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Personal sex story Bhabhi ki chudai

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nikir2019

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उस दिन की बात है | जब मेरी नई नई शादी हुई थी | तब में ३२ साल की थी | मै दिखने में बहोत खूबसूरत और कामुक लगती थी | मेरे गोल मटोल बडेसे स्तन उभरे हुए लगते थे | मेरे लंबे घने बाल मेरी गाण्ड तक आते थे | मेरी बड़ीसी गाण्ड मस्त लगती थी |

वेसे मेतो एक टीचर थी | मै बच्चो को स्कूल में पढ़ाती थी | मेरे पति एक बिज़नेस मेंन है वो अक्सर बहार ही रहते थे | हमारी शादी हुए २ साल होचुके थे और नाहीं हमें कोई बच्चा था | मेरे पति बहार रहने के कारन मेरी चुदाई नहीं हो पाति थी | मेरे पति का लंड बहोत छोटा होनेकी वजह से मेरी चुत की आग बढती जा रही थी | चुदाई न होने की वजह से में बहोत तनाव महसुस करती थी |कुछ ही महनो बाद मेरे पति की ट्रांसफर इंदौर हुए थी | वहा एक छोटेसे गांव में हमने एक बड़ासा मकान ख़रीदा था | हमारे माकन के आस पास बहोत सी घनी झाडीया थी | वहा आस पास कुछ ही लोग रहा करते थे | मेरे ठीक घर के सामने एक आंटी रहा करती थी | वो बहो अच्छे स्वभाव की थी | एक दिन मे उस आंटी के यहाँ कुछ काम के लिए चली गई | तभी मेंने उनको बताया की हम यहा कुछ ही दिन होगये रहने आये है | तभी उस आंटी ने मुझे उनके घर में बुलाया | और हम चाय के साथ एक दूसरे से बात करने लगे | आंटी ने मुझे पूछा की बीटा तुम कया करते | मेने उनसे कहा की मे एक टीचर हु | और स्कूल में बच्चो को पढ़ाती हु | मेरे पति एक बिज़नेस मेन है | वो अक्सर काम के सिलसिले में बाहर ही रहते है | अब हमारी अच्छी पाचन होचुकी थी | में जब भी घर में अकेली रहती थी | तब में आंटी के यहाँ जाने लगी | हम बेठ कर घंटो तक बाटे किया करते थे | अब तो बहोत दिनों से हमारे सम्बन्ध अच्छे बन चुके थे |आंटी को एक " रघु " नाम का लड़का था | उसकी उम्र १६ साल की थी | वो मेरे ही स्कूल में १० वी क्लास में पढ़ता था | जहा पर मे बच्चो को स्कूल में पढाती थी |

रोज की तराहा मैं और रघु की माँ बात कर रहे थे तभी रघु वहा चला आया | उसने मुझे देख कर अपनी माँ से कहा की माँ येतो हमारे स्कूल में हमें इंग्लिश टीचर है | हमें इंग्लिश पढ़ाती है | वो अपने माँ से पढ़ाई के बारेमे कुछ पूछ रहा था | तभी उसके माँ ने उसे कहा की बेटा तुम " अरपीता " भाभी से पूछे वो तुम्हे सबकुछ बता देगी | अरपिता इसका न इंग्लिस बोहत ही कच्चा है अगर तुम ऐसे शामको पढ़ाओगी तो इसका इंल्गिश अच्छा हो जाये गा | रघु थोड़ा शर्मिला किसम का बच्चा था | तभी मेने उसे अपने यहाँ पढ़ाई के लिए आने को कहा | तभी रघु के माँने हा कहदी | वेसेभी मे अकेली रहती हु | तो में रघु को खाली वक्त में शाम के समय में पढ़ाया करूगी |

अब रोज की तरहा रघु मेरे यहाँ पढ़ाई के लिए आने लगा |में शामको अच्छा से तैयारी करके | उसके लिए वक्त निकालकर उसे अच्छे से पढाने लगी | रघु थोडासा शर्मीले किसम का बच्चा था | पहले ,,पहले तो वो कुछ दिन बातभी नहीं करता था | जब भी पढाई के लिए आता था| सिर्फ हा या ना में जवाब देता था | लेकिन कुछ दिनों बाद धिरे धीरे वो बाते करने लगा | मेरे पति कामके सिलसिले में ज्यादा तर बाहर रहते थे | तभी वो मेरे हर काम में मेरी मदत करता था | अब हम दोनों अच्छे दोस्त बन चुके थे | छुट्टी के दिन | में उसे अपने साथ घुमने फिरने ले जाती | रघु अब मेरे साथ खुल कर बाते करताथा | हम दोनों घंटो तक बाते किया करते थे |अब हमारे बिच अच्छी बॉन्डिंग बन चुकीथी | वो मुझसे अपनी सभी बाटे शेयर करने लगा | कभी कभी वो मुझे " लव " के बारेमे पूछता था | भाभी ये प्यार क्या होता है | में उसे अच्छे से सभी बाते समझाती थी |वेसे तो सबकुछ अच्छा ही चल रहा था|

कुछ दिनों बाद रघु मुझे अलग तरीके से देखने लगा | वो रोज की तराहा पढाई के लिए आया | में उसदिन अपने कमरेमे तैयारी कर रही थी | मेने एक पतलीसी पिंक कलर की साडी और छोट सा ब्लाउज पहना था| उसदिन में बहोत कामुक लग रही थी | मेरे लंबे घने बाल मेरी गांड तक आरहे थे | मेरे बडेसे रसीले स्तन काफी बड़े दिख रहे थे | में खुले बालोमें बहोत खूबसूरत लग रही थी | तभी में उसे पढाने के लिए उसके पास बेठ गई | वो मेरी तरफ देखे जा रहा था | मेरे बड़े स्तनोंको प्यासी नज़र से घूर रहा था| उस दिनसे में रघु की हर बातो पर नजर रख रही थी | पढ़ाई के दौरान वो मेरी बोहोत रातिफ़ करने लगा | भाभी आप बहोत खूब सूरत हो | आप बहोत अच्छी हो | स्कूल में आपसे खूबसूरत टीचर कोई नही | तब मुझे लगा की ये शायद मुझे पसंद करता है |पढ़ाई के वक्त | में रोज उसके सामने तैयारी करके आने लगी | एक दिन में उसके लिए जूस लेके आइ | जब में जूस देनेके लिए निचे झुकी तो अचानक से मेरी साड़ी निचे गिर गई| अब में उसके सामने बलाउज में थी | वो मेरे गोरे जिस्म को पागल कुत्ते की तराहा देख रहा था | तभी में उसको डाटते हुवे मुस्कुराकर बोली | कया रघु कहा देख रहे हो | कभी देखा नहीं क्या भाभी को ऐसे | उसका मुह देखने जैसा था | अब वो मेरे साथ नंगी नंगी सी बाते करने लगा | मे उसकी हर बात पर गौर कर रही थी | कभी कभी में उसे मेरे यहाँ खाना खिलाया करती थी | मे जबभी कुछ बनाती उसे खाने के लिए बुलाती | और वो बड़े मजे से खाकर मुझे कहता था | भाभी आप बहोत अच्छी हो आप तो बहोत अच्छा खाना बनती हो | मुझे बहोत अच्छा लगता है आपके हात का खाना | और मेरी आखो में आखे डालकर मुझे कामुक नजर से देखते हुवे हस हरा था | तो में एक बात एक बात समाज गइ के "रघु" अब थोडासा बदल चूका है |
 
एक दिन तो वो मुझे स्कूल के "वीमेन साइंस" के एक विषय के बारेमे पूछने लगा | भाभी मुझे उस सब्जेक्ट के बारेमे पढ़ाओ ना | मुझे " वीमेन साइंस " के बारेमे जानना है | फिर मेंने उसे पढ़ानेके लिए हा कहदी | शाम को वो रोज की तराहा पढ़ाई के लिए किताब लेकर आया | आज उसने " साइंस " की किताब पढ़ाई के लिए लाइ थी | जब मेंने उस किताब को पढानेके लिए हात में लिया तोवो " " "वूमेन साइंस" की किताब नहीं थी | जब मेने उस किताब को खोला तो में एकदम के पागल होगई | उस किताब में औरतो के स्तन , चुत , और चुदाई की नंगी तस्वीरें थी | उस किताब में बड़े लण्ड वाले पुरुष औरतो को चोद रहे थे | उसमे औरतो के चुदाई की पूरी जानकारी थी | उस किताब में औरते पुरषो को अपना दुध पीला रही थी | तभी वो मुझे कहने लगा भाभी आप मुझे पढ़ाओ ना इसके बारेमे | मे उसकी तरफ देख कर | मन ही मन मुस्कुरा रही थी | तभी मेने उसे डाटते हुवे कहा | अच्छा तो तुम्हे पढ़ाई छोड़ कर औरतो को चोदना सीखाना है | रंडी कही के | १४ साल की उम्र में औरतो तो चोदने के सपने देख रहा है | अब क्या में तुम्हे कपडे उतार कर चोदना सिखाउ | की औरतो को कैसे चोदा जाता है | आज कहो के मुझे इसके बारेमे पढ़ना है | कल कहोगे मुझे चोदना है | शर्म नहीं आती ऐसा कहते हुवे | बेशरम कही के |

एक दिन रघु के माँ ,बाप कुछ काम के लिए बहार जा रहे थे | तभी रघु की माँ ने मुझे कहा की | " अरपिता " रघु न घरमे अकेला है | थोड़ा ध्यान रखना | उसदिन रघु बड़ी जल्दी में था | उसने अपने घर को टाला लगाकर मेरे यहाँ चाबी रखाने के लिए आया तभी में उसे पूछा की | रघु इतनी जल्दी में कहा जा रहे हो | कही पर भी नहीं भाभी | और रघु बिना बताये ही | वहासे कही तोभी चला गया | थोड़ी देरबाद वो अपने घर की चाबी लेने के लिए आया |वो मेरी तरफ बहोत अलग नज़र से देख रहा था | और वो मुझसे कुछतो भी छुपाते हुवे अपने यहाँ चला गया | मे उसकी तरफ देख रही थी | मुझे लगा शायद कुछ तो भी गड़बड़ है |

घर के सारे काम होने के थोड़ी देर बाद | कुछ काम के लिए में रघु के यहाँ गई | तभी मुझे घर का दरवाजा खुला दिखाई दिया | मेने दरवाजे को ढकेल कर घर के अंदर गई| तो मेने देखा की सोफे पर रघु के कुछ कपडे पडेहुए दिखे | में जब एक कदम सामने गई तो मेरे पैर के निचे रघु की "अंडर वियर " भी दिखी | तब में यहाँ वह देखने लगी तो मुझे एक कमरे में से कुछ अजीब सी आ..... आ ,की आवाजे आने लगी | तभी मेने उस कमरेमें जाकर देखा | तो में देखतेहि एकदम से हैरान हो गई | मेने देखा की रघु अपने कमरेमे नंगा होकर " पोर्न " मूवी देख रहा है |उस पोर्न फिल्म में एक भाभी छोटेसे बच्चे को चोदने का पूरा मजा देरही थी | पोर्न मूवी को देखते हुवे रघु अपने लण्ड को हातमे पकड़कर जोर जोर से हिला रहा था | वो पोर्न मूवी देखने में इतना वयस्त था की उसने अपने घर के सरे दरवाजे खुले छोड़ दिए थे | में दरवाजे के सामने खड़ी ये सब अपनी आखो से देख रही थी | उसे ये पता ही नहीं था की में दरवाजे के सामने खड़ी होकर में ये सब देख रही हु | तभी मरी आखे उसके लण्ड पर आ टीकी | उसका लण्ड करीब ८ इंच इतना बड़ा था| १४ साल के बच्चे का इतना बड़ा लण्ड देख कर में एकदम हे पागल हो गइ | इतना बड़ा लण्ड तो मेरे पति का भी नहीं है | मे उसका लण्ड देखकर एकदम से खुश होने लगी | उसका लण्ड काले नाग की तराहा फन निकाले हुवे दिख रहा था | उसके आंड बड़ी गोल मटोल थे |

तभी उसने अपनी आखे बंद करली और अपने बड़े कालेसे लण्ड को दोनों हातोमें लेकर जोर से हिलाने लगा | और हिलाते हुवे जोर जोर से " अरपिता " अरपिता " ,,,,,,,,I love you " अरपिता कहने लगा | में ये सब सुनकर एकदम से हैरान हो गई | में उसे ये सब कहते हुवे देख रही थी | शायद ये आखे बंद करके मुझे सपनो में चोद रहा है | मुठ मारते हुवे उसका मु देखने जैसा | उसके हिलते हुवे लण्ड को देखकर मेरी चुत भी जोरसे खुजाने लगी | वो काफ़ी दिनों से एक बडासा लण्ड मांग रही थी | करीब आधा घंटा लण्ड हिलाने के बाद वो जोर से चिल्ला या और उसने अपना "वीर्य" फवारो के साथ छोड दिया | मे ठिक उसके सामने खड़ी थी | उसके वीर्य के छींटे मेरे मुहा पर आगिरे | तभी वो अपने बड़े लण्ड से मूतने लगा | मे तो देखते ही रह गइ | साला कितना चोदु किसम का लड़का है ये | उस का लण्ड फिर भी खड़ा हुवा दिख रहा था | तभी उसने अपनी आखे खोली | तो में ठीक उसके सामने खड़ी थी | वो अचना से मुझे अपने सामने देख कर घबरा गया | अरे अरपिता भाभी आप यहाँ केसे | वो अपने लण्ड को छुपाते हुवे इधर उधर अपने कपडे ढूढ़ रहा था | तभी में उसे मन ही मन मुस्क़ुराते हुवे डाट रही थी | तो ये गुल खिल रहे है | अच्छी पढ़ाई चल रही है तुम्हारी और पोर्न फिल्म देखते हो | इस उम्र में शर्म नहीं आती | वो बिचारा मेरे सामने अपने तने हुवे लण्ड के साथ मेरी सभी बाते सुनरहा था
 
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बोलो क्या कर रहे थे | अपने बडेसे लण्ड को हात में पकड़ कर मुठ मार रहे थे | मेरा नाम ले रहे थे | क्यु बोलो रघु ? | मूठ मारते हुवे जोर जोर से " अरपिता ,,अरपिता | I love you " अरपिता चिल्ला रहे थे | क्यू पोर्न फिल्म की तरह मुझे चोदना चाहते हो | पसंद करते हो " अरपिता" भाभी को,,,,,,, बोलो | प्यार करते हो मुझसे | लन्ड तो देखो तुम्हारा अभी तक तना हुवा है | में मन ही मन उसे डाटते हुवे मुस्कुरा रही थी | बिचारा रघु एकडम से सहम गया था | उसका मु देखने जैसा था | तभी मेने उसे फिर से डाट ते हुवे कहा | अभी १६ साल की उम्र में कितना बड़ा लण्ड है तुम्हारा | इतना बड़ा लण्ड तो स्कूल के किसी बच्चे काभी नहीं होगा | बहोत ही छुपे रुस्तम निकले तुम | अच्छा हुवा मेने देख लिया | नहीं तो क्या करो गे इतने बड़े लण्ड का |बोलो | मुठ मरोगे | या फिर मुठ मारते हुए मुझे सपनो में चोदोगे | हैना रघु ?| में बहोत देर से उसके लण्ड को देखे जा रही थी | उसका काला लण्ड और आंड बड़े ही मस्त लगरहे थे | वो मेरे सामने १० मिनट हो गए नंगा ही खड़ा था | तभी उसकी तरफ देख कर जोर से हसने लगी | वो मेरी तरफ देख रहा था | तभी में उसे अपने पास बुलाया | और उसे अपने गले लगाया | अरे रघु में तो मजाक कर रही थी | डरो मत भाभी से | भाभी को सच सच बातो तुम लण्ड को हातमे लेकर मुठ क्यू मारते हुए मेरा नाम क्यों ले रहे थे | बोलो ?| मुझे चोदना चाहते हो | मज़ा लेना चाहते हो भाभी का | | बोलो ? | है भाभी मे आप से बहोत प्यार करता हु | आपको बहोत चाहता हु | i love you भाभी | वो मेरी तरफ " कामुक" नज़र से देख रहा था | अब मुझसे रहा नही जा रहा था |तभी में ने सके बड़े काले लण्ड को अपने हातो में पकड़ लिया | में ने पहली बार इतने बड़े लण्ड को अपने हात में लिया था | में उसके लण्ड को अपने हातोसे सहेला रही थी | वो मेरी तरफ चाहत भरी नज़र से मेरी आखो में देख रहा था | तभी में उसके लण्ड को देख कर बोली | बहोत मस्त लण्ड है तुम्हारा | ऐसा लण्ड भाभी को बहोत अच्छा लगता है | काफी सख्त और बला की ताकद है तुम्हारे लण्ड में | तभी रहु बोला | भाभी मेरा लण्ड चुसोना | अच्छा तो ये ख्वाईश है | काफी रण्डी बाज हो तुम | उस पोर्न फिल्म की तराहा भाभी से अपना लण्ड चुसवाना चाहते हो | तभी में मुस्कुराते हुवे उसके सामने निचे बेठ गई और उसके लण्ड को हात में पकड़के चाट कर गीला करने लगी | अब तो रघु को बहोत मज़ा आने लगा | में उसके आंड को अपने मुहमें लेते हुए | एक हात से उसका लण्ड जोर जोर से हिलाने लगी | तभी वो जोरसे आ ,,,आ , अरपित ,,,अरपीता करके चिल्लाने लगा | मेंने अपने दोनों हातो से उसके लंड को पकड़कर जोर जोर से हिलाते हुए चूसने लगी | रघु तो कामुकता के नशे में पूरी तराहा डूब चूका था | में उसके लण्ड को मुह में लेकर चुदवा रही थी | उसका लण्ड पूरी तराहा से गिला हो चूका था | इतना बड़ा लण्ड में पहली बार चूस रही थी | और मुझे चूसस्ते हुसे पूरा मजा आ रहा था |


करीब १ घंटे से में उसका लण्ड हिलाते जा रही थी | साले का लण्ड इतना सख्त था की इतनी देर से हिला नेके बाद भी उसका गिर नहीं रहा था | तभी में उसकी तरफ देखते हुए कहने लगी | कया रे रघु तेरा लण्ड है की कया है | गिर ही नहीं रहा | फिर मेने उसके लण्ड को और जोरसे चूसते हुए | अपने दोनों हातोसे जोर जोर से हिलने लगी | करीब आधा घंटा उसका लण्ड हिलाने के बाद | तभी वो जोरसे अरपीता ,,,,अरपीता करके चिल्लाया और उसने अपना " वीर्य " मेरे मुहा में गिरा दिया | में उसका वीर्य पिगई मेरा मुह पूरी तराहासे भर चूका था |तभी वो हरामी मेरे मुह पर मूतने लगा | में उसके मुत को अमृत समजकर पिने लगी | वो मेरी तरफ कामुक नजर से देखने लगा | क्यू रघु | भाभी का मज़ा आया | उसका मुह देखने जैसा था | १६ साल के लड़केका लण्ड चूसने का मुझे काफी मज़ा आया |तभी मे उठ खड़ी हु | और उसकी तरफ देखने लगी | वो हरामी मेरे सामने नंगा ही खड़ा था | मेरी तरफ देखे जा रहा था | तभी मेने निचे देखा तो उसका लण्ड फिरसे तन चूका था | हेर राम | क्या लण्ड हेरे तेरा | अब क्या रातभर तेरा लण्ड चुस्ती रहु | कपडे पहनो जल्दीसे | बेशरम कही के | तुम्हारे घरवाले आतेहि होंगे | तभी में मन ही मन मुस्कुराते हुवे वहा से चली गई |
 
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