरी।
रंजना प्लीज यार ऐसे मत बोलो, सर आते होंगे, कपड़े भी पहनने हैं।
ओके, पर कुछ वेस्टर्न टाइट कपड़े पहनना वो सलवार सूट मत पहन लेना बहन जी टाइप। और हां, मेरे हाई हील सैंडल ही पहनना... समझी। रंजना भी पुरानी खिलाड़ी थी।
करीब 1 घंटे बाद पूजा तैयार हो गयी, एक वेस्टर्न ड्रेस और हाई हील्स। बाल खुले रखे थे, रेड लिपिस्टिक, और काजल में साँवली पूजा अच्छी लग रही थी। पर वेस्टर्न ड्रेस ने उसके बड़े बड़े नितंबों की सुंदरता बढ़ा दी थी। क्योंकि इस ड्रेस में पूजा के नितम्भ काफी बड़े और उठे हुए लग रहे थे। पतली कमर से दुगने चौड़े नितम्भ पूजा की ख़ासियत थे, जिनको देख कर सभी लड़के और मर्द आहें भरते थे।
ठीक दस बजे पूजा सुमित सर के साथ हाईवे पर थी।
कहाँ चलेंगे सर... पूजा बोली।
तुम बताओ।
किसी रेस्टोरेंट
नहीं...
फिर
एक सरप्राइज है, सर मुस्कुराते हुए बोले।
30 मिनट बाद शहर से 20 किलोमीटर दूर एक होटल के कैंपस में सुमित पूजा की कार आकर रुकी।
अरे सर...होटल में क्यों? पूजा हड़बड़ाई।
होटल के कमरे में पूजा कुछ घबराई हुई, अपनी ड्रेस को ठीक कर रही थी।