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Hindi Sex Story दादा जी के दोस्त के साथ पहली चुदाई

kanika

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दादा जी के दोस्त के साथ पहली चुदाई

मेरा फर्स्ट सेक्स एक्स्पीरिएंस मैंने 19 साल की उम्र में अपने दादा के दोस्त के साथ किया. उस समय मेरा मन बहुत होता था चुदाई का क्योंकि मेरी सभी सहेलियां चुद चुकी थी.
दोस्तो, मेरा नाम कनिका है. मेरी उम्र अभी 20 साल है, मैं एकदम जवान सेक्सी लड़की हूँ.
Mera First Sex Experience कहानी एक साल पहले की है.
मेरा शरीर एकदम भरा हुआ है. मेरी फिगर 32-28-34 की है. मैं दिखने में एकदम गोरी और सुंदर हूँ. कोई भी मर्द या लड़का मुझे देखेगा तो उसी पल मुझे चोदने का मन बना लेगा.
हमारे परिवार में मेरे दादा जी, मेरे पिता जी, माता जी और दो मेरे बड़े भाई हैं. दोनों भाई, पिता जी के साथ फैक्ट्री सम्भालते हैं. हमारा परिवार एक धनाड्य परिवार है.
मेरी बहुत सारी सहेलियां थीं, जो अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स कर चुकी थीं. वो अपने सेक्स के बारे में बड़े मजे लेकर मुझे बताती थीं. मुझे उनकी चुदाई की बातें सुन कर सेक्स करने को मन करने लगता था.
मैं घर आकर सेक्स की कहानियां पढ़ कर अपनी चूत में उंगली करके खुद को शांत कर लेती थी.
ये आप भी जानते हैं कि उंगली से कब तक मन शांत होता है. मेरा भी मन लंड को अपनी चूत में घुसवा कर चुदाई का मजा लेने का होता था.
फिर मैंने सोचा कि मैं भी किसी को अपना बॉयफ्रेंड बना लेती हूँ, जो मेरी आग को ठंडी कर देगा. लेकिन मुझे कोई ऐसा लड़का नहीं मिल रहा था, जो मेरी उम्मीद पर खड़ा उतरे.
एक दिन मेरे दादा जी का दोस्त उनके साथ घर आया.
उस दिन दादा जी अपने उस पहलवान दोस्त के साथ दारू पीने वाले थे.
वो दोनों गार्डन में बैठ के दारू पर रहे थे.
तभी दादा जी ने मुझे पानी लेकर आने को कहा.
मैं जब पानी लेकर गयी तो दादा जी का दोस्त मुझे घूर कर देख रहा था.
वो दादा जी की तरह पहलवानी करने वाला आदमी था.
मेरे दादा जी अभी भी पहलवानी करते थे.

मैं पानी देकर चली आयी.
दोनों दारू पीने में लगे हुए थे.
मेरी मम्मी दवा खाकर सो गई थीं.
मैं अपनी बालकनी में बैठी हुई थी कि तभी दादा जी का दोस्त गार्डन के कोने में आ गया.
उन्होंने शायद मुझे बालकनी में बैठा देख लिया था पर मुझे नहीं पता चला था.
उन्होंने जानबूझ कर अपनी पैंट से लंड निकाल कर मेरी तरफ कर दिया और मूतने लगे.
वो इस तरह से लंड मेरी तरफ किए हुए मूत रहे थे ताकि मैं उनका लंड देख सकूं.
उनका लंड एकदम तगड़ा था. मैं तो देखती रह गयी, मुझे भी ऐसे ही किसी लंड से चुदाई करने का मन था.
तभी उनकी नज़र मेरी नजर से मिल गई.
मैं एकदम से घबरा गई और जल्दी से कमरे में भाग गई.
अब रात के 12 बज रहे थे. मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैंने खिड़की से देखा तो मेरे दादा जी गार्डन में ही दारू पीकर बेहोश पड़े थे.
उनका वो दोस्त उधर नहीं था.
तभी कुछ देर बाद मेरे रूम के दरवाजे पर दस्तक हुई.
मैंने गेट खोला.

दरवाजे पर सामने मेरे दादा जी का वही दोस्त खड़ा था.
वो दरवाजा खुलते ही मेरे कमरे में आ गया.
मैं उससे बोली- दादाजी, आपको कुछ चाहिए क्या?
वो बोला- हां, मुझे तुम चाहिए.
मैं बोली- मैं कुछ समझी नहीं?
वो बोला कि अब तुम छोटी नहीं हो, जो तुम्हें कुछ समझ नहीं आया.
मैं समझ गई कि आज मामला कुछ गड़बड़ है.
अंकल ने कहा- तुम सुन्दर हो, हसीन हो जवान भी हो. मैं तुम्हारे साथ आज रात बिताना चाहता हूँ. तुम्हारी जवानी को चखना चाहता हूं. तुम्हारे दादा ने बताया कि तुम्हारी मां रात को नीद की गोलियां खाकर सोती है. और पापा व तुम्हारे दोनों भाई घर पर नहीं हैं.
मैंने कहा- दादा जी तो हैं.
वो- तुम्हारे दादा को मैंने ज्यादा पिला दी है. वो भी सुबह होने से पहले उठने वाला नहीं है.
मैं बोली- मैं ये सब आपके साथ नहीं कर सकती. मैंने कभी ऐसा नहीं किया है. मैं उस तरह की लड़की नहीं हूँ.
मैं ये सब कह जरूर रही थी लेकिन मन ही मन मुझे भी उस रात चुदने को मन हो रहा था.
जब से मैंने अंकल का मोटा लौड़ा देखा था, फर्स्ट सेक्स की सोचते ही मेरी चूत में चुनचुनी होने लगी थी.
अंकल ने कहा- आज नहीं तो कल, तुम्हें ये सब करना ही होगा, आज मैं तुम्हें वो सुख दूँगा जिसे तुम हमेशा मुझे याद करोगी.
मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी.
इतने में अंकल ने मेरे कमरे का दरवाजा बंद कर दिया.
मैं कुछ पीछे को हो गयी.

वो मुझे पकड़ने के लिए आगे बढ़ने लगे.
इतने में मेरे पैर पलंग से टकरा गए और मैं पलंग पर पीठ के बल गिर गई.
वो मेरे करीब आये और उन्होंने मुझे अपनी बांहों से पकड़ कर खड़ा कर दिया.
मैं तो बस उनके सीने तक आ रही थी.
उन्होंने मुझे अपनी बांहों में भर कर मेरे होंठों को चूम लिया, फिर चूमते हुए मुझे वापिस बेड पर लिटा दिया.
उनका एक हाथ मेरी चूचियों पर आ गया था, वो पागलों की तरह मुझे चूम रहे थे, साथ में वो मेरी चूचियों को भी मसल रहे थे.
मैं मर्द का हाथ पाकर मदहोश होती जा रही थी.
उन्होंने मेरी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरी चूचियों को दबाने लगे.
उनका लंड खड़ा होने से मेरी चूत पर चुभ रहा था.
मुझे भी महसूस हो रहा था कि मेरी पैंटी गीली होनी शुरू हो गई है.
मेरी कामुक सिसकारियां निकलनी शुरू हो गई थीं.
तभी उन्होंने मुझे चूमते हुए मेरी निक्कर को खींच कर उतार दिया.
मैंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी हुई थी.
पहली बार मैं किसी मर्द के सामने नंगी हुई थी.
मुझे बहुत शर्म आ रही थी. वो मेरी चूत पर हाथ फेरने में लगे हुए थे और मेरे मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.
वो नशे में थे लेकिन सेक्स के लिए आतुर हो रहे थे.
अब उन्होंने मेरी टी-शर्ट को उतारने के लिए मेरे दोनों हाथों को ऊपर की तरफ कर दिया, जिससे मेरी टी-शर्ट मेरी बांहों में से होती हुई उतर गई.
उनको मेरी ब्रा में से चुचियां दिखाई देने लगीं.
दादा जी के दोस्त ने मेरी ब्रा को पकड़ कर खींच दिया, जिससे ब्रा की एक तरफ की पट्टी टूट गई और ब्रा मेरे जिस्म से अलग हो गई.
दादा जी के दोस्त मेरे दोनों गोरे गोरे चूचों को देख कर पागल हो गये और अपना मुँह खोल कर मेरी एक चूची को चूसने लगे.
मेरे मुँह से फिर से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
मुझे अपनी चूची चुसवाने में बहुत अच्छा लगने लगा था.
वो एक चूची को दबा रहे थे और दूसरी को चूस रहे थे.
कुछ देर बाद उन्होंने अपनी शर्ट को उतारना शुरू कर दिया.
शर्त उतरने के बाद मैंने देखा कि दादा जी दोस्त के सीने पर एक भी बाल नहीं था.
फिर वो अपनी पैंट भी उतारने लगे और उसके साथ ही उन्होंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया.
अब उनका लंड मेरा सामने था.
वो एकदम मोटा तगड़ा लंड था. उनके लंड पर भी कोई बाल नहीं था. होता भी कैसे … वो पहलवानी के साथ साथ लौंडिया जो चोदा करता था.
वो मुझसे अपने लंड को चूसने के लिए बोलने लगे.
मैंने मना कर दिया. उन्होनेने मेरे दोनों कंधों पर अपना वजन डाल कर मुझे नीचे बैठा दिया और मेरे मुँह को पकड़ कर मेरे मुँह में लंड डाल दिया.
मुझे लंड चूसना बहुत गंदा लग रहा था लेकिन वो नशे में कुछ नहीं समझ रहे थे, वो तो बस मेरे मुँह में लंड को आगे पीछे करने में लग गये थे.
कुछ देर के बाद जब उन्होंने अपने लंड को मेरे मुँह से से बाहर निकाल लिया तो मेरी सांस में सांस आयी.
मैंने आज पहली बार लंड चूसा था मगर मुझे मजा आने लगा था.लंड चूसने में ऐसा लग रहा था मानो मैं कोई नमकीन गन्ना चूस रही थी.

फिर उन्होंने मुझे मेरे पलंग पर लिटा दिया और मेरी दोनों टांगों को फैला दिया.
अब उन्होंने अपने मोटे लंड को मेरी चूत पर रख दिया और एक बार में चूत में धकेल दिया.
मुझे तो लगा कि जैसे मेरी जान निकल गई हो. किसी ने मेरी चूत में गर्म लोहा डाल दिया हो, ऐसा लग रहा था.
दर्द के मारे मेरा बुरा हाल था. मेरी चूत की कौमार्य झिल्ली फट गई थी.
मैंने कराहते हुए उनसे कहा- अपना लंड बाहर निकाल लो, मुझे बेहद दर्द हो रहा है.
लेकिन वो मेरी कोई भी बात नहीं सुन रहे थे, बस लगातार धक्के लगाने में लगे थे.
दे धपा धप … दे धपा धप.
मेरी चूत से खून निकल कर उनके मोटे लंड पर लग गया था. उन्होंने मेरी चूत की सील तोड़ दी थी.
वो ऐसे ही मुझे चोदते रहे और मैं छटपटाती रही.
उन्हें एक बार भी दया नहीं आई. उनके अन्दर तो जैसे हैवानियत सवार हो गई थी.
कुछ समय बाद मुझे अच्छा लगने लगा. मेरा दर्द जैसे छू-मंतर हो गया. मैं अपनी गांड उठाकर उनका साथ देने लग गई.
अब मुझे बहुत मजा आना शुरू हो गया था. मेरी चूत चुदवाने की इच्छा पूरी हो गई थी.
दादा जी के दोस्त का मोटा लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था. मेरी चूत पहली बार किसी मर्द से चुद रही थी.
मेरी चूत बहुत कसी हुई थी. अंकल को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी.
वो काफी देर तक मुझे मेरे पलंग पर लिटा कर चोदते रहे.
अब उनको भी थोड़ी थोड़ी थकान महसूस हो रही थी जो उनके चहरे पर दिखाई दे रही थी.
फिर दादा जी के दोस्त ने एकदम से मुझे अपनी बांहों में कस कर पकड़ लिया और पलट गये.
उन्होंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला था.
अब मैं दादा जी के दोस्त के लंड के ऊपर आ गई थी. वो मेरे नीचे आ गये थे.
मैं समझ गई कि अब मुझे क्या करना है. मैं अंकल के लंड पर बैठ कर ऊपर नीचे होने लगी जिससे अंकल का मोटा लंड मेरी चूत में पूरी तरह जड़ तक घुस गया था.
मुझे इस तरह से चूत चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.मेरी चूत में मीठा मीठा दर्द भी हो रहा था.
लगभग पांच मिनट बाद मेरी टांगों में दर्द होना शुरू हो गया. मैंने अंकल को बताया- अब आप करो.
फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मुझे चोदने लगे.
वो ऐसे ही मुझे जकड़ कर ताबड़तोड़ चोद रहे थे मानो मैं कहीं भाग जाऊंगी.
अब मेरी चूत में जैसे कोई झरना बहना शुरू हो गया था.
मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और अपनी चूत से पानी छोड़ दिया.
लेकिन वो अभी तक नहीं झड़ा था.
वो मुझे अभी भी जोर जोर से चोद रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि आज वो मेरी चूत का बाजा बजा देगा.

मेरे झड़ने के कुछ मिनट बाद उनकी चोदने की स्पीड एकदम से बढ़ गई.
उन्होंने फिर से एक दो जोर के झटके दिए और मुझसे कहा- जल्दी बोलो, कहां पर अपना वीर्य निकालूं?
मैंने कहा- बाहर निकाल दो, अन्दर नहीं … कहीं मैं गर्भवती हो गई तो गड़बड़ हो जाएगी.
उन्होंने अपना लंड बाहर निकाल कर सारा वीर्य चूत के ऊपर गिरा दिया और मेरे ऊपर लेट गये.
वो अब मेरी चुचियों को चूस रहे थे, मेरी चूचियों को मुट्ठी में भरकर दबा रहे थे.मेरी चूचियों में दर्द हो रहा था.वो मेरे निप्पलों को पकड़ के उंगलियों से मसल रहे थे. मेरी तो जान निकली जा रही थी.
फिर दादा जी का दोस्त मेरे पीछे की तरफ लेट गये.
उनका लटका हुआ लंड मेरी गांड पर लग रहा था.
कुछ देर में मुझे महसूस हुआ कि उनका लंड फिर से तन गया है. वो फिर से चोदने को तैयार थे.
मैंने मना किया लेकिन वो नहीं माना
इस बार उन्होंने मुझे पलंग पर घोड़ी बनाया और पीछे से मेरा चूत में लंड डाल दिया.
अब तो वो मेरी कमरतोड़ चुदाई करने लगे थे.
ऐसा लग रहा था कि मेरी कमर टूट जाएगी. उनके हर धक्के से मेरी चूचियां जोर जोर से हिल रही थीं.
वो मुझे चोदते हुए पीछे से मेरी पीठ को चाटने में लगे हुए थे, साथ में मेरी चूची को पकड़ कर खींच रहे थे.
मैं बहुत थक गयी थी लेकिन दादा जी का दोस्त रुकने का नाम नहीं ले रहे थे.
वो अलग अलग तरीके से मेरी चूत का बैंड बजा रहे थे.
कभी वो मुझे लेटा कर मेरी एक टांग को ऊपर उठा कर पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डाल कर चोदने लगते तो कभी मेरी दोनों टांगों को फैला कर मेरी चूत का बाजा बजाने लगते.
कभी मुझे अपनी गोदी में बैठा कर मेरी चूत को भोसड़ा बना रहे थे.
कभी मुझे दीवार पर लगाकर मेरी चूत में लंड घुसा घुसा कर मेरी चूत चोद रहे थे.
फिर उन्होंने मुझे पलंग पर घोड़ी बना दिया और मेरी कमर को पकड़ कर मेरी चूत चुदाई करने लगे.
दे धपा धप … पूरी रात अंकल ने मेरी चूत को पांच बार चोदा.
सुबह 4 बजे तक उन्होंने मेरी चुदाई की.
तब तक उनका नशा भी उतरना शुरू हो गया था.
फिर उन्होंने कपड़े पहने और बाहर जाने से पहले मेरे पूरे जिस्म को चूमा और कहा- बेटा, तुम्हारी आंटी को गए पूरे हुए दस साल हो चुके हैं. उनके जाने के बाद मैंने किसी भी लड़की को नहीं छुआ था. पर जब तुम पानी देने आई थी, तब तुम्हारी जवानी और तुम्हारी जैसी सुंदर अनछुई लड़की को देख कर, तुम्हारा गदराया जिस्म देख कर तुम्हें चोदने का मन बना लिया था. फिर मैंने तुम्हारे दादा को शराब के नशे में चूर कर दिया और घर में इस समय कौन कौन है, सब पता कर लिया था.
दादाजी की ऐसी बातें सुनकर मेरा मन खुश हो रहा था.उसके बाद दादा जी के दोस्त चले गए.
उनके जाने के बाद मेरी कमर में बहुत जोर का दर्द हो रहा था. मैं खड़ी होने के लायक नहीं थी.
मगर मुझे पेशाब आ रही थी. जैसे तैसे करके में बाथरूम में जाकर कमोड पर बैठ कर पेशाब करने लगी.
पेशाब के साथ दादाजी का वीर्य भी निकल रहा था. जो उन्होंने आखिरी बार चुदाई करते वक्त मस्ती में मेरी चूत के ऊपर छोड़ दिया था.
मेरी चुदाई के बाद क्या हालत हुई थी, ये सब जानने के लिए मैं अपने कमरे के आइने के सामने जाकर एकदम नंगी खड़ी हो गई थी.
मैंने देखा कि मेरी चूत फूल कर पाव रोटी जैसी हो गई थी. चूत का मुँह भी चौड़ा हो गया था.
मेरी चूची भी फूल कर कुप्पा हो गई थी. उस पर अंकल के काटने से निशान बन गए थे.

मैंने ऐसी चुदाई कभी सपने में भी नहीं सोची थी.
फर्स्ट सेक्स के बाद मैं अब वर्जिनिटी खो कर अलग अलग लंड से चुदने लायक हो गई थी.
मेरा फर्स्ट सेक्स एक्स्पीरिएंस पढ़ कर आपको मजा तो आया ही होगा.ब्कमेंट्स में बताएं.

jaiskanika20@gmail.com

 

चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 1​

(Erotic Girl X Kahani)​

इरोटिक गर्ल X कहानी एक कमसिन लड़की की सेक्स के प्रति उमड़ते भावों की है. जैसे ही उसे सेक्स के बारे में जानकारी हुई, वो इसे आजमा कर देखना चाहती थी.

हाय मेरे आशिको, मेरा नाम कनिका है. मेरी उम्र 19 साल है और मेरा फिगर 32-28-34 का है.
मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ.

मेरी इरोटिक गर्ल X कहानी का मजा लें और मुझे बताएं कि आपको यह कहानी कैसी लगी?

मैं एकदम दूध सी गोरी हूँ और मेरी चूत भी पिंक है.
मेरे उरोज यानि चूचे खूब बड़े, मोटे और कसे हुए हैं. मेरी गांड भी खूब बड़ी, मोटी, चौड़ी और अभी एकदम टाइट है.
मेरी गांड काफी बाहर को ऐसी उठी हुई है, जैसे किसी शादीशुदा औरत की होती है.

मैं अपनी उम्र से तो लड़की हूँ लेकिन शरीर से पूरी पकी हुई माल औरत दिखती हूँ.

हमेशा से ही मैं बहुत खुले, मॉडर्न और बहुत ही ज़्यादा सेक्सी कपड़े पहनने का शौक रखती हूं, जिसके लिए मुझे मेरे घर पर कोई मना नहीं करता.

और हां घर से याद आया, आपको बता दूँ कि मेरे घर में मेरे पापा एक बिज़नेस मैंने हैं और मम्मी एक स्कूल की अध्यापिका हैं. मेरा एक भाई भी है, वो मुझसे छोटा है.

मुझे हमेशा से सेक्स की बातों और सेक्स में रुचि रही है लेकिन अभी तक मेरा उद्घाटन नहीं हुआ था. लेकिन एक उम्र पार करने के बाद मुझे चुदने की इच्छा बहुत ज़्यादा होने लगी और पहली बार की चुदाई में मेरी बुर का उद्घाटन भी होना था, तो उसको लेकर मैं और ज़्यादा उतावली थी.

अब मैं आप लोगों का ज्यादा टाइम न लेते हुए सीधे अपनी देसी सेक्स कहानी पर आती हूँ.

ये घटना अभी हाल ही से घटित हुई थी.
एक बार ये सिलसिला चालू हुआ तो बस चलता चला गया.

मैं शुरू से पढ़ने में बहुत कमजोर थी. मेरा दिमाग बस फैशन, मोबाइल और घूमने में रहता था, जिसके चलते मैं स्कूल में दो बार फेल भी हो गयी थी.

लेकिन मेरे घर में मैं बहुत लाड़ली हूँ इसलिए कोई मुझसे कुछ नहीं बोला. बल्कि पापा ने मेरी आगे की पढ़ाई के लिए प्राइवेट फॉर्म भरा दिया था.

अबकी बार मेरा फिर से बारहवीं का एग्जाम होना था जिसका बस मुझे पेपर देने जाना था.

इसी दौरान मेरी सेक्स लाइफ की शुरूवात मेरे घर के बगल वाले एक भैया ने की, जो मेरे घर के एकदम बगल रहते थे.
उनकी और मेरी छत से आने जाने का भी रास्ता था.

मेरा कमरा भी ऊपर का था, नीचे बाकी घर वाले सोते थे. मेरा कमरा छत पर खुला खुला सा था. कमरे के सामने छत का कुछ हिस्सा था. मेरे घर की दूसरी तरफ एक पुराना खंडहर सा मकान था, जिसके रास्ते मैं रात को चुपके से घर से बाहर आती जाती थी.
वो रास्ता सिर्फ मुझे पता था. उस रास्ते से उतरने चढ़ने की सारी स्कीम मैंने फिट कर रखी थी.

बगल घर वाले भैया का नाम समीर था.
वो अक्सर मेरे घर पर आते जाते रहते थे लेकिन इधर कुछ दिनों से जब से मैं जवान हुई, तब से उनका बर्ताव मेरे प्रति कुछ बदल सा गया था.

क्योंकि मैं हमेशा घर में खुले और छोटे कपड़े पहने रहती और समीर भैया मुझे बड़ी अजीब नज़रों से देखते थे और मौका मिलते ही मुझसे चिपकने लगते थे.
ये सब तो वो शुरू से करते आए थे लेकिन अब कुछ ज़्यादा और अजीब तरीकों से वो मुझे छूने लगे थे.

मुझे भी उनका छूना अच्छा लगता था इसलिए मैंने उन्हें कभी नहीं रोका था.

एक दिन दोपहर में मैं किचन में अपने लिए मैगी बना रही थी.
उस दिन मैं हमेशा की तरह अपने घर में बिना ब्रा पैंटी के एक एकदम फिटिंग की शार्ट निक्कर पहने हुई थी.

अपने मम्मों को मैंने एक स्लीवलेस टी-शर्ट से छुपाया हुआ था.
ये टी-शर्ट आधी थी, मतलब मेरे पेट को भी ढक न सके वैसी थी.

मैं मैगी बनाने में मस्त थी.
तभी भैया एकदम चुपके से मेरे घर में आ गए और अन्दर किचन में आकर उन्होंने मुझे पीछे से दबोच लिया.

मैं एकदम से घबरा कर पलटी, तो उनका हाथ मेरी चूची पर आ गया और उन्होंने उसे दबा भी दी.

मैंने भैया से कहा- आप ऐसे चुपके से मत आया करो, मेरी जान निकल जाती है.
इस पर भैया बोले- कैसे, मेरी जान तो तुम हो, तुमको कैसे जान देने दूंगा.

अब इस बात को सुनकर मैंने बनते हुए कहा- क्यों आज सुबह से कोई उल्लू बनाने के लिए मिला नहीं क्या?
इस पर हम दोनों हंस पड़े.

भैया बोले- मुझे भी मैगी खानी है.
मैंने कहा- चलो आप बाहर बैठो, मैं अभी लेकर आती हूँ.
भैया बाहर चले गए और मैं मैगी लेकर बाहर आ गई. हम दोनों मैगी खाने लगे.

भैया मुझे अपने हाथों से खिलाने लगे और कुछ देर बाद वो चले गए.
आज भैया के छूने से मेरा मन एकदम से मचल गया था.

उनके जाने के बाद मैंने टीवी पर एक ब्लू फिल्म चला दी और खुद पूरी नंगी होकर अपने दोनों मम्मों को दबाने लगी.
मैं अपने दोनों हाथों की बड़ी वाली उंगलियों में थूक लगा कर अपने निप्पल्स पर रगड़ने लगी.
जैसे जैसे ब्लू फिल्म आगे बढ़ी. मेरी आग भड़कने लगी.

उस फिल्म में एक लड़की काफी बड़े बड़े लंड लेती दिख रही थी.
अलग अलग लंड का मज़ा वो बड़ी मस्ती से ले रही थी और उसका अहसास मुझे भी हो रहा था.

कुछ ही देर में मैं गर्मा गई और अपनी चूत रगड़ने लगी.
बस ऊपर से ही चुत रगड़ कर मैंने अपना पानी निकाल दिया.

ऐसा मैं हर बार करती थी मगर आज तक मैंने अपनी उंगली को अन्दर नहीं किया था.
क्योंकि मुझे अपनी चूत का उद्घाटन लंड से करना था ना कि उंगली से.

कुछ देर उसी ब्लू फिल्म को देखते देखते मैं सोचने लगी कि इस लड़की को अपनी एक चूत में इतने सारे लंड लेने में कितना मज़ा आता होगा और इसके जैसी दूसरी रंडियों को भी बड़ा मज़ा आता होगा.

यही सब सोचते सोचते मैंने भी एक की जगह अनेक लंडों से चुदने की सोच बना ली.
उसी समय मैं एकदम से अकड़ गई और झड़ गयी.

झड़ने के बाद मैं पेन और कॉपी लेकर आयी और लिस्ट बनाने लगी कि किससे किससे चुदना है.
पहला नाम मैंने समीर भैया का लिखा क्योंकि मुझे अपनी बुर की सील उनके ही लंड से तुड़वानी थी.

मैंने कई बार महसूस किया था कि समीर भैया का सामान बहुत मोटा था जिसको लेकर मुझे मज़ा भी आएगा और इतने मोटे सामान से चुदने के बाद बाकी सबके लंड का सामना मैं बड़ी आसानी से कर सकूँगी.

फिर समीर भैया एक अरसे से मुझे पटाने की कोशिश में लगे हैं तो इसी लिए उन्हें चोदने का पहला हक़ देना बनता था.

फिर मैंने नोटिस किया कि मेरे सगे भाई के कुछ दोस्त भी मस्ती से मुझे देखते थे.
वो सब भी मुझे बड़ा लाइन मारते थे.

मेरे भाई के दोस्त, उसकी क्लास के लड़के भी बांके जवान थे.

भैया के दोस्तों के बाद मुझे पापा के दोस्तों की याद आई.
वो सब भी हमेशा मुझसे यही बोलते थे कि जिससे तुम्हारी शादी होगी, वो बड़ा किस्मत वाला होगा.

उनकी इस बात का मतलब मुझे अब समझ में आया तो मैंने पापा के दोस्तों का नंबर भी लाइन में लगा लिया.

बाकी का मैंने सोचा कि जब कोई मिलेगा, तो उसे भी देखा जाएगा.

अब आज से आपकी सीधी साधी कनिका एक नए रूप में आ गई थी. उसने एक टॉप की रंडी का अवतार लिया था.

अब मेरा बस एक ही मकसद था कि आज से चुदाई का मजा लेना है.
उस दिन के बाद अगले दिन जब मैं घर पर अकेली हुई तो समीर भैया को उनके घर से बुला लायी.

मैंने उनसे कहा- भैया मेरा टिकटॉक पर वीडियो बनाने में मदद कर दो.
वो ख़ुशी ख़ुशी राज़ी हो गए.

मैंने उनके सामने डांस करते हुए भैया से अपने खूब सारे वीडियो बनवाए, जिसमें मैंने शॉर्ट्स और टी-शर्ट ही पहन कर बनवाया था.

भैया ने आज मेरे मोटे मोटे चूतड़ों को खूब करीब से मटकते हुए देखा और मेरे दोनों चूचों को भी उचकते हुए देखा था.
मैंने साफ देखा था कि उनका लौड़ा उनके लोअर में तंबू बन गया था जिसको वो बार बार सही कर रहे थे.

सारे वीडियो बन जाने के बाद मैं एकदम से गयी और भैया की गोद में बैठ गयी.
मैं बोली- भैया दिखाओ … वीडियो कैसी बनी हैं.

उनका खड़ा लौड़ा मेरी गांड की दरार में घुस गया और वो एक हाथ मेरी नंगी जांघ पर रख कर मुझे मेरी सारी वीडियो बारी बारी से दिखाने लगे.

सब वीडियो देखने के बाद मैंने कहा- भैया, एक वीडियो आप भी मेरे साथ बनाओ.
वो तैयार हो गए.

मैंने भैया के साथ वीडियो बनाने में एक थोड़ा ज्यादा रोमांटिक गाना चुना.
उन्होंने उस 30 सेकंड के वीडियो को बनाने के लिए पूरा आधा घंटा लगाया.
उस दरमियान उन्होंने मेरे पूरे बदन को भी छुआ.

उस गाने में आखिर में एक किस पहले लड़की लड़के के गाल पर करती है … और फिर लड़के को एक बार करना था.
लेकिन समीर भैया ने जानबूझ कर काफी बार उस वीडियो में गलती की, जिसमें मेरा पूरा बदन वो छूते रहे और मेरे चुम्बन लेते रहे और मुझे देते रहे.

फिर अंतत: वो वीडियो बन गयी और कुछ देर बाद भैया चले गए.

कुछ देर बाद मम्मी स्कूल से आ गईं और मेरा भाई भी आ गया.
हम लोगों ने खाना खाया.

कुछ देर के आराम करने के बाद भाई कोचिंग चला गया और मैं बाहर वाले हॉल में लेट कर अन्तर्वासना साईट खोल कर सेक्स कहानी पढ़ने लगी.

मम्मी अपने काम में व्यस्त हो गयी थीं तो मैं बिंदास अपनी बुर सहलाती हुई सेक्स कहानी का मजा लेती रही.

करीब एक घंटे बाद मेरा भाई कोचिंग से वापस आया तो उसके साथ उसका दोस्त भी मेरे घर आ गया था.
वो रोज ही कुछ देर के लिए हमारे आ जाता था. उसका नाम रोहन था.

रोहन भी मुझे बहुत घूरता था और हसरत भरी निगाहों से मेरे दूध देखता था.

उस समय जब रोहन आया तो मैं औंधी लेटी थी. यानि अपनी गांड ऊपर करके लेटी हुई अन्तर्वासना का मजा ले रही थी.
जैसे ही मेरा भाई घर के अन्दर आया, उसने रोहन को हॉल में बैठने को बोला और वो अन्दर चला गया.

जैसे ही रोहन अन्दर आया तो उसने मुझे बड़ी गौर से देखा.

उसको अन्दर आया देख कर मैं उठ गई और उससे बात करने लगी.
मैंने उसका हाल चाल पूछा और पढ़ाई के बारे में भी थोड़ा कुछ बात की.

फिर मुझे अपनी सेक्स वाली खुराफात सूझी तो मैं उसके बगल में सोफे पर जाकर बैठ गयी.

मैंने उससे पूछा- ये बताओ कि तुम फ़ोटो अच्छी खींच लेते हो ना?
इस पर वो बोला- हां दीदी. मैं तो फोटो शूट भी कर लेता हूँ.
मैं उससे बोली- यार, मेरा भी फ़ोटो शूट कर दो.

वो बोला- हां ठीक है. लेकिन कब करवाना है आपको?
मैंने उससे कहा- ऐसा करना कि तुम शनिवार को स्कूल मत जाना, घर से निकलना लेकिन स्कूल जाने की जगह तुम मेरे घर आ जाना. तुम अपना कैमरा लेकर आना और मेरा फ़ोटो शूट कर देना.

इसी तरह वो दिन बीत गया.

आज रात के खाने में मम्मी ने खीर बनाई थी.
हम सबने जब खाना खा लिया तो मम्मी ने एक कटोरे में खीर देकर मुझसे बगल में समीर भैया के घर दे आने को कहा.
मैंने मम्मी से बोला- ठीक है, आप इसे यहीं रखो, मैं अभी आयी.

मैं जल्दी से अपने कमरे में आई और अपनी एक रात वाली सेक्सी नाइटी निकाल कर पहन ली.
ये बिना ब्रा और पैंटी के पहनी.

मेरी ये नाइटी काफी छोटी सी थी और खूब खुली हुई भी थी.
उसको पहन कर मैं जाने लगी.

मैंने मम्मी से कहा- आप गेट बंद कर लेना, शायद मुझे आने में देर लग जाए.

मेरी मम्मी को मालूम था कि मैं कभी-कभार बगल वाली आंटी यानि समीर भैया की मम्मी के पास रुक जाती थी.

उनके घर में बस वही दोनों थे.
लेकिन आज का मेरे प्लान में आंटी से मिलना नहीं था, समीर भैया ही मेरे दिमाग में चल रहे थे.

अब मैं अपनी चुदाई कहानी के अगले भाग में आपको बताऊंगी कि मैंने किस तरह से समीर भैया से अपनी बुर की सील फाड़ चुदाई करवाई और लगे हाथ गांड का उद्घाटन भी करवा लिया.

आप मुझे मेल करके बताएं कि आपको मेरी इरोटिक गर्ल X कहानी कैसी लग रही है?
मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 2​



मैं बगल वाली आंटी के घर गयी, उनको खीर का कटोरा पकड़ा दिया और काफी देर उनके साथ बैठ कर बातें की.
आंटी से बातें करते हुए करीब साढ़े 11 बज गए थे.

आंटी ने मुझसे कहा- बेटा आज मैं बहुत थक गयी हूँ.
मैंने उनसे कहा- आंटी, आप जाओ और सो जाओ. मैं समीर भैया के पास जा रही हूँ. मुझे उनसे कुछ काम है.

इसके बाद वो अपने नीचे के कमरे में सोने चली गईं और मैंने उनके घर का मेन गेट अन्दर से बंद कर दिया.

फिर मैं सीधी समीर भैया के कमरे की तरफ बढ़ गई और उनके कमरे के गेट के बाहर खड़े होकर चुपके से देखा.
अन्दर वो अपने बिस्तर पर एकदम नंगे होकर मोबाइल में कुछ देख रहे थे और लंड की मुट्ठ मार रहे थे.

मैंने भी एक पल सोचा और एकाएक दरवाज़ा खोल दिया.
मैं एकदम अनजान बन कर अन्दर आ गई और टीवी चलाने के लिए सामने आ गयी ताकि भैया अपने आपको एडजस्ट कर लें.

यही हुआ, उन्होंने मुझे एकदम से कमरे में आया देखा तो वहीं पड़ी एक चादर को ओढ़ लिया.

तब तक मैंने भी टीवी चला दिया और उन्हीं के साथ उनके चादर में घुस गयी.

उधर समीर भैया पहले से गर्म थे और नंगे व खड़े लंड के साथ मौजूद थे.

भैया ने मुझसे रिमोट मांगा और बोले- लाओ, मैं कोई अच्छी पिक्चर लगा दूँ.
मैंने उन्हें रिमोट दे दिया.

उन्होंने एक अंग्रेज़ी भूतिया और सेक्सी मूवी लगा दी.
शायद वो मेरी ये बात जानते थे कि मुझे भूत वाली फिल्मों से डर लगता है.

उन्होंने फिल्म चलाने के बाद हाथ बढ़ा कर बगल में लगे स्विच दबा कर कमरे की सारी लाइट्स बंद कर दीं.
इससे उस कमरे में बड़ा सेक्सी और डरावना माहौल हो गया था.

उधर पिक्चर जैसे ही एक डरावने सीन की तरफ चली, मैं डर के एकदम से भैया कर चिपक गयी.
उन्होंने भी मुझे दोनों हाथों से बांहों में भर लिया.
मैं काफी देर तक समीर भैया से एकदम चिपक कर डरती हुई पिक्चर देखती रही.

फिर मैं बोली- भैया, अब आगे की फ़िल्म आप देखो, मुझे नींद आ रही है.
भैया बोल पड़े- तुम कपड़े पहन कर सोती हो … ये नहीं करना चाहिए. क्योंकि रात को पूरे शरीर को आराम चाहिए होता है. दिन भर जिस्म को कसाव झेलना पड़ता है. फिर वैसे भी यहां हम दोनों के अलावा कौन है?

मैं तो आई ही चुदने थी तो मैंने समीर भैया की बात मानते हुए अपनी नाइटी उनके सामने ही निकाली जिससे उनको मेरी गांड के दर्शन टीवी की रोशनी से हो गए.
मैं पूरी नंगी होकर उनके साथ उनके बिस्तर में घुस गई.

करीब आधा घंटा बाद भैया ने टीवी बन्द की और मुझे दो तीन बार हिलाया.

मैं अभी तक जाग रही थी मगर मैंने ये जाहिर नहीं होने दिया कि मैं जाग रही हूँ.

मेरी कोई भी प्रतिक्रिया ना पाकर उनको इस बात का यकीन हो गया कि मैं अब गहरी नींद में सो गई हूँ.

वो मेरे मुँह के एकदम पास आ गए और मेरे गाल को चूम कर वो मेरे पीछे लेट गए.
भैया ने अपना लंड मेरी गांड की दरार में घुसा दिया और अपना हाथ मेरे पेट पर रख दिया.

भैया ने काफी देर तक मेरे पेट को सहलाया और उसके बाद उन्होंने मेरी चूचियों को भी मसलना शुरू कर दिया.
काफी देर तक अपने दूध मसलवाने के बाद मैं सीधी होकर लेट गई.

अब भैया के लिए और आसानी हो गई थी.
उन्होंने मेरे पूरे शरीर को चूमा और अंत में वो अपना खड़ा लंड मेरी बुर से रगड़ने लगे. मेरी एक चूची को मुँह में ले लिया, साथ ही वो एक हाथ से मेरी दूसरी चूची को दबाने लगे.
दूसरे हाथ से भैया अपना लंड हिलाने लगे.

कुछ ही समय बाद उनका पानी निकलने को हुआ तो उन्होंने अपने हाथ में वीर्य लेकर थोड़ा मेरे होंठों में लगा दिया और बाकी बचा मेरी सीलपैक बुर के बाहर मल दिया.
उसके बाद वो एक हाथ में मेरी चूची और दूसरी चूची में मुँह लगा कर सो गए.

सुबह करीब साढ़े पांच बजे हम दोनों की आंख खुली.
मैंने भैया को एक गाल पर किस करते हुए गुड मॉर्निंग बोला.

मैं उनके सामने नंगी उठी और अपनी नाइटी पहन कर जाने लगी तो भैया ने अपने गाल के तरफ इशारा करते हुए मुझसे एक और किस मांगा.

जैसे ही मैं उनको किस करने झुकी, उन्होंने मुझे घसीट लिया और मुझे दबोच कर चूमने लगे.
भैया ने मेरे गालों पर मुझे खूब सारे किस कर दिए.

मैंने मजे से भैया के चुम्बनों का मजा लिया और अपने घर आ गयी.

जब मैं घर आई थी तो पापा आदि सब काम पर जा चुके थे.
मैं नहाने चली गयी.

तभी बाजू वाले भैया बाथरूम के बाहर आए और मुझसे बोले- सच में क्या मस्त फिगर है तुम्हारा.
मैंने इठलाते हुए दरवाज़ा भेड़ दिया और उनसे कहा- आप बाहर बैठो.

जब मैं नहा चुकी तो मैं बस टॉवल बांध कर बाहर आ गयी.

और जैसे ही मैं बाहर वाले कमरे में पहुंची, वहां समीर भैया बैठे थे.
उधर आकर मैं अपने बाल झटकारने लगी.

उन्होंने मुझे यूं देखा और पकड़ कर खींच लिया.
मैं जाकर सीधी उनकी गोद में गिरी, जहां उनका खड़ा लंड फिर एक बार मेरी गांड की दरार में फंस गया.

तभी भैया ने मेरे गले को चूमना शुरू कर दिया.
उनकी इस हरकत से मैंने खुद पर से अपना आपा खो दिया और उनकी तरफ घूम कर अपने लबों को उनके लबों में घुसा दिया.
हमारे बीच एक जोरदार फ्रेंच किस का आगाज़ हुआ जिसमें हम दोनों एक दूसरे के होंठों को मानो खाने से लगे थे.

भैया ने मेरी जीभ बाहर निकलवाई और उसको खूब चूसा.
इसके बाद मैंने भी ऐसा किया.

इसी के साथ भैया ने मेरी टॉवल मेरी गांड से उठा दी और अपने दोनों हाथों से मेरी गांड मसलने लगे.
मैं गनगना उठी.

इसके बाद भैया मेरे गाल, गले को चूमते हुए मेरे सीने तक आ गए और अचानक से मेरी टॉवल खींच कर फेंक दी.
मैं नंगी हो गई.

उन्होंने मेरे 32 साइज़ के बड़े मम्मों को मसलते हुए चूसना, चाटना और पीना शुरू कर दिया.
फिर वो मेरे निप्पलों से खिलवाड़ करने लगे और मुझे और ज़्यादा उत्तेजित करने लगे.

इसके जवाब में मैंने उनका सिर पकड़ कर अपनी दोनों चूचियों के बीच घुसा दिया और दोनों चूचियों में घुसा घुसा कर भैया को अपनी दोनों चूचियां बारी बारी से पिलाना शुरू कर दिया.
भैया ने खूब मस्ती से मेरे दूध चूसे.

मैं काफी गर्मा गई.

उसके बाद मैंने भी भैया के गाल और गले को चूमते हुए उनकी टी-शर्ट उतार फैंकी और उनके पूरे शरीर को चूमने लगी.
फिर मैं उनकी गोद से उतर कर उनके पैरों में आ गयी और उनके लोअर में उबाल मारते हुए कड़क लंड हाथ से टच कर दिया.

मैंने जैसे ही भैया के लंड को थामा, उनके लंड की फूली हुई नसें मुझे गड़ने लगीं.
मैंने एक पल भी नहीं लगाया और तुरंत लोअर से लंड बाहर निकाल लिया.

आज पहली बार अपने जीवन में मेरे हाथ में और सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा लौड़ा था.
मैंने भैया के लंड को कुछ देर हाथ में लेकर सहलाया.

तभी भैया ने मेरा सिर पकड़ कर मुझे अपना लंड चूसने का इशारा कर दिया.
मैंने गप से उनका लंड अपने होंठों से लगा लिया.

यह पहली बार था जब मैं किसी लंड को मुँह में ले रही थी.

लेकिन इसके बारे में मैंने अन्तर्वासना की फ्री सेक्स कहानी में इतना ज्यादा पढ़ा था और उसमें दी गई ब्लूफिल्म की लिंक्स को क्लिक करके देखा था कि मेरे दिल में लंड लेने की भूख बढ़ गई थी.

उसी का नतीजा था कि आज मैंने मुँह को जल्दी से किसी रोज़ चुदने वाली रंडी के जितना खोल दिया और लंड मुँह में ले लिया.
मैं लंड चूसने लगी और जल्दी ही करीब करीब उनका पूरा लौड़ा अपने मुँह में लेने लगी.

फिर समीर भैया ने मुझे लंड के नीचे लटकती अपनी दोनों गोलियों को बारी बारी से चुसाया.
मुझे मजा आ गया.

इसके बाद मैंने खुद उन्हें एक साथ लेकर टॉफी की तरह काफी देर और बड़े मजे से चूसा.

अब लंड चुसाई का अध्याय समाप्त हुआ.

इसके बाद समीर भैया ने मुझे एक बार फिर से ऊपर खींचा और मेरे होंठों से शुरू करते हुए मेरे पूरे बदन को चूमने लगे.

भैया ने मुझे चूमते हुए मुझे उसी सोफे पर लिटा दिया और मेरी दोनों टांगों को फैला दिया.

जैसे ही उनका मुँह मेरी बुर के कुछ करीब पहुंचा और उनके मुँह की गर्म भाप मेरी बुर पर पड़ी, मेरी बुर ने एक धारदार पानी की पिचकारी निकाल दी.

समीर भैया पूरा भीग गए. उन्होंने रस चाटा और फिर से एक बार बुर चाटने लगे.
इस तरह मेरी बुर दो बार झड़ी.

अब मेन एक्शन सीन शुरू होना था.

भैया ने मुझे उसी कमरे ने पड़े एक तख्त पर पीठ के बल सीधा लिटा दिया और मेरी दोनों टांगों को चीर कर मेरी बुर खोल कर देखने लगे.
वो खुद भी मेरी टांगों के बीच में आ गए.

उन्होंने मेरी बुर पर खूब ढेर सारा थूक कर लगाया और थूक को बुर पर फैला दिया.
मुझसे भी अपने लंड को थूक से सनवा कर पोजीशन बना ली.

भैया ने अपनी तोप को मेरी बारूदी सुरंग के सामने लाकर सैट किया और एक फायर कर दिया.
मैं उस बकरी के मेमने की तरह चीख पड़ी, जब उसकी जान जाती हो और वो चिल्लाता हो.

उनका लंड मेरी बुर को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया था. मेरे दर्द से भैया रुक गए.
कुछ देर बाद फौजी सर यानि मेरे समीर भैया कुछ देर मुझे सहलाते और चूमते रहे.

फिर जैसे ही मुझे दर्द में कुछ राहत मिली तो उन्होंने मेरी दोनों टांगों को पकड़ कर मेरी बुर में अपना लंड ठेल दिया.

इस बार के शॉट में फौजी की आधी तोप दुश्मन के ठिकाने में अन्दर घुस गई थी.
दुश्मन इस बार भी चिल्लाया और अबकी बार उसके आंसू भी निकल पड़े.

इस बार फौजी पहली बार की तरह नर्म नहीं पड़ा बल्कि उसने दुश्मन की चीख को अनसुना करते हुए अपनी तोप को दुश्मन के ठिकाने को फाड़ते हुए वहीं पर घुसेड़े रखी.

कुछ पल फौजी की तोप ने दुश्मन की बारूदी सुरंग को लहूलुहान कर दिया और अपनी जगह सही से बना ली.

इसके बाद समीर भैया मेरे दर्द को कम करने के लिए मेरे होंठों को और चूचियों को चूसते और दबाते रहे.

मेरी बुर में अब चुनचुनी होने लगी थी, दर्द भी काफी हद तक थम सा गया था.

इसके बाद भैया अपने मोटे हल से मेरे बंजर पड़े खेत की नॉन स्टॉप जुताई करने लगे.

कुछ धक्कों के बाद मैं भी उनके साथ अपनी गांड उठाने लगी.
मुझे मजा आने लगा था.

इसी के साथ मैं अपने कंठ से उत्तेजना भरी आवाज निकालने लगी- उफ्फ उफ भैया, चोदो मुझे … और ज़ोर से भैया … और तेज़ … भैया फक़ मी … प्लीज चोद डालो अपनी बहना को … अहह फक मी!
मेरी कामुक आवाजें मेरे भैया के उत्साह को बढ़ावा देने में लगी थीं.

करीब 5 मिनट बाद भैया ने मुझे उठाया और खुद लेट कर मुझे अपने ऊपर बिठा लिया.
उसके बाद मैं अपनी गांड उनके लौड़े पर पटक पटक कर चुदवाने लगी.

फट फट की मस्त आवाज आने लगी.
मेरी बुर से टपकते पानी की वजह से फच फच की तेज आवाजें पूरे कमरे में फैलने लगी थीं.

मेरे मुँह से उत्तेजना भरी आवाज़ों ‘फक़ मी … फक़ मी …’ और सिसकारियों से भी कमरे में चुदाई का संगीत गूंजने लगा था.

कुछ देर की और लड़ाई के बाद भैया ने मुझे फिर से अपने नीचे लिटा लिया और हचक कर चोदा.
वो भी अपने चरम पर आ गए थे और उनकी भी तेज आवाजें निकलने लगी थीं.
कुछ देर के बाद उन्होंने अपनी वीर्य भरी पिचकारी मेरी बुर में ऊपर छोड़ दी और भैया हांफते हुए मेरे ऊपर ही ढेर हो गए.

वो मुझे चूमने लगे.
मुझे मजा आने लगा था और मैं भी अपने भैया के चुम्बनों का जवाब चुम्बन से देने लगी थी.

दोस्तो, अपने मेरी बुर के उद्घाटन की चुदाई कहानी पढ़ ली है. मुझे उम्मीद है कि आप मेरी चुदाई से खुश हुए होंगे.

इस हॉट गर्ल फक़ मी कहानी के अगले भाग में मैं आपको अपनी खौलती बुर की चुदाई के खेल एक एक करके सुनाती जाऊंगी.
आप मुझे अपने प्यार भरे मेल भेजना न भूलें.
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चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 3​


कुछ देर बाद भैया मेरे ऊपर से उठे और अपने कपड़े पहनते हुए बोले- गर्म पानी से अपनी चूत की सिकाई कर लेना, सूजन और दर्द दोनों से निजात मिल जाएगी.
मैंने ‘ठीक है भैया …’ कह कर अपनी चूत पर अपना हाथ फेरा.

भैया बोले- आज रात को छत से मेरे पास आ जाना. हम दोनों फिर से मजा करेंगे.
मैंने ओके कह दिया.

भैया मुझे स्मूच देकर बाहर चले गए.
उनके जाने के बाद मैंने खुद को साफ किया और कमरे को व्यवस्थित करके अपनी सिकाई करने बाथरूम में घुस गई.

मैंने एक पेन किलर खा ली, जिसके बाद मुझे आराम पड़ गया.

दोपहर में मम्मी आ गईं.
मैं खाने के बाद कुछ देर सो गई.

आज दिन भर साधारण तरीके से बीतने के बाद शाम को मैंने रात का खाना 9 बजे खा लिया और 10 बजे तक मैं अपने कमरे में भी चली आयी.

कमरे में आकर मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतारे और नंगी ही अपनी छत पार करके भैया की छत से होकर उनके कमरे में चली गयी.
वहां मैं टीवी चला कर एक ब्लू फिल्म देखने लगी.

करीब आधा घंटा बाद समीर भैया अपने कमरे में आए तो मुझे नंगी देख कर चौंक गए.

उन्होंने दरवाज़ा बंद करते हुए अपने सारे कपड़े निकाले और वो मुझे अपने नीचे लेकर चूमने लगे.

मैं भी गर्म थी तो अपने भैया से लिपट कर चूमाचाटी करने लगी.
काफी देर हमारी चुम्मा चाटी चलती रही जिसमें हम दोनों ने एक दूसरे के मुँह और होंठों को चूमा, चाटा और चूसा.

उसके बाद भैया ने मेरी चूचियों पर धावा बोल दिया.
आज वो एकदम जंगलियों की तरह मेरी चूचियों को दबा दबा कर चूसने में लगे थे.

मुझे मीठा मीठा दर्द हो रहा था और मजा भी आ रहा था.
उन्होंने मेरे निप्पलों को भी खूब रगड़ा, जिसके कारण मेरी दोनों चूचियां एकदम लाल पड़ गईं.

फिर समीर भैया ने मुझे सीधी लिटा दिया और खुद मेरी चूचियों पर लंड लगा कर चढ़ गए.

भैया मेरी दोनों चूचियों के बीच अपने मोटे लौड़े को ऐसे रगड़ने लगे थे, मानो वो मेरे मम्मों को चोदने लगे हों.

मेरे मम्मों के बीच भैया का मोटा और लम्बा लंड आगे पीछे हो रहा था, जिस वजह से उनका लौड़ा मेरे मुँह के पास आकर मेरे होंठों से टकरा रहा था.

मुझे उनके लंड की चोट से बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने मुँह खोल दिया जिससे उनका लंड मेरे मुँह में घुसने लगा था.
मैं जीभ से उनके लंड के सुपारे को चाटने लगी थी.

ये देख कर भैया ने मेरे मम्मों के बीच से लंड आगे पीछे करते हुए मेरे मुँह में लंड पेलना शुरू कर दिया था.
इससे भैया का लंड मेरे थूक से गीला हो जा रहा था और थूक की चिकनाई से मेरी चूचियां मस्त चुदने लगी थीं.

कुछ देर बाद भैया उठ खड़े हुए और सामने अलमारी पर रखी सिर में लगाने वाले तेल की शीशी उठा लाए.

तेल की शीशी को देख कर मैंने समीर भैया से पूछा- इससे क्या करोगे आप?
भैया बोले- आज मैं तुमको पूरी तरह से औरत बना दूंगा.

मैं सवालिया नजरों से पूछा कि वो कैसे?
भैया बोले- तुम्हारी गांड भी इतनी मस्त है और अगर उसकी सील मैंने न तोड़ी … और इसका मज़ा तुमने ना लिया, तो हमेशा तुम चुदाई में अधूरी रहोगी. तुम चरम सुख की प्राप्ति कभी नहीं ले पाओगी.

मैं- लेकिन भैया, मैंने ऐस फक़ वीडियो में देखा कि जब पहली बार गांड फटती है, तब बहुत ज़्यादा दर्द होता है.
भैया- जिस तरह तुम्हारी चूत भी पहली बार फटी थी तो दर्द हुआ था. मगर फिर मजा आने लगा था. इसी तरह से तुम्हारी गांड भी मजा लेना सीख लेगी.

मैं भय से भैया को देख रही थी.
मुझे यूं देख कर भैया ने कहा- तुम बस मुझ पे भरोसा रखो. तुम्हें हल्का ही दर्द होगा, जिसको तुम बर्दाश्त कर लेना. उसके बाद मज़ा ही मज़ा आने वाला है.

अब मैं मान गई.
मेरी सहमति के बाद भैया ने मुझे एक तगड़ा स्मूच दिया और मुझे चित लिटा कर मेरी चूत के नीचे तकिया लगा दिया.
मेरी गांड का छेद एकदम ऊपर को उठ गया.

उसके बाद उन्होंने पहले मेरी गांड को खूब अच्छे से चाटा, जिसमें उन्होंने मेरी गांड को एकदम गीला कर दिया था.
बाद में भैया ने पहली बार अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में घुसा दी.

मुझे बड़ा ही गर्म अहसास होने लगा था.

जब भैया की जीभ बड़ी आराम से मेरी गांड में अन्दर बाहर पर लगी तो उन्होंने एक उंगली में थूक लगाया और मेरी गांड में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मुझे भैया की उंगली अपनी गांड में चलती हुई बड़ी लज्जत दे रही थी.

कुछ देर बाद समीर भैया ने मेरी गांड में अपनी दो उंगलियां डाल दीं.
मुझे हल्का सा दर्द हुआ लेकिन उनके इस तरीके से दर्द बहुत ज़्यादा मालूम नहीं चला.

अब बारी थी भैया के हथियार को अपनी गांड में लेने की.
उन्होंने अपने लंड में पहले तेल से भिगोया और खूब सारा तेल मेरी गांड पर डाल दिया.

तेल की चिकनाई मेरी गांड के छेद से होते हुए अन्दर तक भी पहुंचने लगी थी.

फिर उन्होंने अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर सैट किया और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों कूल्हों को खींचते हुए अपना लंड धीरे धीरे मेरी गांड में प्रवेश कराने लगे.

जैसे जैसे भैया का लंड मेरी गांड के अन्दर घुस रहा था, वैसे वैसे मेरा दर्द बढ़ता जा रहा था.
समीर भैया का अभी आधा लंड गांड में चला गया था.

लेकिन मुझे दर्द के साथ बड़ी तेज़ जलन होने लगी जिसकी वजह से मैंने भैया को थोड़ा रुकने को बोला.
वो रुक गए और मेरी पीठ को चूमने लगे; मुझे शांत करने के लिए मुझे सहलाने लगे.

कुछ मिनट बाद मैंने समीर भैया को ऐस फक़ एक्स्पीरिएंस लेने के लिए हरी झंडी दिखा दी जिसके बाद उन्होंने अपने दोनों हाथों को बेड पर टिकाया और एक बार में अपने शरीर का पूरा वज़न लगा कर एक ही झटके में अपना लंड मेरी गांड में ठूंस दिया.

लंड के अन्दर जाते ही मेरी गांड में से एक पक्क की आवाज़ आयी और दर्द और जलन के कारण मेरी आवाज निकलने लगी.
मैंने वहीं पड़े तकिए ने अपना मुँह घुसा कर दबा लिया और चीख को बाहर निकलने से रोका.

उसके बाद हम दोनों हांफते हुए कुछ देर के लिए शांत हो गए.

फिर जब मुझे आराम हुआ, तब मेरे जीवन का असली संभोग सुख मिलना शुरू हुआ.

अब भैया दे दनादन मेरी गांड चोद रहे थे और पूरे कमरे में फट फट की आवाज़ गूंज रही थी.
मैं मस्ती में सिसकारियां ले रही थी.

काफी देर तक उसी पोज़ में चोदने के बाद भैया खुद नीचे लेट गए और मैं अपनी गांड उनके लंड पर फंसा कर खुद से चुदने लगी.

काफी देर की गांड चुदाई के बाद भैया ने अपना माल मेरी गांड में भर दिया.

उस रात भैया ने मेरी चूत भी मारी और मैं वहीं उनके साथ नंगी उनका लंड अपनी चूत में लिए लिए सो गई.

सुबह 6 बजे उठ कर मैं छत से अपने कमरे में आकर सो गई.

मेरी आंख खुली तो 10 बज गए थे. मेरी नींद भी जब खुली जब दरवाज़े पर कोई आवाज दे रहा था.

उस आवाज़ से मैं उठी और मैंने नाइटी डाल कर दरवाज़ा खोला.
मैंने देखा कि रोहण सामने खड़ा था.

आपको मैंने बताया था कि रोहण मेरे भाई का खास दोस्त है. इसको मैंने शनिवार को फ़ोटो शूट करवाने के लिए स्कूल से गोला मार कर मेरे घर आने को बोला था.

रोहण अपने तय समय के हिसाब से मेरे सामने खड़ा था.

मैंने रोहण को अन्दर बुलाया और उसको कमरे में बिठा कर मैं नहाने घुस गई.

नहाने के बाद मैं बस एक टॉवल बांध कर बाहर आई और रोहण को अपने मदमस्त जिस्म का नजारा देती हुई नीचे किचन में आ गई.

मैंने रोहण को नीचे आने का कह दिया था.
वो भी मेरे पीछे पीछे आ गया और उसने मेरी गांड का नजारा ले लिया.

किचन से कुछ नाश्ता बना कर मैं बाहर आयी और रोहण के साथ बैठ कर दोनों ने नाश्ता किया.
इसके बाद मैं अन्दर चेंज करने गई और मैंने फ़ोटो शूट के लिए रेड ब्रा सिलेक्ट की.

ये ब्रा बड़ी फैंसी थी और बहुत छोटी सी थी. ये ब्रा जालीदार थी, जिसमें से मेरे निप्पल्स साफ दिखाई दे रहे थे.
मैंने उसे पहन लिया और शार्ट पेटीकोट पर एकदम झीनी सी रेड साड़ी को बांध लिया.

उस पर मैंने काफी गहरा मेकअप किया और खुद को मिरर में देखा.
अपने इस रूप में मैं कोई आइटम गर्ल लग रही थी क्योंकि ब्रा पर साड़ी पहन कर रेडी होना … आप सोच ही सकते हैं कि मैं उस वक्त कितनी सेक्सी और खुली हुई लग रही होऊंगी.

अब जब मैं बाहर वाले कमरे में रोहण के पास गई, तो मुझे देख कर रोहण को मुँह खुला का खुला रह गया.

मैंने उससे पूछा- कैसी लग रही हूँ?
रोहण ने बोला- एकदम सेक्सी माल.
मैं हंस दी.

वो आगे बोला- दीदी यहां इस कमरे में लाइट नहीं है, कोई और जगह बताओ जहां बढ़िया लाइट हो!
मैंने उसको छत पर चलने को बोला, जहां उसने काफी देर मेरी खूब सेक्सी सेक्सी पोज़ में फ़ोटो निकालीं.

उसके बाद हम दोनों नीचे आ गए और रोहण सोफे पर बैठ गया.

मैं जाकर उसकी गोद में बैठ कर उसके कैमरे से फ़ोटो देखने लगी.
वो भी एकदम मुझसे चिपक कर मुझे फ़ोटो दिखाने में लगा था जिसके कारण उसका लंड मेरी गांड में चुभने लगा था.

मैं उसे गर्म करने के बाद अन्दर चली गयी और अपनी साड़ी निकाल दी.
अब मैं सिर्फ रेड ब्रा और पेटीकोट में फिर से बाहर आई और जाकर रोहण की गोद में बैठ गयी.

मैं अन्दर से अपने साथ एक बोतल कोल्डड्रिंक की लेकर आई थी.
मैंने रोहण के मुँह में बोतल लगा दी.
वो पीने लगा.

उसके बाद मैं भी बोतल में मुँह लगा कर कोल्डड्रिंक पी.
इस तरह से हम दोनों बारी बारी से बोतल में मुँह लगा कर पी रहे थे.

कुछ देर और उसकी गोद में बैठने के बाद मैंने रोहण से कहा- कल संडे है, कल चलो कहीं बाहर चलकर फ़ोटो शूट करते हैं.
उसने कहा- हां ठीक है, सुबह 10 बजे आप तैयार रहना. मैं आपको लेने आ जाऊंगा.

वो कुछ देर में चला गया और मैंने फिर से नाइटी पहन ली.

आधा घंटा बाद मम्मी भी घर आ गईं.
उसके बाद सामन्य दिन गुज़रा.

आज रात को मैं अपने कमरे में ही नंगी लेटी थी तो करीब 12 बजे रात को समीर भैया मेरे कमरे में आ गए और मेरे साथ लग गए.

आज फिर से भैया ने दो घंटे तक मेरी गांड और चूत की रगड़ कर चुदाई की.

अगले दिन मैं नहा कर और कुछ हल्का नाश्ता करके रेडी हो गई.

मैंने कुछ कपड़े पैक कर लिए थे.
आज मैंने एक शार्ट स्कर्ट विद रेड पैंटी और सामने से एक टॉप पहना था जिसके ऊपर एक स्लीवलेस चैन वाली हुडी डाल लिया.

करीब साढ़े 10 बजे रोहण ने मुझे कॉल किया तो मैं बाहर आ गयी और उसके साथ बाइक पर बैठ गई.

उस दिन मैं उसके साथ खूब घूमी और जगह जगह मैंने अपना हॉट शूट करवाया.

इस सबके बाद शाम करीब 7 बजे हम दोनों एक गार्डन में पहुंचे जो संडे को 5 बजे बन्द हो गया था लेकिन मुझे मालूम था कि आज रोहण मेरी चूत ज़रूर लेगा, इसी लिए वो गार्डन मुझे सही जगह लगी.

गार्डन बंद होने के बाद भी हम दोनों एक पीछे के रास्ते से कूद कर उसमें अन्दर आ गए.

अन्दर आने के बाद मैंने अपनी हुडी निकाल दी और रोहण से छेड़खानी करने लगी. वो मुझे पकड़ने लगा और हम दोनों मस्ती करने लगे.

मेरी चूत में आग लग चुकी थी और किसी न किसी तरह से रोहण के लंड को अपनी चूत में लेने का मेरा मन बन चुका था.

मैं आपको अपनी चूत चुदाई कहानी के अगले भाग में लिखूँगी कि मैंने रोहण को अपनी चूत का शिकार किस तरह से बनाया.
आप मुझे मेल से बताएं कि आपको मेरे ऐस फक़ एक्स्पीरिएंस में मजा आया?
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चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 4​


इसी बीच एक बार रोहण ने मुझे पकड़ कर नीचे घास पर लिटा दिया और अपना मुँह एकदम मेरे मुँह के पास ले आया.

वो बोला- अब बोलो दीदी, अब भाग कर दिखाओ.

मेरा भी सब्र खत्म हो चुका था और मैंने उसके सिर को पकड़ कर अपने होंठों से लगा दिया.
हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे.

रोहण आगे बढ़ते हुए मेरे गाल, गले को चूमते हुए मेरे मम्मों को दबाने लगा.

कुछ देर की चूमाचाटी के बाद मैं खुद उठ खड़ी हुई और उसके बिठा कर उसकी गोद में बैठ गयी.
मैंने अपनी ऊपर की ड्रेस निकाल दी और ऊपर से नंगी हो गयी.

मेरे मम्मे देखते ही रोहण से रहा न गया और वो मेरे बड़े बड़े मम्मों पर टूट पड़ा.

मेरे दोनों खरबूजों से काफी देर मस्ती के बाद वो मेरी आँखों में वासना से देखने लगा.
मैंने भी उस कामुकता से देखा और उसकी पैंट उतार दी.

मेरे सामने उसका 6 इंच का लंड फनफना रहा था.
मैंने गप से उसके लंड को मुँह में ले लिया और खूब चूसा.

लंड चुसाई में वो एक बार पहले मेरे मुँह में ही झड़ गया.
फिर उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया और मेरे पूरे बदन को चूमा-चाटा, मेरी चूत को भी चाटा.

इसके बाद मैंने 69 की पोजीशन ले ली और हम दोनों लंड चूत चुसाई का मजा लेने लगे.
कुछ देर के बाद उसका लंड खड़ा हो गया.

मैंने चुदाई की पोजीशन में खुद को किया. उसको सीधा लेटा रहने देती हुई मैं उसके लंड के ऊपर अपनी चूत रख कर बैठ गयी.

उसका लंड चूत में सरसराता हुआ घुस गया और एक मीठी आह के साथ मेरी गांड ऊपर नीचे होने लगी.

मेरी कम चुदी चूत में रोहण से अपना डंडा आगे पीछे करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा.

मेरे मुँह से कामुक सुर निकलने लगे- आंह चोदो रोहण अपनी दोस्त की बहन की चूत फाड़ दे आज … आह और चोदो.

मेरी मादक आवाजों से उसकी उत्तेजना बढ़ती गई और करीब आधा घंटा तक मैंने उसके लंड से अपनी चूत चुदवाई.

फिर झड़ने के बाद मैंने टाइम देखा तो अभी साढ़े 8 बजे थे.
अभी मेरे पास टाइम था तो मैंने एक बार फिर से रोहण का लौड़ा चूस कर उसका मूड बना दिया.

दूसरी बार की चुदाई में मैं उसके लौड़े से अपनी गांड की प्यास बुझाई और साढ़े नौ बजे हम दोनों पार्क सेक्स के बाद वहां से वापस आ गए.

रोहण मुझे मेरे घर छोड़ते हुए अपने घर चला गया.

अब अगला दिन सुबह से सामान्य ही बीत रहा था कि मेरी चूत में चुनचुनी होने लगी.
मैं एक मस्त सी ब्लूफिल्म देखने लगी.

लगभग साढ़े दस बजे पापा की कॉल आयी.
उन्होंने मुझे एक फ़ाइल के बारे में बताया और उसके रखे होने की जगह बताते हुए बोले- अभी राजेश अंकल घर आएंगे, उनको वो फ़ाइल दे देना. वो मुझे दे देंगे.

पापा से बात हो जाने के बाद मेरे दिमाग में फिर से एक खुराफाती आईडिया आ गया.
मैंने जल्दी से नहाया और एक छोटी नाईट लाल रंग फ्रॉकनुमा बेबीडॉल पहन ली; उस बेबीडॉल के अन्दर मैंने कुछ नहीं पहना.

इस ड्रेस के छोटी होने के कारण मेरी गांड की लकीर साफ दिख रही थी और आगे से भी काफी मामला खुला था.
अब मैंने पापा की वो फ़ाइल काफी कागज़ों के नीचे दबा दी और अंकल का इंतज़ार करने लगी.

राजेश अंकल मेरे पापा के दोस्तों में से एक थे और बड़े रंगीन मिजाज़ के थे.
अंकल बचपन से मुझे भी जानते थे.

बीस मिनट बाद जैसे ही अंकल ने दरवाज़े पर दस्तक दी, मैं तुरंत खोलने पहुंच गयी.
सामने अंकल थे.

उन्होंने मुझे एक बार को तो ऊपर से नीचे तक देखा और देखते ही रह गए.
मैंने भी आगे बढ़कर उनके सामने झुक कर उनको नमस्ते की. झुकने के कारण मेरी पहाड़ की चोटियों जैसी चूचियां उनके सामने उमड़ पड़ीं.

मेरे मम्मों को देख कर उनके लंड में मानो जान सी आ गयी.
अंकल से रहा नहीं गया और उन्होंने मेरे दोनों नंगे कंधों से मुझे पकड़ कर अपनी छाती से लगा लिया.
मेरी चूचियां राजेश अंकल के सीने में एकदम घुस सी गईं.

उन्होंने भी मुझे अपनी बांहों में जकड़ कर चूम लिया और मैं उनके लंड को महसूस करने लगी.
इसके बाद मैंने उनको अन्दर बुलाया और बैठने को बोला.

अंकल बोले- बेटा, अब मुझे बैठाओ मत … लाओ जल्दी से वो फ़ाइल मुझे दे दो.
मैंने बोला- अंकल वो फाइल मुझे मिल नहीं रही है. आप भी देखो न कि कहां रखी है.
अंकल बोले- हां ठीक है, चलो मिल कर देखते हैं.

अब हम दोनों उस कमरे में आकर वो फ़ाइल ढूँढने लगे.

जब मैं दूसरी तरफ जाकर झुक कर फ़ाइल देख रही थी तो मेरे झुकने से मेरी पूरी मोटी गांड खुल गयी थी और अन्दर से बिना पैंटी के होने से मेरी गांड एकदम नंगी हो रखी थी.

अंकल चुपके चुपके से मेरी गांड देख रहे थे.
इस बात को मैंने भी शीशे में देखा.
मुझे अन्दर से गुदगुदी होने लगी.

फिर मैं आगे से भी उनके सामने झुक झुक कर फ़ाइल ढूँढने का ड्रामा करने लगी.
इस चक्कर में मेरी चूचियों की अच्छी खासी घाटी भी उन्होंने जी भर कर देखी.

इसी बीच उन्होंने वो फ़ाइल मिल गयी, जिसको मैंने काफी नीचे छुपा दिया था.

फाइल मिल जाने के बाद अंकल ने कहा- चलो, मुझे फाइल मिल गयी. अब मैं निकलता हूँ.
अब तक अंकल का लौड़ा पूरी तरह से खड़ा हो चुका था, जिसको वो उसी फ़ाइल से छिपा रहे थे.

अब मैंने भी बोल दिया कि अरे अंकल चाय तो पीते जाइए वरना पापा बाद में मुझे गुस्सा करते हैं.
अंकल बोले- चल ठीक है, ले आओ चाय.

मैं किचन में चाय बनाने के लिए गयी तो अंकल मेरे पीछे पीछे किचन में आ गए और एकदम मेरे पीछे खड़े होकर मुझसे बात करने लगे.
मैं भी उनकी बातों में उनका साथ देने लगी.

हमारे बीच बातें कुछ यूं हो रही थीं.

राजेश अंकल- बेटा, अब तो तुम बड़ी हो गयी हो, पूरा घर अकेले संभाल लेती हो?
मैं- क्या मतलब अंकल?

राजेश अंकल- मतलब अब तुम्हारी उम्र शादी करने के काबिल हो गयी है.
मैं- नहीं, अंकल अभी कहां!

राजेश अंकल थोड़ा मुझसे चिपके, जिससे उनका खड़ा लंड मेरी गांड को छूने लगा.

फिर वो बोले- अरे अब तो तुम इतनी स्मार्ट हो गई हो और …
मैंने लंड पर आपनी गांड घिसते हुए धीरे से पूछा- और क्या?

अंकल मेरे कान के पास आकर धीमे से बोले- और सेक्सी भी हो गयी हो.
मैंने थोड़ा शर्माते हुए सिर झुका लिया.

राजेश अंकल ने अपना हाथ मेरे कंधे पर रखा और बोले- मेरा लड़का भी तुम्हारी उम्र का हो गया है और वो जॉब भी करता है, तो क्यों न तुम उसी से शादी कर लो. उससे मुझे देखने के लिए भी तुम्हारी जितनी सुंदर बहू मिलेगी, जो मेरा भी ख्याल रखेगी.

बस इतना बोलते हुए अंकल मुझसे एकदम से सट गए और उन्होंने अपने हाथों को मेरे पेट से ले जाते हुए मुझे जकड़ सा लिया.

राजेश अंकल की इस हरकत से मेरे मुँह से भी एक कामुक आह निकल गयी.

अंकल ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने बोला- कुछ नहीं अंकल. आपका यूं पकड़ना मुझे अच्छा लगा.

ये सुनकर उन्होंने आगे बढ़ कर मेरे एक गाल को चूम लिया और वो बाहर आ गए.

कुछ देर बाद मैं भी चाय लेकर बाहर आई तो अंकल ने मुझे खींच कर अपनी गोद में बिठा लिया.

वो मुझसे मेरी पढ़ाई और बाकी चीज़ों के बारे में पूछने लगे और मेरी चूचियों को ताड़ते रहे.

मैंने भी उनके सीने से अपने मम्मे टिका दिए थे ताकि अंकल को मेरी चूचियां बखूबी दिखती रहें.

तभी अंकल ने अपना एक हाथ मेरी नंगी जांघ पर रख दिया.
एक हाथ से वो चाय पीते रहे.

चाय पीने के बाद अंकल ने मुझसे मेरा फोन नंबर ले लिया.
इसके बाद वो मुझे गले मिल कर और एक किस करके चले गए.

आज शाम को रोहण कोचिंग के बाद मेरे घर आया और सीधे मेरे कमरे में आ गया.

मैं सुबह से चुदासी थी.
मेरे कमरे में आने के बाद उसने मुझे 7 बजे तक मेरे कमरे में ही मुझे चोदा और चला गया.

आज का दिन मस्त गया था.

अब अगले दिन के लिए मुझे लंड की तलाश थी.
लेकिन सुबह से कुछ खास नहीं हुआ.

उस दिन दोपहर में मम्मी के पास एक रिश्तेदार का फ़ोन आया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी लड़की की कल शादी है और उन्होंने कार्ड भेजा था लेकिन गलत पते की वजह से वो उनके पास वापस आ गया.

पापा का नंबर भी उनके पास नहीं था लेकिन किसी तरह उनको मेरी मम्मी का नंबर मिला तो उन्होंने मम्मी को फोन करके बहुत जिद करते हुए कल शाम की शादी में आने के लिए कहा.

उनके फोन के बाद मेरी मम्मी ने ये सारी बात पापा को बताई तो उन्होंने कहा कि लड़की की शादी है तो जाना भी ज़रूरी है. मैं कल के लिए एक कार बुक कर लेता हूं, तुम चली जाओ. बस ये बता दो कि तुम्हारी वापसी तीन दिन बाद की ही होगी, या और ज्यादा समय लग सकता है. उसी अनुसार मैं टैक्सी बुक करूं.
मम्मी ने तीन दिन की कह कर हां कह दी.

अब घर में किसी एक का रुकना जरूरी था तो मम्मी ने मुझे रुकने को बोला और वो तीनों मतलब पापा मम्मी और मेरा छोटा भाई, जाने की तैयारी करने लगे.

अगले दिन सुबह दस बजे वो सब चले गए.

मेरा घर अगले तीन दिनों के लिए खाली हो गया था और चूत गांड लंड लेने के लिए गर्मा गई थी.

सबके जाते ही मैंने सबसे पहले समीर भैया को कॉल किया तो मालूम चला कि वो भी शहर से बाहर गए हैं.

अब मैं सोच रही थी कि इन तीन दिनों में मेरी कुछ ज़बरदस्त चुदाई हो जाती, तो मज़ा आ जाता.

करीब 11 बजे मैं नहा कर सिर्फ एक टॉवल बांध कर ऊपर कपड़े सुखाने गयी तो देखा कि मेरे घर के तरफ दो चन्दा मांगने वाले बाबा थे.
मैंने ध्यान से देखा तो वो लग तो रहे थे बाबा, लेकिन थे एकदम ठीक ठाक!

वो मुझे देख कर आवाज देने लगे.
मैंने आने का इशारा किया और जल्दी से नीचे उतर कर आ गयी.

जैसे ही उसमें से एक बाबा ने गेट बजाया, तो मैं उसी टॉवल में गेट खोलने चली गयी.
उन दोनों बाबाओं ने मुझे बहुत घूर कर और ललचाई हुई नज़रों से मेरे बड़े बड़े मम्मों को खूब बढ़िया से देखा.

इसके बाद मैं उन दोनों को अन्दर ले आई और उनको सोफे पर बैठने का बोल कर उनके लिए चाय और नाश्ता बना कर लेकर आई.

वो दोनों बड़े चाव से नाश्ता खाते हुए बोले- कन्या तुम बहुत सुशील हो … तुम अपने जीवन में सदैव खुश रहोगी, कभी किसी चीज़ की तुमको कोई कमी नहीं होगी.
मेरे दिमाग में खुराफात सूझी, तो मैंने उन दोनों बाबाओं से कहा- बाबा जी मेरा हाथ देख कर बताइए न कि मेरी शादी कब तक होगी?

इस पर दोनों बाबाओं ने एक दूसरे को देखते हुए कुछ इशारा किया.
जिसके बाद एक बाबा ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींच लिया और दोनों के बीच में बिठा लिया.

फिर वो बाबा मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर सहलाते हुए बोला- कन्या, तुम्हारी त्वचा कितनी कोमल है और तुम्हारा हाथ भी बड़ा नर्म है.
मेरा हाथ मसलते हुए बाबा ने मेरे हाथों को चूमा और मेरे उसी हाथ को मसलते हुए मेरी रेखाओं को देखने लगा.

वो कुछ अजीब सा मुँह बनाने लगा, जिससे मैंने भी चिंता जताते हुए बाबा से पूछा- क्या हुआ बाबा … मेरी रेखा क्या बता रही है?
दोस्तो, उन दोनों हट्टे-कट्टे बाबाओं को देख कर मेरी चूत फड़कने लगी थी.

वो दोनों बाबा मुझे चूतिया समझ रहे थे और इधर मैं उन्हें अपनी चूत गांड का आसामी समझ रही थी.

मैं पार्क सेक्स कहानी के अगले भाग में बताऊंगी कि किस तरह से मैंने उन दोनों बाबाओं से अपनी चूत गांड का बाजा बजवाया.

आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 5​


उस बाबा ने बोला- बेटी तुम तो मांगलिक हो मतलब जिससे भी तुम्हारी शादी होगी, उसकी जल्दी ही मृत्यु हो जाएगी.
इस बात पर मैं झूठमूठ की निराश हो गई.

पर दूसरे बाबा ने मुझे सांत्वना देते हुए मेरे नंगे कंधे पर हाथ रखा और मेरा कंधा मसलते हुए कहा- कन्या इसका उपाय भी है … लेकिन थोड़ा कठिन है, जो तुमसे हो नहीं पाएगा. लेकिन अगर इसको कर लिया तो तुम्हारे जीवन के सारे दोष हट जाएंगे.

मैंने बाबा से बोला- नहीं बाबा, आप बताओ, मैं सब कुछ करने को तैयार हूँ. जो भी मुझे जैसा भी उपाय करना पड़ेगा, मैं करूंगी.

इस पर उन दोनों बाबाओं ने आपस में कुछ इशारे में बात की और एक ने कहा- देखो कन्या, तुमको अभी के अभी एक शादी करनी होगी, वो भी दो मर्दों से एक साथ … और तीन दिन तक उनके साथ रहना पड़ेगा. वो भी उनकी पत्नी बन कर मतलब जैसे एक पति पत्नी का रिश्ता होता है, वैसे ही तुम्हें अगले तीन दिनों तक अपने दो पतियों से साथ वो सारा पत्नी धर्म निभाना होगा.

मैं अन्दर ही अन्दर ख़ुशी दबाती हुई बोली- बाबा मैं ये काम करने को भी तैयार हूँ लेकिन मुझे वो दो मर्द मिलेंगे कहां … और वो कैसे होने चाहिए?
इस पर दूसरे वाले बाबा ने कहा- हम यहां ऐसे ही तुम्हारे घर नहीं आ गए. हम दोनों ऊपर वाले द्वारा भेजे गए दूत हैं और तुम्हारी हर समस्या का निवारण हमारे द्वारा ही होगा.

मैं बोली- मतलब आप दोनों मेरे पति बनेंगे?
इस पर उन दोनों ने हामी भरी और बोले- अभी तुमको पूरे रीति रिवाज के साथ हम दोनों से शादी करनी होगी. इसके लिए तुम जाकर एकदम दुल्हन की तरह तैयार होकर आ जाओ, बाकी पूजन की तैयारी हम करते हैं.

इस बात पर मैं खुशी खुशी कमरे से बाहर आई और कुछ देर रुक कर उनकी बातों को सुनने के लिए अपने कान लगा दिए.

वो दोनों ढोंगी बाबा आपस में बात करते हुए बोले- क्या मस्त चूतिया बनाया है इस लड़की को … आज तो बड़ी गजब की माल मिली है चोदने को … और वो भी पूरे तीन दिनों के लिए. हम दोनों को मज़ा ही आ जाएगा.
ये सब बात करते हुए वो दोनों हंसने लगे.
उन्हें क्या पता था कि मैं उन पर हंस रही थी.

अब मैं ऊपर कमरे में आ गई.
मुझे उन दोनों बाबाओं के बारे में शुरू से पता था कि ये साले ढोंगी है और ये सारा राग मेरी फुद्दी लेने के लिए अलाप रहे हैं. लेकिन मुझे भी तो यही चाहिए था.

तीन दिन के लिए वैसे भी मेरा घर खाली था और मुझे चाहिए भी था कि किसी तरह से मेरी जबरदस्त चुदाई करने वाला आ जाए. ये तो मेरे लिए तो डबल बोनस सा था कि एक नहीं दो लोग मुझे एक साथ चोदने वाले थे.

अब मैंने एक लाल रंग की ब्रा एकदम खुली हुए पहनी, नीचे कसा सा पेटीकोट पहना जो मेरे घुटने तक था. मैचिंग की साड़ी पहनी और काफी गहरा मेकअप कर लिया.
पायल और चूड़ी पहन कर मैं Xxx लड़की एकदम रंडी किस्म की दुल्हन बन कर तैयार हो गयी.

जब मैं नीचे आयी तो देखा उन दोनों बाबाओं पूरा पाखंड करते हुए हवन कुंड रेडी कर लिया था और न समझ में आने वाले कुछ मन्त्रों का उच्चारण कर रहे थे.

मुझे इस अवतार में नीचे आते देख कर वो दोनों एकदम जंगली निगाहों से देखने लगे.

मैं गांड मटकाती हुई नीचे पहुंच कर उनके सामने बैठ गई.

कुछ देर बाद उन दोनों ने मेरे साथ 7 फेरे लिए, मेरी मांग भरी और मुझे मंगलसूत्र पहना कर मुझे अगले तीन दिनों के लिए बस चोदने के लिए अपनी पत्नी बना लिया.

इसके बाद मैंने अपने दोनों पतियों का आशीर्वाद लिया.

अब दोपहर हो गयी थी तो मैंने तीनों के लिए खाना बनाया और खाने के बाद हम तीनों कमरे में आ गए.

वो दोनों बाबा बिस्तर पर लेट गए.
मैं जाकर उन दोनों बाबा के बीच में लेट गयी.

इसके बाद दोनों ने मुझे बारी बारी काफी देर तक और काफी तगड़े वाले स्मूच करते हुए मुझे मसला.

मैंने कहा- मेरे पतिदेवो … अभी जल्दी क्या है … कुछ देर आराम कर लेते हैं.
वो भी खाना खाकर अलसाए हुए थे तो एसी की ठंडक में आराम करने के मूड में आ गए थे.

हम तीनों चिपक कर सो गए.

मेरी आंख शाम को 7 बजे खुली, तो देखा कि दोनों बाबा मेरे दोनों चूचे पकड़े सो रहे थे.
मैं मुस्कुराई और उठ कर बाथरूम चली गयी.

फिर अपने तीनों के लिए मैंने चाय बनाई और उन्हें उठा कर साथ में चाय पी.

एक बाबा बोला- पत्नी जी, आज सुहागरात किस तरह से मनाई जाए?
मैं कुछ नहीं बोली.

तो दूसरा वाला बाबा बोला- आज तो मुर्गा दारू चलना चाहिए.
जिस पर मैं बोली- नहीं, मैं शाकाहारी हूँ और मैंने आज तक मांस नहीं खाया है और न ही मेरे घर बना या आया है.

इस पर एक बाबा बोला- अरे इससे कुछ नहीं होता है. अब तुम हम दोनों की तीन दिनों तक पत्नी हो. और पत्नी का धर्म सिर्फ पति की बात मानना होता है.
इतना बोलते हुए एक बाबा घर से बाहर चला गया. वो नॉन वेज और दारू लेने के लिए गया था.

तब तक दूसरे बाबा ने मुझे अपने पास बुला कर मुझे अपनी गोद पर बिठा लिया. वो मेरे गालों को चूमते हुए मेरे गले और मेरे होंठों को चूसने लगा.
उसने मुझे चूम चूस कर गर्म कर दिया.
ऐसा उसने तब तक किया, जब तक दूसरा बाबा घर वापस नहीं आ गया.

उसके आने के बाद बाहर वाले कमरे में उसने खाना लगाया.
जहां हम दोनों भी पहुंच गए. पहले दो दो पैग हम तीनों ने पिए.

उस दिन पहली बार मुझे चिकन खाते हुए कुछ अजीब सा लगा लेकिन 2 कौर के बाद मुझे उसमें स्वाद आने लगा.

करीब 9 बजे तक हमारा खाना और पीना खूब तगड़े से हुआ.
हम तीनों टुन्न हो गए थे.

अब उसमें से एक बाबा ने मुझे वहां से अपनी गोद में उठाया और अन्दर कमरे में ले जाकर मुझे लिटा दिया.
तब तक दूसरा बाबा भी आ गया और उन दोनों ने अपने कपड़े निकाल दिए.

अब वो दोनों सिर्फ लंगोट में आ गए थे.

इसके बाद वो दोनों मेरे अगल बगल आ गए और एक बाबा मेरे होंठों को चूसने लगा जबकि दूसरा वाला मेरे बदन को चाटता हुआ मुझे नंगी करता जा रहा था.

कुछ ही देर में मैं दो अनजान मर्दों के साथ लेटी थी, जिनका नाम भी मुझे नहीं मालूम था.

वो दोनों मेरे नंगे बदन के साथ खिलवाड़ करने में लगे थे और मैं किसी चुदासी रंडी की तरह वासना की आग में अपने चरम सुख का अनुभव करने की ओर बढ़ रही थी.

वो दोनों बाबा किसी टीम की तरह मिल कर मुझसे खेल रहे थे.
दोनों मेरे पूरे बदन को चूसते चाटते और चूमते हुए मजा ले रहे थे.

उन्होंने पहले मेरे होंठों का जी भर कर रस पिया.
इसके बाद उन दोनों ने किसी बच्चे की तरह मेरी एक एक चूची मुँह में लगा कर खूब जोरों से चूसा.

मेरी दोनों चूचियां एकदम लाल पड़ गयी थीं और उन दोनों ने मेरे मम्मों को खूब मसला.
मेरे मम्मों में दर्द होने लगा था लेकिन चुदास के चलते मैं सब सहती रही.

फिर दोनों बाबाओं ने मुझे करवट लिटा दिया.
एक ने मेरी चूत में अपना मुँह डाल दिया जबकि दूसरा मेरे गांड के छेद में अपनी जीभ घुसा कर मुझे पानी पानी करने में लगा था.

मेरी चुदासी चूत कर रस जल्दी झड़ गया.
इसके बाद एक बाबा मेरे मुँह के सामने अपना लंगोट में आ गया और दूसरा बाबा भी मेरी गांड चाट कर मेरी चूत पर आ गया.

इधर मैं उस पहले वाले बाबा का लंगोट सहलाने लगी जिसमें मुझे समझ आ गया कि इसमें कोई सामान्य लौड़ा नहीं है.

फिर जब मैंने लंगोटा खोला तो उस बाबा का हब्शी किस्म का लौड़ा मेरे मुँह पर आ लगा. उसका लौड़ा काफी लम्बा था और मोटा भी था.
मेरी आंखें चमक उठीं और मैंने एक पल का समय भी न गंवाते हुए लंड को अपने मुँह में ले लिया.

मैं पूरा लवड़ा अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.
बाबा आह आह करने लगा. उसे मजा आने लगा था.

बीच बीच में वो बाबा मुझे अपनी गोटियां भी चुसाने लगता.

अब जब उसकी वासना बढ़ने लगी तो उसने मेरे बालों को पकड़ कर मेरे सिर को अपने लंड पर दबाना शुरू कर दिया और अपना पूरा सांड जैसा लम्बा लौड़ा मेरे मुँह में ठूंस दिया.

मेरी सांस रुक गयी और मजबूरन कसमसाते हुए मुझे सांस लेना पड़ी.

वो यूं ही मेरे मुँह में अपना लंड पेले हुए झटके मारने लगा.
इस कारण उसका टोपा मेरे हलक के पार चला गया और उसी समय उसके लंड का पानी निकलने लगा जो कि सीधे मेरे हलक से नीचे उतरता जा रहा था.

इधर दूसरे वाले बाबा ने मुझे एक और बाद झाड़ दिया और मेरा सारा पानी खुद पी गया.

इसके बाद अब लौड़ा चुसाने वाले बाबा ने मुझे सीधा कर दिया और मेरी दोनों टांगों को फैला कर वो खुद मेरे सामने आ गया.

वो मेरी नन्हीं सी चूत को किसी रंडी का भोसड़ा बनाने के लिए उसमें अपना लंड सैट करने लगा.
तब तक दूसरा वाला बाबा मेरी छाती पर चढ़ गया और एक ही बार में उसने अपने पूरे लंबे और मोटे लौड़े को मेरे मुँह में पेल दिया.

मैं उसके लंड को अपने हलक में भर कर चूस रही थी और तब तक दूसरे बाबा ने मेरी चूत पर अपना लंड टिका कर एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर पेल दिया.

चूंकि मेरी चूत एकदम गीली हो चुकी थी जिसके कारण उसका लंड एक बार में अन्दर तो चला गया लेकिन मुझे दर्द और जलन बड़ी तेजी से होने लगी.

उस बाबा ने बड़ी बेहरहमी से मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया था.

मैं दर्द के मारे चिल्लाना चाहती थी लेकिन एक बाबा का लौड़ा मेरे मुँह के अन्दर होने की वजह से मेरी आवाज लौड़े से टकरा कर मुझमें वापस रह गयी.
वो दोनों मुझे दोनों तरफ से फुल स्पीड में चोदने लगे.
एक मेरी चूत पेल रहा था तो दूसरा मेरा मुँह.

कुछ देर बाद ऊपर वाले बाबा ने मेरे मुँह से अपना लौड़ा निकाला तो मुझे राहत सी मिली.
पहले तो मैंने कुछ देर खुल कर सांस ली.

मगर तब तक उसने मेरी दोनों चूचियों के बीच में खूब सारा थूक कर उसको चिकना बना दिया.

फिर मेरी दोनों चूचियों को पकड़ कर बाबा ने मुझे हाथ बांधने को कहा.

उसने अपना लौड़ा मेरी दोनों चूचियों के बीच में रख दिया था और रगड़ने लगा था.
उसका लंड बड़ा था, जिसके कारण उसका पूरा सुपारा मेरे मुँह में भी जा रहा था.

तकरीबन आधा घंटा से ऊपर चली इस डबल चुदाई के बाद मेरी चूत दो बार झड़ गई थी.
झड़ने के बाद बाबा ने अपना लौड़ा चूत से निकाला और मुँह में लगा बाबा भी मुझ पर से हट गया.

अब मुँह में लंड दिए वाला बाबा सीधा होकर लेट गया और उसने मुझे अपने ऊपर चढ़ा लिया.
उसने अपना लंड चूत में घुसा दिया और मुझे खूँटे पर टांग सा दिया.

उसका लंड धीरे धीरे चूत के अन्दर सरकने लगा था.
मैं भी उसका लंड बड़े आराम से लीलती चली गयी.

अभी पहले वाले बाबा ने मेरी चूत का मुँह काफी खोल दिया था. हालांकि मेरे झड़ने के बाद वो अलग हो गया था और वो खुद अभी नहीं झड़ा था.

एक लंड से चुदने की वजह से मेरी चिकनी खुली चूत में मैंने दूसरे बाबा का लंड बड़े आराम से ले लिया था.

लंड चूत में लेने के बाद मैं अपनी गांड उचका उचका कर दूसरे बाबा जी से चुदवाने लगी.

तभी कुछ ऐसा हुआ कि मेरी चूत गांड में ख़ुशी की लहर दौड़ गई.
उन दोनों बाबाओं ने मिल कर मेरी सैंडविच चुदाई शुरू कर दी थी जिसमें मुझे पहले तो काफी दर्द हुआ मगर बाद में मुझे इतना मजा आया कि मैं आपको इस भाग में नहीं लिख सकती.

मैं आपको अपनी चुदाई कहानी का अगला भाग लिख कर बताऊंगी कि मेरी चुदाई एक साथ दो लंड से कैसे हुई.

मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी Xxx लड़की की चुदास की कहानी पसंद आ रही होगी. आप मुझे मेल करना न भूलें.

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चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 6​

एक मुझे चोद चुका था और अब दूसरा चोद रहा था.
तभी पहले वाले बाबा का लंड फिर से खड़ा हो गया और उसने मेरी गांड का रुख कर लिया.
अब आगे Xxx गांड चुदाई कहानी:
उस दूसरे बाबा ने मेरी गांड के छेद में खूब सारा थूक भर दिया और अपना लंड का टोपा मेरी गांड के छेद पर रख दिया.
अभी मैं कुछ समझ पाती कि उस हरामी बाबा ने एक ज़ोर का झटका दे मारा. जिससे मेरी चीख निकल गयी.
नीचे उस चूत चोदने वाले बाबा ने मेरे बालों को खींचते हुए मेरा मुँह अपने मुँह में घुसा लिया और मेरी आवाज दबाते हुए मुझे चूमने लगा.
पीछे से लगा दूसरा बाबा मेरी गांड में लंड लगाए फायर करने को तैयार था.
उस बाबा ने मेरी दोनों चूचियों को हाथ में पकड़ा और मसलने लगा.
इससे कुछ देर में मेरा दर्द कुछ कम हुआ और मैं शांत हो गई.
उसी वक्त बाबा ने मौक़ा देखा और तुरंत ही लगातार कुछ बहुत तेज़ झटके दे मारे, जिससे उसका लौड़ा मेरी गांड चीरते हुए अन्दर पक की आवाज़ से घुस गया.
अब वो मुझे पीछे से चोद रहा था और आगे से मैं अपनी चूत भी चुदवा रही थी.
मतलब मेरी सैंडविच चुदाई हो रही थी.
काफी देर तक पूरे कमरे में मेरी कामुक सिसकारियां गूँजती रहीं ‘उफ्फ्फ आह उफ़्फ़ आह आह मर गई आंह चोदो और तेज़ अह …’
कमरे में दोनों के लंड भट भट की आवाज करते हुए मेरी चूत गांड फाड़ते रहे.
इसी तरह आधा घंटा चोदने के बाद दोनों ने मुझे करवट के बल लिटा दिया और अपनी जगह बदल ली.
मतलब चूत मारने वाला लंड अब मेरी गांड में घुस गया और गांड मारने वाला मेरी चूत मारने में लग गया.
मैं रंडियों की तरह अपने दोनों छेदों में दो लंड लिए हुए कामुक सिसकारियों से चुदती रही.
काफी देर तक मुझे चोदने के बाद उन दोनों ने ज़ोरदार पिचकारियों के साथ मेरे दोनों छेदों में अपना लावा निकाल दिया.
उन दोनों का लावा मुझे अपने दोनों छेदों में बहुत गर्म गर्म महसूस हुआ.
अब वो दोनों निढाल होकर सीधे लेट गए थे.
मैं किसी तरह उनके लंड पकड़ कर उठी.
अब मुझसे चला भी नहीं जा रहा था क्योंकि मेरी चूत और गांड में दर्द और जलन बड़ी तेज़ हो रही थी.
किसी तरह से मैं बाथरूम में गयी और कमोड पर बैठ कर मैंने बड़ी मुश्किल से मूता.
मैं फिर से कमरे में गयी और समय देखा तो अभी 2 बजे थे.
तभी एक बाबा ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरा चुम्मा लेते हुए अपने मुँह से एक दवा की गोली मेरे मुँह में डाल दी.
मैं अचकचा गई.
उसने झट से कहा- इसको खा लो, इससे बच्चा नहीं होगा.
मैंने वो गोली खा ली.
उसके बाद मैंने फिर से चूस चूस कर दोनों बाबाओं का लौड़ा खड़ा किया और अब एक बाबा 69 पोजीशन में आ गया.
जबकि दूसरा बाबा लेट कर मेरे पीछे से मेरी गांड मारने लगा.
कुछ देर के बाद दोनों बाबाओं ने अदल बदल कर मुझे यानि अपनी बीवी को रात भर चोदा और हम तीनों करीब सुबह 4 बजे सो पाए.
सुबह करीब 11 बजे मेरा फ़ोन बज रहा था जिस वजह से मेरी आंख खुली.
देखा तो मेरी मम्मी का फ़ोन था.
उनसे मेरी कुछ देर बात हुई.
तब तक एक बाबा भी जग गया था.
उसके बाद उसने मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे मुँह में मुँह घुसा कर मुझे चूमने लगा.
उसका लौड़ा सुबह के समय किसी खम्बे की तरह एकदम टाइट था जिसको मैं अपने हाथों में लेकर हिलाने लगी.
उसने मेरे पूरे शरीर को चूमते हुए मुझे अपना लंड चुसाया और मुझे घोड़ी बना कर सुबह की शुरूआत चुदाई से कर दी.
जब वो मुझे घोड़ी बना कर चोद रहा था, तब मेरे मुँह के सामने दूसरे बाबा का लंड दिख रहा था.
उसको मैंने गप से अपने मुँह में पूरा भर लिया क्योंकि अभी वो बाबा सो रहा था.
उसी की तरह उसका लौड़ा भी अभी सो रहा था.
अभी कुछ ही देर बीती थी कि मेरी सिसकारियों की आवाज़ से सोये हुए बाबा जी और उनका लौड़ा, दोनों जाग गए.
उस दूसरे वाले बाबा ने मुझे लंड चुसाने के बाद चूमा और मेरी हवा में झूलती चूचियों को मसलने लगा.
पीछे से चूत चोदने वाले बाबा ने मुझे नीचे खींच कर ज़मीन में खड़ा कर दिया और मेरी एक टांग उठा कर मुझे पीठ से अपनी तरफ करके मेरी गांड में अपना लंड पेल दिया.
इसके बाद वो दूसरा वाला बाबा मेरे सामने से आ गया और मेरी चूत में अपना लंड घुसा कर मेरी चूत चोदने लगा. वो मेरी चूचियों को चूसते मसलते हुए मुझे आगे से चोदने लगा.
फिर मुझे ज़मीन में झुका कर कुतिया बना दिया.
उन दोनों बाबाओं ने काफी आसनों में सुबह से दोपहर एक बजे तक ने मुझे खूब ज़बरदस्त चोदा.
चुदाई के बाद हम तीनों को खूब जोरों की भूख लगी थी तो एक बाबा ने हम सबके लिए खाना बनाया.
खाना खाने के बाद हमने कुछ देर आराम किया.
फिर शाम होते होते एक राउंड चुदाई का और लगा.
दोनों बाबा ने मेरी जबरदस्त ठुकाई की.
फिर रात में दारू पीने और खाना खाने के बाद उन दोनों ने शायद दवा खा ली थी.
दवा के असर से उन दोनों ने पूरी रात मेरी चुदाई की.
इसी तरह अगले दिन भी दोपहर में दोनों ने मुझे नहाते हुए चोदा.
फिर तीसरे और आखिरी दिन मुझे फिर से तैयार होने को बोला.
लगभग हर रोज़ की तरह इस दिन भी मैं शाम 7 बजे तक खूब दबा कर चुदी और उनसे विदा लेने का समय आ गया.
फिर वो दोनों मेरा फोन नंबर लेकर जाने लगे.
जाने से पहले मैंने भी उनका नंबर ले लिया.
जाते समय एक बाबा ने मुझसे कहा- कभी इसी तरह अगर मौका मिले, तो मिलने को बुला लेना.
मैंने वादा कर दिया और वो दोनों चले गए.
उनके शाम को जाने के बाद मैं बाथरूम में घुस गई और आधा घंटा गर्म पानी से नहाकर अपनी भोसड़ी और गांड को कुछ आराम दिया.
मैंने बाथरूम के शीशे में देखा कि मेरी गांड और चूची दोनों के आकार में कुछ बढ़ोत्तरी हो गयी थी.
उसी दिन 9 बजे रात को मेरे घर वाले आ गए.
जिसके बाद खाना हुआ और खाने के बाद मैं जल्दी सो गई.
अगले दिन सबका फिर से वही पुराना रूटीन हो गया.
पापा काम पर गए और मम्मी अपने स्कूल चली गईं.
भाई अपने स्कूल निकल गया.
उन सभी के जाने के बाद आज दिन भर मैं घर पर बिना चुदे रही.
शाम को जब मेरा भाई घर आया तो आज वो कुछ परेशान सा लग रहा था.
मैंने उससे बहुत कोशिश की और कारण जानना चाहा, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया.
फिर मैंने रोहण से फोन से पूछा, तो उसने आधी बात बताई कि मेरे भाई को स्कूल से निकाल दिया गया है. जिसका कारण रोहण को भी नहीं मालूम था.
मैंने अपने भाई के पास जाकर उसको जब सब बताया और मम्मी पापा को बताने की धमकी दी.
तो उसने बताया कि उसने आज स्कूल से गोला मारा था. जिसको उसके क्लास टीचर ने देख लिया था और उसको अपने पेरेंट्स को बुलाने को बोला था.
लेकिन गनीमत ये रही थी कि उसके टीचर ने अभी प्रिंसिपल से नहीं बोला था और बात ज़्यादा उठी नहीं थी जिस वजह से अभी मेरे भाई का नाम नहीं कटा था.
उसके टीचर बार बार पेरेंट्स को बताने के लिए बुला रहे थे लेकिन अगर पापा को पता चलता तो वो भाई को खूब मारते और शायद इसी डर से उसने घर पर कुछ नहीं बोला.
भाई ने मुझे भी इसी वादे पर पूरी बात बताई कि घर पर किसी को मत बोलना.
उसने मुझसे वादा भी किया कि अब आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा.
इसके बाद मैंने अपने भाई से उसके टीचर का नंबर लिया और रोहण से उसके टीचर के बारे में पूछा.
रोहण बोला- आप तो उससे बात करना ही मत दीदी या उसके पास जाना भी मत. सिर्फ अपने पापा को भेजना वरना वो बहुत हरामी टीचर है. वो हमेशा स्कूल की लड़कियों से छेड़खानी करता है और डर की वजह से उससे कोई कुछ नहीं बोलता है.
उसने आगे बताया कि उसकी बीवी मर गयी है, वो यहीं किराये के मकान में रहता है. पहले भी उसने इसी तरह से एक लड़के की मजबूरी का फायदा उठा कर उसकी गांड मारी थी. वो अभी भी उस लड़के की गांड स्कूल और अपने घर बुला कर मारता है.
मुझे अच्छे से समझ में आ गया था कि मुझसे ही इस टीचर से काम हो जाएगा. क्योंकि ये ज़रूरत से ज़्यादा चुदाई का भूखा है. जब लड़के की गांड मार सकता है, तो मुझे तो ये पक्का चोदना चाहेगा. इससे मेरा काम बड़ी आसानी से बिना किसी के मालूम चले हो जाएगा.
मैंने रोहण से कहा- मुझे तुम मिल कर पूरी बात बताओ.
वो बोला- दीदी कमरे में बुला लो. सारी रात में पूरी बात समझा दूंगा.
मैं समझ गई कि आज रात रोहण मुझे चोदने की बात कह रहा है.
मैंने हामी भर दी.
रात को रोहण दूसरे रास्ते से मेरे कमरे में 11 बजे आ गया और उसने रात भर मुझे चोदा.
सुबह वो चला गया और सब घर वाले चले गए और मेरा भाई भी दोस्त के मम्मी पापा को देखने के लिए सुबह घर से निकल गया.
उस दिन राजेश अंकल मेरे घर आ गए.
मैं नहा कर रोज की तरफ आज भी अपने घर में नंगी थी.
लेकिन जब वो आए तो मैंने तौलिया बांध लिया.
उसके बाद जब अंकल घर के अन्दर आए, उन्होंने मुझे मेरी नंगी बांह पकड़ कर मुझे उठा कर सामने खड़ा कर लिया.
उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया जिससे मेरी चूचियों की नोकें उनके सीने में जा घुसीं.
अंकल मेरी पीठ सहलाते हुए मुझे दबा कर मेरे मम्मों का मजा लेने लगे.
फिर वो अन्दर आकर बैठे और कुछ देर की बात होने के बाद उन्होंने बोला- बेटा चाय पिला दो, उस दिन तुम्हारे हाथ की चाय बड़ी अच्छी लगी थी.
मैं रसोई में चाय बनाने चली गयी.
तभी पीछे से राजेश अंकल भी किचन में आ गए.
वो एकदम मुझसे सट कर ये बात कर रहे थे- बताओ मेरे बेटे से शादी करोगी या नहीं?
मैं हंस दी.
फिर अंकल बोले- चाय में दूध कौन सा डालती हो, बड़ा मस्त स्वाद आता है.
इसी बीच मैंने चाय में एक खौल लगाया और अंकल से कहा- आप इसको चखो, ठीक बनी है या नहीं.
मैंने उनको सामने से मौका दिया था, तो वो पीछे से ही मुझसे एकदम चिपक कर खड़े हो गए.
और उनका लंड जो पहले से खड़ा था, मेरी गांड में घुसने लगा.
मैंने भी अपनी गांड पीछे को की और अंकल के लंड का अहसास करने लगी.
चाय ठंडी करके मैंने अपनी हथेली पर रखी और अंकल की तरफ हथेली कर दी.
अंकल ने मेरे हाथों को चाट कर कहा- वाह क्या मस्त चाय है.
फिर उन्होंने अपने हाथों को मेरे पेट पर बांध लिया, जिससे उनका लंड और मुझे ज्यादा गड़ने लगा.
मैंने अंकल से थोड़ा हट कर कप उठाया तो अंकल ने धीरे से कहा- थोड़ा और खौलाओ न!
मैंने उनका इशारा समझ लिया था.
मैं बोली- ओके अंकल, अभी पूरा खौला देती हूँ.
मैं फिर से अपनी जगह पर आ गई और अंकल भी मुझसे चिपक गए.
अबकी बार जब वो मेरे पीछे चिपके तो उन्होंने अपना लंड पैंट से निकाल लिया था.
उन्होंने अपने लंड पर थूक लगा कर चिकना भी कर लिया था.
फिर अंकल ने मेरी गांड के छेद पर लंड रख दिया और उन्होंने खुद को मुझ पर हल्का सा दबा दिया.
उसी पल मैंने अपनी टांगें खोल दीं और सटाक से उनका लंड मेरी Xxx गांड में चला गया.
लंड गांड के अन्दर लेते ही मेरी एक ज़ोर की कामुक आह निकल गयी.
मैंने नाटक करते हुए अंकल से कहा- ये क्या कर रहे हो आप … इसको बाहर निकालो … अंकल ये सब गलत है.
उन्होंने अपने दोनों हाथों को मेरी चूचियों पर रखा और उनको दबाने लगे.
वो मेरी गांड में पीछे से ज़ोर ज़ोर से फट फट की आवाज़ से मेरी गांड मारने लगे.
अंकल बोले- बेटा मैं तुमको काफी दिन से चोदना चाहता था, तुम बड़ी गजब की माल हो. बस एक बार मान जाओ.
बस इतना बोलते हुए वो मुझे भकाभक चोदने लगे थे.
दोस्तो, मेरे पापा के ख़ास दोस्त राजेश अंकल से मेरी चुदाई की शुरुआत किचन से ही हो चुकी थी.
ये चुदाई कहां तक जाती और क्या उनके बेटे के साथ मेरी शादी होती.
ये सब मैं आपको अपनी Xxx गांड चुदाई कहानी के अगले भाग में लिखूँगी. आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करते हैं. प्लीज़ मेल करना न भूलें.
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चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 7​


अब तक मैं भी अपनी उखड़ती सांसों में डूब गई थी और कामुक आवाज़ों के साथ कराहने लगी.

‘उफ़्फ़ अंकल … प्लीज ऐसा मत करो आह प्लीज यस्स … अन्दर तक करो अंकल बड़ा मजा आ रहा है.’
मैं भी गांड हिलाते हुए चुदवाने लगी.

कुछ ही देर में एक राउंड हो गया.
मेरी गांड मारने के बाद अंकल मुझे बाहर वाले हॉल में ले आए और मेरी टॉवल खोल कर मुझे पूरा ऊपर से नीचे तक चूमने लगे.

पहले तो उन्होंने मेरे होंठों को चूसा, जिसमें मैंने भी उनका बराबरी से साथ दिया.

उसके बाद वो मेरी चूचियों को पीते, मसलते हुए मेरी चूत चाट कर मुझे दुबारा से गर्म करने लगे.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे सोफे पर बिठा दिया और खुद ज़मीन पर घुटने के बल बैठ गए.

फिर पोजीशन बना कर मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चूत मारने लगे.

अब मैं भी अपनी कामुक सिसकियों के साथ पूरे जोश में थी.
पूरे कमरे में बस सेक्स ही सेक्स गूंज रहा था.

काफी देर मेरी चूत चोदने के बाद अंकल ने मुझसे सोफे से उठाया और खुद उस पर बैठ गए.

अब मैं घुटनों पर बैठ गई और अपने पापा के दोस्त राजेश अंकल का 7 इंच का लौड़ा अपने मुँह में लेकर चूस रही थी.
बीच बीच में मैंने उनकी दोनों गोलियों को भी मुँह में भर कर चूसा.

करीब दस मिनट की चुसाई के बाद अंकल ने मेरे बालों को पकड़ कर अपना पूरा लंड में मेरे मुँह में गले तक घुसा दिया और एकदम तेज़ तेज़ मेरे मुँह में लंड ठूंसने लगे.
दो मिनट बाद जब वो झड़े, तो उनका सारा माल मेरे हलक के पार चला गया था.

मेरे साथ संभोग के बाद अंकल ने मुझसे अपनी चाय गर्म करवाई.
चुदाई के बाद अभी हम दोनों नंगे ही थे.

राजेश अंकल ने मुझे अपनी गोद में बिठा रखा था और अब वो मेरी चूचियां दबाते हुए चाय पीते और फिर मेरे होंठों को चूसते.

अंकल बोले- आज तो तेरी चुदाई में मज़ा ही आ गया.
मैंने मुस्कुरा दिया.

उन्होंने मुझसे पूछा- मेरी बहू को अपने ससुर का लंड कैसा लगा?
मैंने भी मुस्कुराते हुए कहा- बहुत अच्छा ससुर जी.

इसके बाद वो बोले- जल्दी ही मेरे बेटे का जन्म दिन है, उसमें तुमको आना है. उस दिन दोनों बाप बेटा मिल कर अपनी बहू को चोदेंगे.
इस पर मैंने पूछा- उसके सामने आप भी?

तो वो बोले- हां बेटा अब क्या करूं … तुम्हारी आंटी अब नहीं देती हैं और ना ही उनमें वो मज़ा है. मेरा बेटा भी जवान हो गया है, तो एक बार वो अपनी गर्लफ्रेंड को घर लेकर आया था और चोद रहा था. उसको मैंने देख लिया था. उस दिन उस लड़की को नंगी देख कर मेरा भी मन मचल गया, तो उसको हम दोनों ने मिल कर चोदा था. तब से हम दोनों बाप बेटे चुदाई का काम साथ मिल कर ही करते हैं.

ये सुनकर मैं भी राज़ी हो गयी थी कि एक साथ बाप बेटे का लंड लेकर भी देख लूंगी.

अंकल मुझे किस करके चले गए और मैंने अगले लंड के बारे सोचना शुरू कर दिया.

दोपहर में मैंने अपने भाई के सर को फ़ोन किया और उनसे उनके घर पर मिलने के लिए शाम का समय ले लिया.

मैंने सर से मिलने के लिए एक सेक्सी सा शॉर्ट्स और एक हाफ स्लीव्स की शर्ट पहन ली.
ये ड्रेस बिल्कुल फिटिंग की थी.

मैं बिना ब्रा के थी तब भी मेरे चूचे बाहर निकलने को बेताब दिख रहे थे.
शर्ट के ऊपर से मैंने एक फॉर्मल जैकेट डाल ली और आईने में अपना सेक्सी रूप देख कर मस्त हो गई.

फिर मैं लाल लिपस्टिक और रंडी जैसा मादक रूप बना कर शाम को मैं अपने घर से करीब 6 बजे निकली और उस टीचर के घर पहुंच गई.

उस टीचर के घर के बाहर पहुंचते ही मैंने अपनी जैकेट को सामने से खोल लिया और शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल लिए.

शर्ट काफी खुल गई थी जिससे मेरे काफी गहरी क्लीवेज साफ़ दिख रही थी और ब्रा न पहने होने की वजह से मेरे निप्पल्स एकदम खड़े और साफ दिख रहे थे.

अब मैंने डोर बेल बजाई.

कुछ पल के बाद एक 40 साल के आस पास का नाटे कद का भरे बदन का आदमी बाहर आया.

मुझे देखते ही मानो उसकी राल टपक गयी और वो एकदम से कुछ सेकेंड के लिए सन्न रह गया.

मैंने उसका ध्यान हटाते हुए उसको अपना परिचय दिया कि मैं पूनम पांडेय हूँ और मेरा भाई आपका स्टूडेंट है. मैंने अपने भाई का भी नाम बताया.

वो मुझे पहचान गया और अब उसने मुझे अन्दर बुलाया.
उसके आगे वाले कमरे में सामने ही बीच में एक तख्त बिछा था. उसके बगल में एक स्टूल रखा था.

मैं जाकर सामने वाले स्टूल पर बैठ गई.
वो टीचर भी दरवाजे बंद करके आया और मेरे बगल में तख्त पर बैठ गया.

उसने अपना परिचय देते हुए मुझसे पूछा- मेरा नाम श्याम यादव है और आप?
मैंने फिर से एक बार अपना नाम पूनम पांडेय बताते हुए उसकी ओर हाथ मिलाने को बढ़ाया.

उसने लपक कर मेरा हाथ पकड़ा और बड़े जोर से मुझसे हाथ मिलाया.

मैंने बिना किसी भूमिका के सीधे उससे अपने भाई के लिए बोला.
तो वो उसकी बात पर बोला- देखो पूनम, उसने आज गोला मारा है और अगर उसको बाहर कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता. उसने पहली बार गोला मारा है और अगर आज मैंने उसको छोड़ दिया तो कल फिर वो मारेगा, इसलिए उसके पेरेंट्स को मालूम चलना ज़रूरी है.

मैंने उसकी बात काटते हुए कहा- मैं उसकी सगी बहन हूँ.
वो बोला- जी हां, मतलब तुम जानो कि अपना भाई घर से बाहर क्या कर रहा है. इसी लिए मैंने मिलने को बोला था. क्योंकि पेरेंट्स बच्चों को पढ़ने भर भेज देते हैं बाकी घर पर उसकी हरकतों पर ध्यान नहीं देते हैं. फिर जब बच्चा बिगड़ जाता है, तो बोलते हैं कि स्कूल वालों की गलती है.

मैंने उससे बोला- जी सर, बात आपकी बिल्कुल सही है. मेरे पापा मम्मी, दोनों काम पर रहते हैं, इसी लिए ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसी वजह से मैं आज आपसे मिलने आयी हूँ. आप प्लीज़ मुझे अपना नंबर दे दो, जिससे कोई बात होगी, तो आप मुझे बता देना या मैं आपसे पूछ लूंगी.

उसने बड़ी खुशी खुशी मुझे नंबर दे दिया और मुझसे मेरा नम्बर मांगा तो मैंने भी उसको मैसेज कर दिया.

इसके बाद वो मेरे लिए पानी लेने अन्दर चला गया.

वो मेरे लिए पानी और बिस्कुट लेकर बाहर आया तो मैंने उससे बात करते हुए इस तरह से पानी पिया कि सारा पानी अपनी चूचियों पर गिरा लिया.

पानी गिरा कर मैं फौरन से खड़ी हुई और अपनी जैकेट निकाल दी.
शर्ट भीग जाने की वजह से मेरे पूरे दूध साफ साफ शर्ट से दिख रहे थे.

टीचर मेरे मम्मों को देखते हुए बोला- अरे ये शर्ट तो पूरी भीग गई. तुम इसको निकाल दो, मैं प्रेस करके सुखा देता हूं.

मैंने भी उसके सामने अपनी शर्ट के सारे बटन खोल दिए और अपनी शर्ट जैसे ही खोली, मेरे बड़े और गीले दूध छलक कर बाहर आ गए.

मेरे नंगे दूध देख कर श्याम की आंखें बड़ी हो गईं और पैंट में उसका लौड़ा फूल कर एकदम टाइट हो गया.

मैं उसके पास मटकती हुई गई और कहा- सर क्या देख रहे हो … क्या आपने पहले कभी नहीं देखे?
श्याम बोला- देखे तो बहुतों के हैं, लेकिन इतना गजब का माल पहली बार देख रहा हूँ.

मैं खिलखिला दी और उसके थोड़ा और पास आ गई.
मैंने कहा- मेरे मम्मे कितना गजब माल हैं, जरा बताना तो?

इस पर वो बोला- अगर ये मुझे मिल जाएं तो बस …
इतना बोल कर वो शांत हो गया.

मैं एकदम से उसके सीने से चिपक गयी और बोली- रुक क्यों गए श्याम … अगर मेरी जैसी माल तुम्हें मिल जाए तो क्या करोगे?
वो बोला- इनके पूरे रस को चूस लूंगा.

मैंने कहा- तुमको रोका किसने है श्याम?
मेरा इतना बोलना था कि उस मास्टर श्याम ने मेरी दोनों चूचियां अपने दोनों हाथों में ले लीं और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा.

मैं भी कामुक सिसकारियां भरने लगी. कुछ देर के बाद उसने मेरे दोनों चूचों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर खूब चूसा.
फिर मुझे उसी तख्ते पर लिटा कर मेरी शॉर्ट्स भी निकाल दी.

वो मेरी सफाचट फूली हुई मस्त रसीली चूत देखते हुए बोला- आह इतनी मस्त चूत … जैसे मक्खन की टिकिया हो.
उसने एक पल की भी देर नहीं की. झट से मेरी चूत में अपना मुँह घुसेड़ कर चूत चाटने लगा.

मैंने भी अपनी टांगें फैला दीं और गांड उठाकर उस मास्टर से अपनी चूत चुसाई का मजा लेने लगी.

कुछ देर के बाद मैं खड़ी हुई और उसके पैंट की चैन खोल कर उसका लंड बाहर निकाल लिया.
उस Xxx मास्टर का 6 इंच का लंड एकदम काला और काफी मोटा था.

मैंने लंड मुँह में भर लिया और चूसने लगी.
उसने आंह आह करते हुए सीत्कार भरी और खुद ही अपने सारे कपड़े निकालने लगा.

फिर मास्टर ने मुझे उसी तख्त पर सीधा लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया.

मैंने भी चूत खोल दी.

मास्टर ने मेरी चूत में लंड सैट किया और एक तगड़े झटके में मेरी बुर में लौड़ा पेल दिया.
मेरी मीठी आह निकल गई.

वो अपनी पूरी रफ्तार के साथ झटके पर झटके मारने लगा और मैं भी सिसकारियां भरती हुई चुदाई की आवाजों में चार चांद लगाने लगी थी.

कुछ देर इसी पोजीशन में मेरी चूत चोदने के बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया.
फिर पीछे से लंड पेल कर मेरी चूत का भोसड़ा बनाने लगा.

कुछ देर मेरी चूत मारने के बाद उसके लंड की लार मेरी गांड पर टपक गई.
उसने मेरी चूत से लंड निकाला और सटाक से मेरी गांड में लंड ठूंस दिया.

मेरी आंह निकल गई और मुझे हल्का दर्द होने लगा.

उसमें घोड़े जैसी ताकत थी. मुझे बजाते हुए उसे बहुत देर हो चुकी थी.

मुझे अपने भाई के सर से चुदवाते हुए मजा आ रहा था.
चुदाई के बाद वो मेरी छाती पर चढ़ गया और मेरी दोनों चूचियों के बीच अपना लंड पेलने लगा.

कुछ देर बाद उसने अपना सारा माल मेरी दोनों चूचियों पर झाड़ दिया और बाजू में गिर कर लम्बी लम्बी सांसें लेने लगा.

एक मिनट बाद मैं उठी और खुद को साफ करने लगी.
अब तक मेरी शर्ट भी सूख गई थी.

मास्टर मुझसे बोला- आती रहना … बड़ी मस्त माल हो.
मैंने हामी भर दी और अपने कपड़े पहनने के बाद मास्टर की चुम्मी लेकर वहां से घर चली आयी.

उसी शाम को मेरे पास फ़ोन आया, जहां से मैंने अपना 12 वीं का प्राइवेट फॉर्म डाला था.
तो उन्होंने बोला- आप कल आकर अपना एग्जामिनेशन फॉर्म भर दो वरना आप एग्जाम में नहीं बैठ सकेंगी.

मैंने ये बात पापा को बताई तो वो बोले- हां ठीक है न, तुम कल चली जाना.
मैं अपने कमरे में आ गयी और सो गई.

अगले दिन जब मैं सुबह उठी तो एकदम तेज़ बारिश हो रही थी.
मैं नीचे गयी तो भाई मेरा आज घर ही पर था और मम्मी भी बारिश की वजह से घर में ही थीं.
वो दोनों स्कूल नहीं गए थे, सिर्फ पापा गए थे.

मेरा भाई टीवी देख रहा था, जिसमें खबर आ रही थी कि अगले 3 दिन मूसलाधार बारिश होगी.
तभी मम्मी आ गईं और बोलीं- जल्दी से नहा लो और नाश्ता कर लो, तुमको अपना एग्जामिनेशन फॉर्म भरने भी तो जाना है.

इस पर मैं बोली- मम्मी इतनी बारिश में मैं कैसे जा पाऊंगी?
मम्मी बोलीं- तो सर से फ़ोन करके पूछ लो कि अगर आज ज़रूरी न हो, तो एक दो दिन बाद चली जाना.

मैंने पहले तो नाश्ता किया, उसके बाद मैं अपने कमरे में गयी और बाहर का मौसम देखने लगी.
आज सुबह से ही अंधेरा था और बड़ी ज़ोरदार बारिश में एकदम गजब का मौसम हो रहा था.

ठंडी हवा मेरे बदन में एक सिहरन ही मचाने लगी और मेरा हाथ मेरे मम्मों पर चला गया.
मेरी चूत में भी खुजली होने लगी.

मेरे मन में आया कि अगर इसी तेज़ बारिश में मेरी ज़ोरदार चुदाई हो जाए तो मज़ा ही आ जाए.

तभी मुझे याद आया कि आज तो मुझे बड़ा अच्छा मौका भी मिला है फॉर्म भरने जाने का … और जिधर मुझे जाना था वो जगह काफी दूर थी. उधर से वापस आते आते मुझे शाम पक्का हो जानी थी.
फिर मौसम की खराबी के चलते रात भी हो जाए तो आज कोई दिक्कत नहीं है.


आप अपने मेल जरूर भेजें.
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चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 8​


मैं जल्दी से नहाने चली गयी और आज मैंने नहा कर मिनी स्कर्ट बिना पैंटी के पहन ली.
ऊपर एक सफेद टी-शर्ट पहनी जो कि बिना बांह की थी और इतनी ज्यादा चुस्त थी कि क्या बताऊं.

उसके नीचे मैंने हल्के येल्लो रंग की एक सेक्सी ब्रा पहनी, जिसका फायदा ये था कि अभी तो मेरी टी-शर्ट के अन्दर कुछ नहीं दिख रहा था लेकिन जैसे ही मुझपर पानी पड़ेगा, ये एकदम पारदर्शी हो जाएगी और ब्रा साफ दिखेगी.

ये शार्ट टीशर्ट थी, जिससे मेरा पूरा पेट खुला था और मेरे स्तन के बीच की काफी गहरी घाटी भी साफ नजर आ रही थी.

मैंने जूते पहने और अपने बालों का जूड़ा बना लिया.
फिर मैंने वाटर प्रूफ मेकअप किया जो बारिश में बहे न.
होंठों पर एकदम सुर्ख लाल रंग की लाली और काजल लगा लिया.

अब मैं नीचे आयी तो मम्मी बोलीं- क्या हुआ?
मैंने उनसे झूठ कह दिया- सर बोल रहे हैं कि फॉर्म भरना आज ही ज़रूरी है.

मम्मी ने मुझे पैसे दिए और बोलीं- इतनी दूर जाना है, मौसम की वजह से तुमको यदि रात हो जाए और रात में सवारी न मिले तो रात में कहीं रुक जाना.

अब तो मुझे दिन रात चुदने का मम्मी ने पास दे दिया था.

कुछ देर के बाद बारिश कुछ हल्की हुई लेकिन अभी भी इतनी थी कि बारिश में जाने पर दो मिनट में भीग जाती.

अब मैं घर से 12 बजे के करीब निकली और बाहर आते आते मैं पूरी भीग गयी.
मेरी टी-शर्ट ने तुरंत मेरा साथ छोड़ दिया और पानी पड़ते ही मैं ऊपर से नंगी दिखने लगी.
मेरी छोटी सी ब्रा के कारण मम्मों का अधिकांश हिस्सा खुला हो गया और मेरी चूचियां एकदम साफ नजर आने लगीं.

पहले मैं एक ऑटो से कुछ दूर आयी जहां से मुझे दूसरी ऑटो पकड़नी थी.
मैं एक सवारी गाड़ी में जा बैठी, जो पूरी खाली थी.

उधर सामने एक आदमी खड़ा था, वो छाता लिए हुए था.
उसने जैसे ही मुझको बैठते देखा, वो भी आकर मेरे बाजू में बैठ गया.

ये आदमी कोई 35-38 साल के आस पास का था और ठीक-ठाक दिख रहा था.

इसके बाद धीरे धीरे पूरी ऑटो भरने लगी.
मैं बीच वाली सीट में बैठी रही और मेरी बगल में वो छाता वाला आदमी बैठा था.

उसके बाद 2 मोटे मोटे आदमी उसके बगल आ बैठे, जिससे जगह बिल्कुल नहीं बची.

वो सीट तो 4 के बैठने के लिए सही थी लेकिन वो दो आदमी कुछ ज़्यादा हैवी थे जिससे जगह कुछ बची ही नहीं.
मेरे बगल वाला वो आदमी एकदम से मुझमें घुसा हुआ था.

कुछ देर बाद ऑटो स्टार्ट हुई तो ड्राइवर ने मेरे बगल का परदा डाल दिया क्योंकि पानी अन्दर आ रहा था.
गाड़ी वहां से निकली, जिसके बाद उस आदमी ने मेरे कंधे से ले जाकर सीट के पीछे अपना हाथ रख लिया. इससे मुझे समझ में आ गया कि ये इस गाड़ी में सिर्फ मुझसे मज़ा लेने के लिए बैठा है.

कुछ देर के बाद उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया. ऑटो में झटके लग रहे थे तो वो हर झटके में अपना हाथ थोड़ा नीचे सरकाता जा रहा था.
अंत में उसका हाथ मेरी चूची पर आ पड़ा, जिसको वो बार बार हल्का सा छू ले रहा था.

मैं बस मजा ले रही थी.
मेरे चुप रहने से उसकी हिम्मत बढ़ गई थी.

फिर उसने अपना दूसरा हाथ मेरी स्कर्ट पर रख दिया और मेरी नंगी जांघ पर ले जाने लगा.

अभी वो अपने दोनों हाथों से मुझसे मज़ा लेने लगा था. मैं भी उसके स्पर्श का आनन्द लेने लगी थी.

फिर धीरे धीरे उस आदमी का दबाव मेरे शरीर पर बढ़ता जा रहा था और वो अब मेरी राइट वाली चूची को ज़ोर से दबाने लगा था.
जिससे मुझे भी एकाएक उत्तेजना होने लगी.

आगे बढ़ते हुए उसने अपना दूसरा हाथ मेरी स्कर्ट में डाल दिया जिससे मेरी चूत की गर्माहट पाकर मजा आ गया.

उसने जैसे ही मेरी चूत पर हाथ लगाया, मैंने खुद अपने हाथ को उसके हाथ पर रख दिया जो मेरी चूची पर था.

मैंने उसके हाथ को मसल दिया.
वो समझ गया कि मैं तैयार हूँ.
वो मेरी चूची से हाथ हटा कर अपना हाथ सीधा मेरी चूत में ले आया. पहले उसने चूत को ऊपर से मसला, फिर एक उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.

मैं एकदम पागल होने लगी.

लेकिन उसने ऐसा करना जारी रखा जिससे मैं कुछ देर में झड़ गयी और मेरा सारा पानी उसके हाथ में लग गया.

उसने हाथ बाहर निकाल कर अपना हाथ मुझे दिखाते हुए चाटा.

अब वो हंस दिया और फिर से एक बार मेरे कंधे से हाथ लेकर सीधे मेरी टी-शर्ट के अन्दर कर दिया.
वो मेरे निप्पल्स मसलने लगा.

मैंने भी उसका खड़ा लंड पकड़ लिया.
उसका लंड 7 इंच के करीब था.

मैं उसके लंड को उसकी पैंट के ऊपर से ही मसलने लगी.

इसी तरह समय कब बीत गया, मालूम नहीं चला.
मुझे जहां आना था, मैं वहां पहुंच गयी.

मेरे उतरते ही वो आदमी भी मेरे साथ उतर गया.
उसने अपना और मेरा किराया दे दिया और अपनी छतरी खोल ली.
मैं भी उसके साथ हो ली.

अब वो मुझे रोड से किनारे अन्दर की तरफ ले जाने लगा.

आज बारिश की वजह से यहां काफी सन्नाटा भी था जिससे हमको किसी ने भी नहीं देखा.

हम दोनों गांव के थोड़ा अन्दर गए तो उधर एकदम सुनसान जंगल के जैसी जगह थी.
उधर एक छपरा बना हुआ था.

वो आदमी मुझे लेकर उस छपरे में घुस गया और तभी बारिश फिर से काफी तेज होने लगी.
छपरा ऊपर से एकदम टूटा हुआ था जिससे सारा पानी अन्दर आ रहा था.

लेकिन उस छपरे में एक अच्छी बात ये थी कि वो चारों तरफ से बंद था. जिससे कोई हमें नहीं देख सकता था.

पानी जरूर आ रहा था, जिसकी मुझे कोई परवाह नहीं थी. क्योंकि भीगी तो मैं पहले से ही थी.

वो आदमी मेरे पीछे से आ गया और मेरे मम्मों को पकड़ कर मसलने लगा और मेरी गर्दन को भी चूमने लगा.

मैंने भी हाथ पीछे करके उसका लौड़ा बाहर निकाल लिया और उसको मसलने लगी.

उसने मुझे अपनी तरफ किया और एक ही बार में मेरी टी-शर्ट और ब्रा उतार कर मेरे दोनों मम्मों पर टूट पड़ा.
वो मेरे दोनों मम्मों को खूब चूसने और मसलने लगा.
मैं भी मस्त होकर उससे अपने दूध चुसाने लगी.

मम्मों से मन भर लेने के बाद उसने मेरे पूरे बदन को चूमना चाटना चालू कर दिया.
फिर वो नीचे होकर मेरी गर्म चूत पर मुँह रख कर मजा लेने लगा.
मेरी चूत चूस कर उसने मुझे एक और बार झड़ा दिया.

मैंने भी कुछ देर उसका लंड चूस कर उसे चुदाई के लिए तैयार कर दिया.

चौपाया बन कर मैंने उसका लंड अपनी चूत में ले लिया और वो आदमी मुझे पूरी रफ्तार में चोदने लगा.

मैं भी उस तेज़ बारिश में एक अनजान आदमी से आधी नंगी होकर कामुक सिसकारियां फक़ फक़ … बोलती हुई अपनी चूत चुदवा रही थी.
कुछ देर मेरी चूत चोदने के बाद उसने मुझे फिर से अपना लंड चुसाया.

उसके बाद मैंने उसका लौड़ा अपनी गांड में ले लिया और बड़े प्यार से गांड मरवाई.
हम दोनों को अब तक करीब एक घंटा हो गया था.

उसने मेरी गांड और चूत दोनों की चुदाई की.

अब हम दोनों अपने गीले कपड़े ही पहन कर सड़क तक आ गए.
उसके बाद वो दूसरी ऑटो करके वापस चला गया.

जबकि मैं वहां से अपने काम के लिए स्कूल में चली गयी.

अभी 4:30 हो रहे थे और सड़क पर जैसे लग रहा था कि रात के 2 बज रहे हैं, इतना सन्नाटा और अंधेरा हो रहा था.

मैं सर के यहां गयी तो वो एक छोटे बच्चों का स्कूल था.
उसी स्कूल में उनका ऑफिस और कमरा था.

उस समय मेरी हालत एकदम किसी सस्ती रांड की तरह हो रही थी क्योंकि मैं पूरी तरह से भीगी थी और उस आदमी की चुदाई के बाद मेरा मेकअप भी फ़ैल गया था.

मेरी शक्ल देख कर साफ़ लग रहा था कि मैं बुरी तरह से चुद कर आयी हूँ.
मैं सर के यहां आयी तो देखा दरवाज़ा बंद था.

मैंने बगल में लगी खिड़की से अन्दर झांका तो अन्दर भी एकदम रंगारंग कार्यक्रम चल रहा था.

इन सर की उम्र 50 के आस पास की थी.
मेरे सर के साथ में एक और आदमी था और वो भी उनके ही उम्र का था.

कमरे के अन्दर दारू चल रही रही और वो दोनों टीवी पर एक ब्लू फिल्म देखते हुए मज़े ले रहे थे.

यह देख कर मैंने सोचा कि यहां भी मस्ती करने का पूरा इंतज़ाम है बस इन दोनों को थोड़ा सैट करने की देर है, फिर तो ये दोनों खुद ही मुझ पर टूट पड़ेंगे.

मैंने स्कर्ट थोड़ी और ऊपर की और खुद को थोड़ा ठीक करके दरवाज़ा खटखटाया.
उन लोगों ने पहले तो टीवी बंद किया और अपने कपड़े ठीक करने लगे.
क्योंकि वो दोनों ही बस अपनी अपनी अंडरवियर में थे.
उन दोनों ने अपनी अपनी कमर पर गमछा बांध लिया.

एक आदमी दरवाज़ा खोलने आया.
उसने दरवाजा खोला और जैसे ही मुझे देखा वो भौचक्का रह गया.
उसने बड़ी वासना भरी नजरों से मुझे ऊपर से नीचे तक देखा.

मैंने देखा कि मेरी जैसी माल लौंडिया देख कर उसकी आंखों में एक चमक सी आ गयी थी.

तभी मेरे सर भी उठ कर आ गए और मुझे देख कर बोले- अरे पूनम तुम … इतनी बारिश में कैसे आ गयी?
मैं बोली- सर ऑटो से.

उन्होंने मुझे अन्दर बुलाया और दूसरे आदमी ने दरवाज़ा अन्दर से बंद कर लिया.

सर ने मुझे तौलिया लाकर दिया और कहा- ये लो तौलिया और खुद को पौंछ लो, वरना ठंड लग जाएगी.
मैं बोली- हां सर, मुझे काफी सर्दी लग रही है.

सर ने उस आदमी की तरफ देखा तो वो आदमी बोला- एक बड़ा सा इसके लिए बना दूँ?
सर ने मेरी तरफ देखा और बोले- सर्दी दूर करने का तो फिलहाल मेरे पास एक ही उपाय है.

मैंने कहा- आपके पास जो भी दवा है, जल्दी से दे दीजिए.
अब उस आदमी ने एक पैग बनाया और मेरी बढ़ा दिया.

सर ने मुझसे पीने का इशारा करते हुए कहा- लो इसको दवा की तरह पी लो, इससे तुम्हें ठंड नहीं लगेगी.

मैंने गटगट करके पूरा गिलास खाली कर दिया.

तभी वो दूसरा आदमी एक और हार्ड पैग बना कर मेरी तरफ लेकर आ गया.

सर ने मुझे ज़बरदस्ती दूसरा पैग भी पकड़ा दिया.

हालांकि इसमें मेरी भी मर्ज़ी थी लेकिन उन दोनों को दिखाने के लिए मैंने थोड़ा नाटक किया.

अब मेरी शर्म खत्म हो गई थी. मैंने उनके साथ बैठ कर दूसरे पैग को धीरे धीरे पीना शुरू कर दिया.

उधर सर और उनके साथी ने भी अपने गिलास उठा लिए थे.
वो पैग पीने के साथ साथ चखना भी खा रहे थे.

ये देख कर मैंने भी उनके साथ चखना खाना शुरू कर दिया.
कुछ देर के बाद मुझे नशा चढ़ गया.

उस आदमी ने एक सिगरेट सुलगा ली.

सर ने उस आदमी से सिगरेट लेकर धुंआ उड़ाया और मेरी तरफ देखने लगे.
मैंने भी बेशर्मों की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया और सर के हाथ से सिगरेट ले ली.

हम तीनों शराब और सिगरेट का मजा लेने लगे.

कुछ देर बाद सर ने मुझसे मेरा कागज़ लिया और बोले- फॉर्म भर जाएगा.
मैंने सर से पास होने के लिए नकल की जुगाड़ के लिए पूछा, तो सर ने उस दूसरे आदमी की तरफ इशारा करते हुए कहा- अरे तुम चिंता मत करो, यही सर सब करवा देंगे.

अब मैं उस आदमी को भी सैट करने लगी.
मैंने उससे कहा- सर, मुझे एक पैग और बना दीजिए.

उसने झट से पैग बना कर मेरे हाथ में दिया और मेरे हाथ को मसल दिया.
मैं हंस दी, वो खुश हो गया कि लौंडिया नीचे आने को राजी दिख रही है.

इस तीसरे पैग के बाद मुझे खूब अच्छी चढ़ गई थी, लेकिन अभी भी मैं होश में थी.
मुझे तो चुदवाने की चुल्ल थी तो मैंने नाटक किया.

मैं ये कह कर खड़ी हुई- अच्छा सर अब मैं चलती हूँ.
मगर मैं ड्रामा करती हुई लड़खड़ाने लगी.

तभी उस दूसरे आदमी ने मुझे सहारा देते हुए पकड़ा और मेरी एक चूची को अपने हाथ में ले लिया.

मैं और ज्यादा नाटक करते हुए उसी के ऊपर गिर पड़ी, जिससे उसने मेरी गांड से मुझे पकड़ लिया.
मुझे पकड़ने के चक्कर में मेरी स्कर्ट पीछे से पूरी उठ गई और मेरी नंगी गांड सर ने देख ली.

वो भी अब उठ कर मेरे पीछे से आकर मुझसे सहारा देने के बहाने मेरी गांड से एकदम सट गए.

कुछ ही देर में देखते देखते वो दोनों मेरे शरीर से खेलने लगे और मैं नशे में झूठ मूठ का नाटक करती हुई बड़बड़ाने लगी कि मुझे जाने दो.
इस पर मेरे सर ने मेरे बालों से मुझे पकड़ा और मुझे ले जाकर अपने तख्त पर लिटा दिया.

अब वो दूसरे आदमी से बोले- एक पैग और बना … क्योंकि इस शहरी रांड को चोदने में ज़्यादा नशा चाहिए.

इस पर वो आदमी झट से पैग बना कर लाया और बोला- आज तो इस रांड का मैं भी भोग लगाऊंगा.
अब वो दोनों अपने पैग पीते हुए मुझे चोदने के तरीके पर विचार कर रहे थे.

मुझे सब समझ में आ रहा था.
इन दोनों की बातें सुन कर मुझे और ज़्यादा चुदास चढ़ने लगी थी.

कुछ ही देर में वो दोनों मुझ पर लगभग टूट पड़े.
वो दोनों किसी जंगली भेड़ियों की तरह मुझे हर तरफ से चूम और चाट रहे थे.

जल्दी ही उन दोनों ने मुझे नंगी कर दिया था और मेरे एक एक स्तन को पकड़ कर बड़ी तेज़ी से चूसने और मसलने लगे.

मम्मों के बाद दोनों ने बारी बारी से मेरी गांड और चूत को चाटा.

फिर वो दोनों नंगे होकर मुझे अपना लंड चुसाने लगे.
मैंने बड़े तरीके से उन दोनों का लौड़ा चूसा.

फिर उन दोनों में मुझे अपने बीच में सैट करके मेरी सैंडविच चुदाई शुरू कर दी.
मैं मस्ती से एक साथ अपनी चूत और गांड में लंड का मजा लेने लगी थी.

सर मेरी गांड चोद रहे थे, उन्होंने अपना वीर्य मेरी गांड में ही छोड़ दिया और दूसरे वाले ने मेरी बुर के मुहाने पर रस टपका दिया.

चुदाई के बाद वो दोनों हांफते हुए मेरे अगल बगल में लेट गए और मेरे चुचों को चूसने लगे.
कुछ देर के बाद मैंने बारी बारी से उनका लंड खड़ा करके दोनों से दूसरे राउंड की चुदाई भी करवाई.

अब हम तीनों थक कर लेट गए.

कुछ देर बाद सर ने सबके लिए एक एक पैग और बनाया.

अपना पैग पीने के बाद मैं खड़ी हुई और खुद को साफ करके कपड़े पहन कर वहां से निकलने लगी.

उस समय रात के करीब 8 बजे थे.

मैं सड़क पर आई तो जाने के लिए कोई साधन देखने लगी.
इतनी रात में वहां एकदम सन्नाटा पसरा था.

कुछ देर बाद एक बाइक वाला निकला.
मैंने उसे रोका और उससे लिफ्ट मांगी.

उसने आगे जाकर सन्नाटे में मुझे नंगी करके चोदा और मुझे मेरे घर छोड़ गया.

दोस्तो, इसी तरह मेरी हर रोज़ तबीयत से चुदाई होने लगी.

समीर भैया की अब शादी हो गयी थी लेकिन अभी भी वो मेरी चुदाई नियमित तौर पर करते हैं.
जब उनकी बीवी मायके चली जाती है तो वो उन दिनों में मुझे अपने कमरे में ही बुला कर चोदते हैं.

मेरे भाई का दोस्त रोहण भी मुझे बाहर होटल या कहीं भी ले जाकर चोद देता है.
या जब मुझे घर पर मौका मिलता है तो मैं उसे बुला लेती हूँ और वो मेरी फुद्दी लेने मेरे घर चला आता है.

पापा के दोस्त राजेश अंकल भी हफ्ते में एक दिन आकर मुझे खुश करके जाते हैं.
मुझे अपने भाई के टीचर के पास भी जाना पसंद आने लगा है.

मैं अपना पेपर देने जब जब जाती थी, तो मेरे वो दोनों सर मुझे अपने साथ कहीं बाहर ले जाते थे.

कभी कभी तो वो दोनों गाड़ी में ही मेरी लेते हुए मुझे होटल ले जाते.

मेरी चूत की वासना कभी खत्म ही नहीं होती, चूत बस फक़ फक़ बोलती है.

इतने लंड होने के बावजूद भी मैं कांटा डालने के मूड में रहती हूँ कि कहीं कोई नया मर्द मिल जाए जो मेरी हचक कर चूत चोद दे.

इसी के साथ मैं अब आप से विदा लेती हूं. मेरी फक़ फक़ स्टोरी पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद. मुझे मेल करें.
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सहेली ने अपने बॉयफ्रेंड से मुझे चुदवा दिया​

मेरा नाम कनिका है, ये बात उन दिनों की है, जब मैं जवान हो गई थी और पढ़ती थी.मेरी एक सहेली अनुष्का थी, जो कि सेक्स में कुछ ज्यादा ही ध्यान लगाती थी.वो मेरी चूत को छूने के बहाने ढूंढती रहा करती, कभी स्कूल के बाथरूम में, कभी बस में, तो कभी कहीं. वो बहुत लुच्ची टाइप की थी.
जब वो मेरी चूत पर जरा सा हाथ लगाती, तो मेरा मन भी करता कि वो मेरी कच्छी में हाथ डालकर मेरी चूत को सहलाए लेकिन मैं बस झूठा दिखावा करती रहती.
वो भी इतनी बड़ी वाली रांड थी कि कभी भी मेरी चूत को छूने का मौका नहीं छोड़ती थी.इससे मेरा मन भी वासना से भरने लगा था और मुझे लंड से चुदने की चुल्ल होने लगी थी.एक दिन मैं बस में बैठी थी.

उसका एक बॉयफ्रेंड भी था जो बहुत लंबा तगड़ा था और वो भी बहुत बदतमीज था.वो मेरी चूचियों और गांड की तरफ हमेशा देखता रहता था.जब मैं अपनी सहेली से इस बात को कहती, तो वो बोलती- उसकी ओर ध्यान मत दिया कर … वो ऐसा ही है.उसके बॉयफ्रेंड का शरीर देख कर लगता था, जैसे उसका लंड बहुत बड़ा होगा.मैं भी कभी कभी उसकी ओर एकटक देखती रहती थी.

एक दिन मम्मी ने मुझसे कहा- बेटा हम सब परसों एक शादी में जाएंगे, तुम भी चलोगी क्या?मैंने मना कर दिया, मेरी पढ़ाई का नुकसान होता.मैं अब दूसरे दिन घर पर अकेली रहने वाली थी.मैंने अगले दिन अपनी सहेली को बताया- मैं कल अकेली रहूंगी.इतना सुनकर वो बोली- मैं तेरे घर आ जाऊंगी और तेरा मन भी लग जाएगा.मैंने भी उससे बोल दिया- हां आ जाना.अगले दिन मैं सारा काम खत्म करके लेट गई.
उस समय दोपहर के एक बजे थे. मेरी आंख लग गई थी.
अचानक से मुझे लगा कि जैसे कोई दरवाजा खटखटा रहा है.
मैंने उठकर दरवाजा खोला तो मेरी सहेली घर आई थी.
उसे अन्दर बुलाकर मैंने गेट लॉक कर दिया और हम दोनों अन्दर आ गईं.उसने गहरे काले रंग की जींस और ऊपर काले ही रंग का टॉप पहना था, उस जींस में से उसकी गांड एकदम मस्त लग रही थी.मैं उठकर उसके लिए पानी लेने गई तो उसने रसोई में आकर पीछे से मेरी कोली भर ली और मेरे शॉर्ट निक्कर में अपना हाथ डाल दिया.मैंने उससे कुछ नहीं कहा और चुपचाप मजे लेने की सोचने लगी.
वो मेरी कच्छी के ऊपर से मेरी चूत की फांक पर हल्की हल्की उंगली फिरा रही थी जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैंने उसे पीछे मुड़कर पानी दिया और कहा- चलो अन्दर कमरे में चलते हैं.वो हंसने लगी और बोली- हां, कमरे में मजे करते हैं.मैंने कहा- यार, तू आज कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही है.
इतना सुनकर उसने मुझे एक बहुत टाइट सा किस किया.
मेरा मूड भी अब उसके साथ सेक्स करने का बन चुका था.

फिर वो खड़ी हो गई. उसने अपनी जींस और टॉप निकालकर उतारे और एक तरफ बेड पर फेंक दिया.उसने अन्दर भी काले रंग की कच्छी और ब्रा पहनी थी जिसमें वो और ज्यादा हॉट लग रही थी.फिर उसने कहा- कनिका, तू भी अब अपना टॉप और निक्कर निकाल दे.इतना सुनते ही मैंने भी झट से अपने कपड़े निकाल दिए और उसके सामने कच्छी और ब्रा में खड़ी हो गई.मैंने गुलाबी रंग की कच्छी और ब्रा पहनी थी.
अनुष्का ने कहा- यार, तू भी कम हॉट नहीं है.
इतना कहकर उसने मुझे एकदम जोर से गले से लगा लिया और मेरी कच्छी में पीछे से हाथ डालकर मेरे चूतड़ दबाने लगी.मैंने भी उसकी कच्छी में हाथ डाला और मैं भी उसी तरह उसके बड़े बड़े मुलायम चूतड़ दबाने लगी, जिससे हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था.फिर उसने मुझे धक्का देकर बेड पर लेटा दिया और मेरी टांगों को खोला.
अनुष्का ने मेरी चूत को कच्छी के ऊपर से ही हल्का हल्का सहलाना शुरू किया जिससे मेरी चूत में एक करंट सा दौड़ने लगा.उसके हाथ अपनी चूत पर महसूस करके मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर उसने मेरी कच्छी के ऊपर अपनी एक उंगली को रखा और बोली- अब मैं तेरी चूत पर ए बी सी डी लिखूंगी, जो गलत लिखूँगी, तू बताना.मैंने हामी भर दी.
अब उसने मेरी चूत पर कच्छी के ऊपर से ही बिल्कुल चूत की फांकों पर उंगली से बिल्कुल धीमे धीमे ए लिखा.

सच में मुझे मजा आने लगा.
मेरा मन कर रहा था कि वो बस ऐसे ही करती रहे और मैं इस पल के मजे लेती रहूँ.फिर उसने ए बी सी डी के सारे अक्षर लिखे और जिस अक्षर को अपनी चूत पर लिखवाने में मजा आता, मैं उससे कहती तुमने ये अक्षर गलत लिखा, फिर से लिखो.वो हंसकर उस अक्षर को 3-4 बार लिखती और बोलती- सही है … मजा आ रहा है ना कनिका!
मैं बस उसकी ओर देख कर स्माइल कर देती और मजा लेती.
फिर उसने कहा- कनिका, अब तू मेरी चूत पर बिल्कुल धीरे धीरे एबीसीडी लिख.मैंने भी सारे अक्षर धीरे धीरे लिखे.
जिससे हम दोनों की वासना जोर पकड़ने लगी थी और हम दोनों में वासना इस तरह से जाग गई थी कि अब बस एक लंड मिल जाता, तो मजा ही आ जाता.
उसने मुझे औंधा लेटा लिया और मेरी कच्छी निकालकर एक साइड फेंक दी.उसने मेरी चूत में अपनी उंगली डाली तो मुझे एक अलग सा ही मजा आया.मैंने उससे कहा- यार अनुष्का ऐसे ही करती रह, बहुत मजा आ रहा है.

वो ऐसे ही करती रही और मैं मजा लेने लगी.
जब मैं उसके सामने औंधी लेटी हुई थी तो अनुष्का बोली- यार, मैं पानी ले आती हूँ. थोड़ी प्यास लग आई है.
इतना कहकर वो पानी लेने चली गई और फिर से आकर मेरी चूत में उंगली करने लगी.थोड़ी देर बाद अचानक ऐसा लगा जैसे मेरी चूत में एक बड़ी सी चीज़ घुस गई हो.
मैंने पलटकर पीछे देखा तो वो अनुष्का के बॉयफ्रेंड का लंड था जो कि मेरी चूत में घुसने की कोशिश कर रहा था.
मैं अभी कुछ कहती या करती, मेरी सहेली मेरे मुँह के पास आकर बोली- अब आएगा सेक्स का असली मजा बाबू.
मैंने उसकी ओर स्माइल किया और बोली- साली कुतिया तू इस पानी को लाने गई थी.वो हंसी और बोली- यार, तू बस इसके लंड को एंजॉय कर.अब अनुष्का का बॉयफ्रेंड पीछे से मेरी चूत में धक्के लगा रहा था, जिससे मुझे दर्द हो रहा था.
उसका सुपारा मेरी चूत की फांकों को चीर सा रहा था.
मैंने अनुष्का से कहा- यार, बहुत दर्द हो रहा है.
अनुष्का ने कहा- यार, शुरुआत में थोड़ी देर दर्द होता है, फिर बहुत मजा आता है.
इतना कहकर वो मुझे किस करने लगी.
थोड़ी देर तक वो ऐसे ही लेटी हुई मेरी चूत का रस अपने बॉयफ्रेंड के लंड को पिलाती रही.
फिर उसका बॉयफ्रेंड बोला- कनिका सीधी लेट जा यार, ऐसे चोदने में मजा नहीं आ रहा.
मैं सीधी लेट गई तो उसने नीचे होकर मेरी चूत के दाने को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
इससे मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था.
मैं उससे अपनी चूत का दाना चुसवा रही थी.
मेरी कमीनी सहेली अनुष्का, मेरी एक चूची के दाने को अपने हाथ से सहला रही थी और एक चूची के दाने को मुँह में लेकर मेरी चूची के रस को पिए जा रही थी.
चूत और चूची पर हुए इस मीठे हमले से मैं फुदक फुदक पड़ रही थी.
अब अनुष्का का बीएफ घुटनों पर बैठ गया और मेरी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगा.वो मुझे और ज्यादा मजा देने लगा.एक मिनट तक मेरी चूत पर लौड़ा रगड़ने के बाद उसने मेरी चूत में हल्का सा तेल लगाया और अपना लंड आधा अन्दर डाल दिया.

मैं तड़फ उठी मगर उस पर कोई असर नहीं हुआ.
वो लंड और अन्दर पेल कर हल्के हल्के धक्के लगाने लगा और अनुष्का मेरी चूत के दाने को अपने एक हाथ से बुरी तरह से मसलने लगी.कुछ ही देर के दर्द के बाद अब इस सबसे मुझे लंड से चुदने में दर्द नहीं बल्कि मजा आ रहा था.
मैंने हल्का सा ऊपर होकर देखा, तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.उसका लौड़ा बहुत ज्यादा लंबा था. कम से कम 8 इंच का लंड था और बहुत मोटा भी था.
इस वक्त सेक्स की चाहत में मुझे पता ही नहीं चला कि लंड जो मेरी चूत में घुस गया है, वो ज्यादा मोटा भी था.
अब तो मजा आ रहा था इसलिए मैं बस चुपचाप लेटी रही.
कुछ मिनट बाद अनुष्का ने कहा- यार मुझे भी इसके लंड का रस अपनी चूत को पिला लेने दे.
लेकिन अनुष्का का बॉयफ्रेंड बोला- तुझे तो रोज ही चोदता हूँ बाबू, आज मेरे लंड को कनिका की चूत का रस पिला लेने दे.
अनुष्का मान गई और बोली- ओके बाबू आज तू बस इसे चोद ले, कल मेरे घर आकर मुझे चोदना.इतना कहकर वो सामने पड़े सोफे पर जाकर बैठकर हम दोनों की चुदाई देखने लगी.वो लाइव ब्लूफिल्म देखती हुई अपनी चूत में उंगली करने लगी.
अब मैं अनुष्का के बीएफ के लंड से चुदाई कर रही थी.
मैं मन ही मन खुश थी और बस चुदाई के मजे ले रही थी.
उसका बॉयफ्रेंड अंकुश मेरी चूत को चोद रहा था और हाथ के अंगूठे से मेरी चूत के दाने को सहलाए जा रहा था.
मुझे उसकी इस हरकत से अलग सा मजा आ रहा था.
फिर उसने मुझे घोड़ी बनने के लिए कहा.मैं झट से घोड़ी बन गई.उसने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और मेरी चूत में फिर से अपना पूरा लौड़ा घुसा दिया.मुझे इस बार उसके पूरे लंड घुसाने से दर्द नहीं हुआ बल्कि ज्यादा मजा आने लगा था.
उसने तभी पीछे से धीरे से मेरी गांड के छेद में उंगली भी डाल दी जिससे मुझे हल्का दर्द सा हुआ, पर चूत की चुदाई में गांड का हल्का दर्द कहां पता चल रहा था.
मैं बस मदहोश होकर अंकुश से अपनी चुदाई करा रही थी और उस पल का मजा ले रही थी.दस मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद अंकुश झड़ गया और उसने अपना गर्म गर्म वीर्य मेरी चूत में ही छोड़ दिया.
झड़ने के बाद वो अनुष्का के पास जाकर सोफे पर बैठ गया और दोनों बैठ बातें करने लगे.मैं उठी और उन दोनों के बीच में जाकर बैठ गई.मैंने कहा- यार अनुष्का, तूने मुझे अंकुश से चुदवाने का प्लान पहले ही बना लिया था क्या?
अनुष्का ने कहा- हां कनिका, अंकुश का तेरी चूत का पानी पीने का बहुत मन था इसलिए हमने पहले ही सोच लिया था कि तेरी चूत को कैसे न कैसे चोदेंगे ही.
इतना सुनते ही मैं हंस दी और हम तीनों बातें करने लगे.
हम तीनों नंगे सोफे पर अधलेटे बातें कर रहे थे.
कुछ ही देर में अंकुश का लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा था.
ये देखकर अनुष्का बोली- यार, इस बार तू मेरी चूत चोदना.
अंकुश बोला- यार, बस आज आज मुझे इस कनिका को मन भरके चोद लेने दे, फिर मैं कभी इसकी चूत के बारे में नहीं सोचूंगा. हमेशा तेरी चूत की खुजली मिटाऊंगा.
मैंने कहा- अब ये नहीं हो सकता … तुझे मेरी चूत का ख्याल भी रखना पड़ेगा.

अनुष्का मेरी बात सुनकर खिलखिला पड़ी.
अंकुश हामी भरता हुआ खड़ा हो गया और उसने मेरे हाथ में अपना लंड फिर से थमा दिया.वो बोला- यार, इसे आगे पीछे करके मुझे मजा दे न!मैंने उसका लौड़ा आगे सुपारे पर से पकड़ा और उसे आगे पीछे करने लगी. मुझे उसका लंड चूसने का मन कर रहा था.अंकुश ने अपनी आंखें बंद कर लीं और मजा लेने लगा.अपना एक पैर अंकुश ने सोफे पर रखा और कहा- अब तू मेरा लंड अपने मुँह में ले ले.
इतना सुनते ही मैंने उसके लंड का सुपारा अपने मुँह में ले लिया और उसे अन्दर की तरफ भर कर चूसने लगी.
अंकुश को लंड चुसवाने में मजा आ रहा था इसलिए उसने मेरे बाल पकड़े और मेरे मुँह को धीरे से चोदने लगा.
वो मुख चोदन कर मजा लेने लगा.
उसका लंड चूसने में मुझे भी मजा आ रहा था.
मेरे मुँह में उसके लंड से नमकीन मठा जैसा पानी सा भी आ रहा था.
कुछ देर बाद अंकुश ने मुझे खड़ा किया और मेरा एक पैर सोफे पर रख कर मेरी चूत में अपना लंड पेल दिया.
वो मेरी कमर पकड़ कर मेरी चूत की बुरी तरह से चुदाई करने लगा.
पीछे से अनुष्का मेरे गांड के छेद में उंगली अन्दर बाहर करने लगी जिससे मैं स्वर्ग का मजा ले रही थी.
वो मेरी चूत को इसी तरह लगातार 15 मिनट तक चोदता रहा.
अब मैं झड़ चुकी थी लेकिन वो अभी तक नहीं झड़ा था.
तब मैंने कहा- अब रहने दो अंकुश, मैं अपने हाथ से तुम्हारे लंड को हिलाकर तुम्हारा वीर्य निकाल देती हूँ, मेरी चुदाई काफी हो गई है, अब मुझे चूत में जलन हो रही है.
अंकुश ने तुरंत अपना लौड़ा मेरी चूत से निकाला और मेरे हाथ में दे दिया.
मैं उसके लंड को पकड़कर तेज़ी से आगे पीछे करने लगी.
मैं उसके लंड के सुपारे पर हाथ रखती और पीछे तक धकेलती.
लंड के सुपारे को तेजी से आगे पीछे करने से अंकुश भी जल्द ही झड़ने को हो गया और जल्द ही वो झड़ भी गया.
हम तीनों ने इसके बाद बहुत सारी मस्ती की और अब वो दोनों अपने अपने घर चले गए.
इस तरह मैंने अपनी फ्रेंड और उसके बीएफ के साथ चूत चुदाई के मजे ले लिए.अब हम दोनों सहेलियां जब तब अंकुश के साथ थ्रीसम चुदाई का मजा ले लेती हैं.

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friend fucked me with her boyfriend


My name is Kanika, this is from those days, when I was young and used to study. I had a friend Anushka, who used to pay a lot of attention to sex. She kept looking for excuses to touch my pussy, Sometimes in the school bathroom, sometimes on the bus, sometimes somewhere. She was of a very lousy type.

When she would put a little hand on my pussy, I would also like to put my hand in my kutchi and caress my pussy, but I just kept on pretending.

She was also such a big horn that she never misses a chance to touch my pussy. Due to this my mind also started filling with lust and I started to chuckle with cocks. One day I was sitting in the bus.


She also had a boyfriend who was very tall, strong and he was also very rude. He always looked at my nipples and ass. When I would tell this to my friend, she would say - don't pay attention to him… She is like this. Seeing her boyfriend's body, it seemed as if his cock would be very big. I also used to look at him sometimes.


One day my mother told me- son, we will all go to a wedding the day after tomorrow, will you go too? I refused, my studies would have been lost. I was going to be alone at home for the second day. I told my friend the next day - I will be alone tomorrow. Hearing this, she said - I will come to your house and your mind will also feel. I also told her - yes come. The next day I lay down after finishing all the work.

It was one o'clock in the afternoon at that time. I had caught my eye.
Suddenly I felt as if someone was knocking on the door.

When I got up and opened the door, my friend had come home.

Calling her inside, I locked the gate and we both came in. She was wearing dark black jeans and a black top, out of those jeans, her ass was looking very cool. I got up and went to get water for her So he came to the kitchen, filled my coli from behind and put his hand in my short shorts. I didn't say anything to him and quietly started thinking of having fun.

She was moving a little finger on the cleft of my pussy from above my kutchi, due to which I was enjoying a lot.

I turned her back and gave her water and said - let's go inside the room. She started laughing and said - yes, let's have fun in the room. I said - man, you are looking too hot today.

Hearing this, he kissed me very tight.

My mood was also now made to have sex with him.


Then she stood up. She took off her jeans and top and threw it aside on the bed. She was also wearing a black thong and bra inside, in which she was looking more hot. Then she said - Kanika, you also take off your top and shorts now On hearing this, I also took off my clothes in a hurry and stood in front of her in kutchi and bra. I was wearing a pink colored thong and bra.

Anushka said- Man, you are no less hot.

Saying this, he hugged me very hard and started pressing my bum by putting my hand in my kutchi. was coming. Then he pushed me down on the bed and opened my legs.

Anushka started stroking my pussy lightly from the top of the kutchi, due to which a current started running in my pussy. I was enjoying a lot by feeling her hands on my pussy.

Then she put one finger on my panty and said - Now I will write ABCD on your pussy, which will write wrong, you tell. I agreed.

Now he wrote on my pussy from the top of the kutchi, very slowly, with a finger on the clefts of the pussy.


I really started enjoying it.
I was thinking that she just kept doing it like this and I would keep enjoying this moment. Then she wrote all the letters of ABCD and the letter which she would have enjoyed writing on her pussy, I would tell her that you got these letters wrong. Wrote, write again. She laughed and wrote that letter 3-4 times and said – it is right… I am enjoying it, Kanika!

I would just look at him and smile and enjoy.

Then she said- Kanika, now you write ABCD on my pussy very slowly. I also wrote all the letters slowly.

Due to which the lust of both of us started gaining momentum and the lust in both of us was awakened in such a way that now if we had got just one cock, it would have been fun.

He made me lie down and took out my kutchi and threw it to one side. When he put his finger in my pussy, I had a different fun. I told him- Man Anushka keep doing this, I am enjoying it a lot.


She kept doing this and I started enjoying it.

When I was lying upside down in front of him, Anushka said - Man, I bring water. Got a little thirsty.

After saying this, she went to get water and came again and started fingering my pussy. After a while suddenly it felt as if a big thing had entered my pussy.

When I looked back, it was the cock of Anushka's boyfriend who was trying to enter my pussy.

I would say or do something now, my friend came near my mouth and said - now the real fun of sex will come, Babu.

I smiled towards her and said - sister-in-law, you had gone to fetch this water. She laughed and said - man, you just enjoy its cock. was happening.

His betel nut was ripping the clefts of my pussy.

I told Anushka- Man, it is hurting a lot.

Anushka said- Man, it hurts for a while in the beginning, then it is a lot of fun.

Saying this she started kissing me.
For a while, she kept drinking the juice of my pussy lying like this to her boyfriend's cock.

Then her boyfriend said - Kanika lie down straight, man, I am not enjoying such sex.

When I lay down straight, he went down and took the grain of my pussy in his mouth and started sucking.

I started enjoying it a lot.

I was getting her to suck the grain of my pussy.

My bastard friend Anoushka was caressing one of my teat grains with her hand and was drinking the juice of my teat with a spoon in her mouth.

With this sweet attack on the pussy and the nipple, I was in a tizzy.

Now Anushka's BF got down on her knees and started rubbing her cock on my pussy. He started giving me more fun. Gave.


I was upset but it didn't have any effect.

He began to push the cock and pelt it lightly and Anushka started mashing the grain of my pussy badly with one hand. .

I looked up and looked up, then my mouth was left wide open. His lauda was very long. The cock was at least 8 inches and was also very fat.

At this time in the desire of sex, I did not even know that the cock which has entered my pussy, was also more fat.

I was enjoying it now so I just lay quietly.
After a few minutes, Anushka said- Man, let me also drink the juice of his cock.

But Anushka's boyfriend said – I fuck you every day, Babu, today let my cock drink the juice of Kanika's pussy.

Anushka agreed and said - OK babu, today you just fuck it, come to my house tomorrow and fuck me. Saying this, she sat on the sofa lying in front and started watching the fuck of both of us. She started fingering her pussy while watching the live blue film.

Now I was fucking with the cock of Anushka's BF. I was happy in my heart and was just enjoying the fuck.Her boyfriend Ankush was fucking my pussy and the grain of my pussy was being stroked with the thumb of the hand. I was enjoying this act of his differently.Then he asked me to become a mare. I quickly became a mare. He spit a little on his cock and again inserted his full cock in my pussy. It was felt
Ankush said- Man, just today let me chud this Kanika with my heart, then I will never think about her pussy. I will always remove the itching of your pussy.

I said – now this cannot happen… you have to take care of my pussy too. Anushka laughed hearing me. Ankush got up and put his cock in my hand again. He said - man, don't give me fun by doing it back and forth! I was feeling like sucking his cock. Ankush closed his eyes and started enjoying. Ankush put one of his feet on the sofa and said- now you take my cock in your mouth.

On hearing this, I took the betel nut of his cock in my mouth and started sucking it by filling it inside.

Ankush was enjoying sucking cock so he grabbed my hair and started licking my mouth slowly.He started enjoying by licking his face.I was also enjoying sucking his cock. In my mouth water was also coming from his cock like salty buttermilk.

After some time, Ankush made me stand up and put one of my legs on the sofa and put his cock in my pussy.

He grabbed my waist and started licking my pussy badly.From behind, Anushka started putting her finger inside my ass hole, due to which I was enjoying heaven. He kept on fucking my pussy like this continuously for 15 minutes.Now I had fallen, but he had not fallen yet.

Then I said - let it be now Ankush, I shake your cock with my hand and take out your semen, my fuck is enough, now I am feeling jealous in the pussy.Ankush immediately took out his penis from my pussy and gave it in my hand.I grabbed his cock and started moving back and forth rapidly.I would put my hand on the betel nut of his cock and push it till the back.
Ankush also started to fall due to the fast moving of the betel nut of penis and soon he also fell.The three of us had a lot of fun after that and now both of them went to their respective homes.

In this way, I enjoyed pussy fuck with my friend and his BF. Now both of our friends enjoy threesome sex with Ankush whenever.


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जीजा जी ने मेरी छोटी चूत को प्यार किया​


मेरी दीदी की शादी पिछले साल ही हुई है। मेरे जीजा जी और दीदी दोनों इंदौर में रहते हैं। मैं वाराणसी में अपनी मम्मी के साथ रहती हूँ। मैं दो बहन ही हूँ। तो घर में अब अकेली अपने पापा मम्मी के साथ रहती हूँ। मेरे पापा मम्मी दोनों बैंक में जॉब करते हैं।

तो जीजा जी अपने कंपनी के काम से वाराणसी हेड ऑफिस आये थे। इसलिए दीदी इंदौर में ही रह गयी और जीजा जी यहाँ आ गए। तो मुझे मौक़ा मिल गया जीजा जी के साथ टाइम स्पेंड करने के लिए। मम्मी पापा सुबह नौ बजे ही घर से चले जाते थे और वो वापस छह बजे आते थे।
तब तक मैं और जीजा जी दोनों घर में ही रहते थे। ऑफिस का काम वो दो बजे तक कर लेते थे। और एक दिन छोड़ कर एक दिन उनको जाना होता है। ट्रेनिंग थे इसलिए। तो एक दिन की बात है हम दोनों ही लेट कर बात कर रहे थे। तो जीजा जी ने मुझे पूछा की आपको कोई बॉयफ्रेंड है। तो मैंने कहा दिया नहीं है।

उन्होंने कहा फिर तो आपको आजतक कोई छुआ नहीं होगा। मैंने कहा नहीं आजकल किसी ने भी मेरे किस भी अंग को नहीं छुआ। कभी ट्रैन पर या बाजार में या बस पर कुछ आवारा लोग छू दिए होंगे तो अलग बात पर मैंने कभी भी किसी को छूने नहीं दिया।

जीजा जी बड़े ही हॉट और स्मार्ट हैं तो उनके तरफ बार बार मैं आकर्षित भी हो रही थी। क्यों की इसके पहले मैंने कभी भी किसी लड़के के साथ अकेली और एक घर में एक कमरे में और एक बेड पर नहीं लेटी थी। तो मुझे भी हल्का हल्का शुरुर हो रहा था।

तो मैंने भी पूछा की क्या आपने दीदी के अलावा किसी और लड़की या औरत के साथ सेक्स किया। तो उन्होंने कह दिया की हां उन्होंने अपनी भाभी और अपनी बहन के साथ भी सेक्स सम्बन्ध बनायें है। पर उन्होंने ये भी कहा की तुम दीदी को मत बताना।
मैंने कहा कैसा लगता है अलग अलग के साथ सेक्स करना। तो उन्होंने कहा मजा इसी में ही है की आप अलग अलग सेक्स करो। आप खुद ही सोचो एक ही खाना रोज खाने को दिया जाये तो क्या आप खाओगी या बदल बदल कर खाओगी। मैंने कहा पर खाना और सेक्स अलग अलग होती है। तो उन्होंने कहा जब भी मौक़ा मिले कर लेने चाहिए।
तो मैंने कहा तो आज आपको लग रहा होगा की मैं अकेली हूँ मुझे भी आपके साथ सेक्स संबंध बना लेने चाहिए। मैंने मजाक में बोली और हसने लगी। तो उन्होंने कहा अगर आप मुझे अपना वर्जीनिटी दे दोगी तो मैं आपको वो दूंगा जो आप कहोगी।
तो मैंने कहा क्या आप मेरे मम्मी पापा को मना लोगे। मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहती हूँ वो लोग इसके लिए तैयार नहीं है। तो उन्होंने कहा बस इस छोटी सी बात के लिए मैं आपकी कसम खाता हूँ। सोच लो की आपका काम हो गया।
सच तो या है की मैं खुद ही चुदना चाह रही थी। क्यों की मेरी दो दो सहेली पिछले महीने ही अपनी सील तुड़वाई है और वो भी अपने जीजा से ही। तो ऐसा मौक़ा मुझे भी शायद नहीं मिलता। माँ बाप घर पर नहीं और मैं अकेली और मेरे साथ जीजा जी।
मैं उनके तरफ देखने लगी और उन्होंने अपना ऊँगली मेरे होठ पर रख दिया। मैंने अपनी आँखे बंद कर ली वो मेरे होठ को छूने लगे। धीरे धीरे मेरी साँसे तेज होने लगी। अब उन्होने मुझे खींच कर अपने करीब ले आया और एक रंग मेरे पर रख दिया मैं सीधी थी और वो मेरे तरफ टांग चढ़ा लिए।

उन्होंने अपना हाथ मेरी चूचियों पर रख दिया। मैं कुछ ना बोल पाई। पर मेरी साँसे और धड़कन तेज तेज चलने लगी। उन्होंने मेरे गाल पर हौले से किस किया। फिर दूसरे गाल पर फिर होठ पर। जैसे ही उनका होठ मेरे होठ पर आया मैं पागल सी हो गयी। मेरे तन बदन में आग लग गयी। मेरा गला सूखने लगा।

उन्होंने धीरे धीरे मेरे होठ को चूसने लगे। पर अभी तक मैं काठ की भांति कुछ भी नहीं कर रही थी। जो कर रहे थे वही कर रहे थे। पर जैसे ही उन्होंने मेरे सलवार की डोरी को खोलने की कोशिश की मैंने उनका हाथ पकड़ लिया। मैंने उनको किस करना चाह रही थी।
उन्होंने जैसे ही फिर से मेरे होठ पर अपना होठ रखा। मैंने उनके होठ को चूसने लगी। फिर क्या था मैं उनके बालों को सहलाते हुए उनके चौड़ी छाती पर हाथ फेरने लगी। उन्होंने अपना शर्ट उतार दिया। अब मैं उनके ऊपर चढ़ गयी और छाती को सहलाती हुई उनके होठ को चूसने लगी।

हम दोनों के लिप लॉक कर लिए। अब उन्होंने मुझे निचे किया और मेरे सारे कपडे उतार दिए। मेरी चूचियां संतरे के साइज की है बहुत ही टाइट उसपर से पिंक निप्पल बहुत छोटी छोटी। मेरी चूत गोरी है बाल नहीं नहीं। उन्होंने मेरे जिस्म के साथ खेलना शुरू कर दिया।

मैं पागल होने लगी सिसकारिया मेरे मुँह से निकलने लगी। उन्होंने मेरे एक एक अंग को छुआ और चूमा। अब बारी आई चूत चाटने की तो वो निचे आ गए। और दोनों पैरों को अलग अलग कर के पहले मेरी चूत को सहलाया फिर चाटने लगे। मैं बार बार गीली हो रही थी। पानी निकल रहा था चूत से।
वो चाट रहे थे। जब वो फिर से ऊपर आये तो मैं हैरान हो गयी क्यों की उनका लौड़ा बहुत ही बड़ा और मोटा था। मैं डर गई की मेरी चूत की साइज बहुत छोटी है। इतना मोटा लंड कैसे जाएगा पर वासना से भरी ही थी मुझे अपनी चुत फटने का डर नहीं था। मैं छोड़ना चाह रही थी।
उन्होंने अपने लंड में थूक लगया मेरे दोनों पैरों को अलग अलग कर दिया। मेरी गांड के निचे तकिया लगाया। और फिर मेरी चूत में लंड से रगड़ने लगे। फिर पोजीशन लेकर घुसाने की कोशिश करते पर मेरी चूत में दर्द बहुत ज्यादा होने लगता इसलिए मैं पीछे हो जाती। ऐसा ही होता रहा करीब पांच मिनट तक।

फिर वो एकदम से मेरी चूचियों को सहलाते हुए लंड को चुत पर सेट किया और पहले शांत रहे उसके बाद जोर से झटका दिया मेरी चूत फट गयी। खून भी निकलने लगा। मैं रो गयी पर उन्होंने फिर से सहलाया और कहा की ऐसा होता है पहली बार। अब तुमने अपनी वर्जीनिटी खो दी है तुम्हारा सील टूट गया है। अब दर्द नहीं होगा। फिर धीरे धीरे वो अंदर बाहर करने लगे लंड को। मैं भी मजे लेने लगी। वो अब मेरे जिस्म को सहलाते हुए चोदने लगे।
मैं भी गांड उठ उठा कर चुदवाने लगी। अब मजे लेने लगी। दर्द के साथ साथ मजा भी आने लगा। वो मेरी चूचियों को मसलते हुए चुदाई करने लगे। करीब एक घंटे तक मुझे चोदा फिर सारा वीर्य मेरे मुँह में गिरा दिया। मुझे नमकीन नमकीन वीर्य स्वादिष्ट लगने लगा। इसलिए मैंने उनके लंड में जितना भी वीर्य लगा था मैं साफ़ कर दी अपने जीभ से चाट कर। फिर हम दोनों एक दूसरे को पकड़ पर सो गए।

brother-in-law loves my little pussy


My sister got married last year only. My brother-in-law and didi both live in Indore. I live with my mother in Varanasi. I am only two sisters. So now I live alone in the house with my father and mother. My father and mother both work in the bank.


So brother-in-law had come to Varanasi head office from his company's work. So didi remained in Indore and brother-in-law came here. So I got a chance to spend time with brother-in-law. Mom and dad used to leave the house only at nine in the morning and they used to come back at six.

Till then both me and brother-in-law lived in the same house. He used to do office work till two o'clock. And leaving one day they have to go one day. That's why training. So it is a matter of one day that both of us were talking lying down. So brother-in-law asked me if you have a boyfriend. So I said no.


He said then no one would have touched you till today. I said no, nowadays no one has touched any part of me. Sometimes I would have touched some stray people on the train or in the market or on the bus, but on a different matter, I never let anyone touch me.

Jija ji is very hot and smart, so I was getting attracted towards him again and again. Because before this I had never been alone with any boy and in one room and one bed in the same house. So I too was starting out lightly.


So I also asked did you have sex with any other girl or woman other than Didi. So he said that yes he has had sex with his sister-in-law and his sister too. But he also said that you do not tell Didi.

I said how does it feel to have sex with different people. So he said that the fun is in this that you have different sex. You yourself think if you are given the same food to eat every day, will you eat it or will you eat it by changing it. I said but food and sex are different. So he said whenever you get a chance, it should be taken together.

So I said, today you must be feeling that I am alone, I should also have sex with you. I joked and started laughing. So he said if you give me your virginity, then I will give you what you say.

So I said will you convince my parents. I want to study in Delhi University, those people are not ready for it. So he said, I swear to you just for this small thing. Imagine that your work is done.

The truth is that I wanted to kiss myself. Because my two friends have got their seal broken only last month and that too from their brother-in-law. So I might not even get such an opportunity. My parents are not at home and I am alone and brother-in-law with me.

I looked at him and he put his finger on my lip. I closed my eyes, he started touching my lips. Slowly my breathing started getting faster. Now he dragged me and brought me close to him and put a color on me, I was straight and he raised my legs towards me.


He put his hand on my nipples. I couldn't say anything. But my breathing and heartbeat started getting faster. He kissed me softly on my cheek. Then on the other cheek then on the lip. As soon as his lips came on my lips I went crazy. There was a fire in my body. My throat started getting dry.

He slowly started sucking my lips. But till now I was not doing anything like a wood. They were doing what they were doing. But as soon as he tried to untie my salwar string, I grabbed his hand. I wanted to kiss them.

As soon as he put his lip on my lips again. I started sucking on his lips. Then what was it, I stroked his broad chest while caressing his hair. He took off his shirt. Now I climbed on top of him and started sucking on his lips while caressing his chest.


Locked our lips. Now he brought me down and took off all my clothes. My nipples are of the size of oranges, very tight, pink nipples are very small on it. My pussy is fair, no hair. He started playing with my body.


I started going crazy. Siscaria started coming out of my mouth. He touched and kissed every part of me. Now it was the turn to lick the pussy, so they came down. And after separating both the legs, first caressed my pussy and then started licking. I was getting wet again and again. Water was coming out of the pussy.

They were licking. When he came up again, I was surprised because his lauda was very big and fat. I got scared that the size of my pussy is too small. How would such a fat cock go, but it was full of lust, I was not afraid of bursting my pussy. I wanted to leave.

He spit in his cock and separated both my legs. Put a pillow under my ass. And then started rubbing my pussy with cocks. Then I tried to enter by taking the position, but the pain in my pussy started getting very much, so I would fall behind. This went on like this for about five minutes.


Then he immediately set the cock on the pussy while caressing my nipples and first kept calm and then gave a loud jerk my pussy burst. Blood also started coming out. I cried but he caressed again and said that this happens for the first time. Now you have lost your virginity, your seal is broken. There will be no more pain. Then slowly he started putting the cock inside out. I started having fun too. Now he started kissing while caressing my body.

I also got up and started kissing. Now having fun. Along with the pain came the fun. He started licking my nipples and kissing. Fucking me for about an hour then dropped all the semen in my mouth. I began to find salty salted semen delicious. That's why I cleaned all the semen I put in his cock by licking it with my tongue. Then we both fell asleep holding each other.
 

Library me lesbian Sex​

Hello dosto mera name kanika hai, 27 ki hu. Mera rang gora hai, meri hight 5’8 aur meri figure 32 28 32. Mujhe dekh ke har koi machal jaaye.
To dosto ab bore na karte hue sidhe kahani pe aati hu. Mai ek girls school me english ki teacher hu to school me saare teacher saree me jaate hai. Isliye mere ko bhi saree me jaana padta tha.
August ka mahina tha, barish ka mosam tha. Us time pe school me bahut kam bache aa rahe the bahut barish ke wajah se. Lekin mai to teacher hu isliye mere ko jaana hi padta tha.
Mai school me gayi aur har roj ki tarah apni class li. Aur lunch me staff room me beth ke lunch kar rahi thi. Lunch ke baad lag bhag mere saare periods khali rehte the.
Isliye principal maam mere ko absent teacher ke jagah mere ko bhej deti thi. Yaa school ki library me kuch entry ka kaam de deti thi.
Us din mai lunch karne ke baad bethi hui thi. Aur principal maam ne mujhe bulaya. Bola ki kanika tum ek kaam karo sunita maam ke sath library me unki help kar do books ki entry karne me. Aur aaj koi class lene ki jarurat nahi hai. Waise bhi aaj bahut kam bache aaye hai barish ke wajah se.
Jaise hi mai office se nikli to dekha ki fir se bahut tez barish shuru ho gayi. Aur library piche wale building ke first floor pe tha aur waha bahut hi shaanti rehti hai. Jo ki library ke liye perfect hai.
Mai soch rahi thi ye barish jaldi se rukne nahi wali, mai faltu me khade khade time waste kar rahi hu. To jaldi se bhag bhag kar jaise tese mai dusri building me pohoch gayi jaha library hai.
Waha jake pehle apne pallu se apna face se pani jo barish bunde thi, use pucha. Aur dekha ki meri pith aur meri blouse side se halki gili ho gayi. Us din maine mehroon colour ki suity kapde ki saree aur blouse pehen rakha tha. Aur mehroon colour ki blouse pe barish ki boond alag hi motio ki tarah chamak rahi thi.
Maine jyada unpe gaur na karte hue sidha library me ghus gayi. Ghuste hi dekha sunita maam apne table pe nahi thi to reading room hi hogi. To mai aage badhi aur reading room me jaane ko badhi.
Reading room ke chaukhat pe per rakhte hi mere kano me kisi ki siskiya sunai de rahi thi – aahhhhhh ohhhhhhhh ummmmmmm ohhhh yeahhhh… Badi kamuk aawaz gunj rahi thi reading room me.
To maine reading me enter karte hi dekha ki sunita ma’am apni black blouse aur saree me thi. Saree ka pallu niche giri hui thi aur ma’am ke blouse ke hooks saare khule hue the. Aur andar bra bhi pehen nahi rkha tha aur saree aur peticoat ko ghutno tak upar kar ke apni chut me ungli kar rahi thi.
Meri aur sunita ma’am ki najre jaise hi takrai to hum dono sharam se laal ho gaye the.
Me- sorry ma’am me baad me aati hu.
Sunita- are nahi anjali ruko koi baat nahi… Aur jaldi blouse ke huk laga ke saree ka pallu thik kar ke khadi ho gayi.
Mai jaise hi jane ko hui to ma’am ne meri pallu ko piche se khicha aur me achanak se seham gayi.
Sunita- ruko anjali bolte hi… Meri pallu ko hata ke meri chuchia apne dono hatho se kas ke daba diya.. Mai chikh padi aaahhhh…
Me- chhodo ma’am kya kar rahi ho ye, pagal ho rahi ho kya?!
Sunita- chup saali randi, aaj to mauka mila hai tujhe masalne ka aur ek pyasi lesbian aurat tere ko aise kese jaane degi apni chut ki pani chhode bina.
Mai unki baat sunke ek dum hairan si ho gayi, ma’am lesbian hai.
Me- please ma’am chhod do jaane do koi dekh lega to galat sochega.
Sunita- chal saali aaj to tujhe chod ke aur tujhse chudwa ke rahungi.
Me- no ma’am please..
Ma’am ne dekhte hi dekhte pallu ko hata diya aur ma’am meri chuchia ko zoro se masalne lag gayi. Aur mere muh se aahhhh ma’am no ma’am pleassssss stop…
Sunita ma’am mere se lambi aur hatti katti thi aur sexy bhi thi. Unki height hogi 5’10 aur unka figure 40 36 40.
Ma’am ke saamne mai kamjor padne lagi aur rone lagi. Ma’am ne mere baal khich kar ek hath se mere face pe rakh kar mere hotho ko chusne lagi. Dono hatho se mere sr ko padak kar zor se smooch le rahi rahi thi.
Meri saas fulne rahi thi. Lekin ma’am ko alag hi maza aa raha tha meri hotho ko chusne me. Aur mere barish me halke bhige hue badan ko dekh aur pagal si ho gayi thi.
Pagal ki tarah meri hotho ko chus rahi thi. Mere ko muh kholne ko bol rahi thi. Lekin mai nahi khol rahi thi lekin ma’am ne mere hotho pe itne zor se kata. Meri muh se chikh nikal padi aur usi samay ma’am ne apna jibh mere muh me daal kar meri muh me apne jibh ko andar bahar andar bahar kar rahi thi.
10 mint baad ab ma’am ne mere kano ke pas jibh ferna shuru kar diya. Kano se hote hue niche mere gardan pe aake mere ko ek baar ache se ghura. Aur fir mote mote laal lipstick wale hoth se meri gardan pe ek kiss diya.
Jisse meri body me ek jhanjhanahat si hui. Fir apni jibh se meri gardan ko khoob chaata ache se chata. Is harqat ne mere ko garam kar diya tha. Jiske wajah se mere ko bhi acha lgne laga tha. Lekin bahut buri tarah se chat rahi thi. Jaise ki wo meri gardan ko kha hi jayegi. Fir gardan chaatne ke baad..
Sunita- meri kanika jaan, aaj mai apni pyas bujhaungi aur tujhe me apni randi bana dungi dekh saali bahen ki lodi.
Ye bol kar unhone library ka door andar se lock kar diya. Aur saare lights off aur fans off kar mere piche se meri chuchia masalne lagi. Itne zoro se blouse ke uper se masal rahi thi. Itna dam to kisi mard me bhi nahi hoga. Jitna dam is lesbian aurat ke hatho me tha.
Ma thoda aage ki taraf halki si jhuk gayi thi. Itna dard ho raha tha meri chuchio me. Meri siskia nikal rahi thi aahhhhhh ahhhhhhh.. Aaraam se ma’am dard ho raha hai aram se…
Sunita- chup saali dard ho raha hai tere ko abhi batati hu bahut maza aayega.
Ye bolte hi meri blouse ek jhakte me kich ke khol diya, ek do huk tut gaye. Ma’am ne mere ko table pe dhakka maar ke lita diya aur meri bra ke cups ko chaatne lagi. Aur bra utarne ke liye mere ko fir se khada kiya.
Pehle meri saree ko khich kar utaar diya aur apni saree ko bhi utar ke tabel patak diya. Aur peticoat bhi utaar ke table pe patak ke fir se mere ko jakar liya. Apne hatho se meri bra ko utaar ke fir se table par lita kar mere upar chad ke meri nipple ko muh me leke chusne lagi.
Meri nipple ko muh me liya fir usi chuchi ko chuste chuste khub masla. Fir us chuchi ko pura muh me lene ki koshish kar rahi thi. Aur lag bhag pura chuchi me ghus bhi gaya tha.
Mai paglo ki tarah aaahe bhar rahi thi ummmmm maaaaa aaraam see… Thoda aaram se.. Usne chuchi ko muh se nikala aur dusri chuchi ke sath bhi yahi hua.
Fir dono ke sath khelne ke baad usne meri nipples ko apne dono hatho me pakad ke itne zor se khicha. Ek baar ko laga ki meri nipples shayad meri chuchio se alag hi ho gaye. Mere aakho se ansu nikal gaye. Ye dekh ke-
Ma’am ek thappad lagake – chup saali rone ki nautanki karti hai! Abhi dekh tere ko kutiya ki tarah kaat kaat ke teri badan ki maa chod dungi.
Usne fir nipple ko daato ke bich daba rahi thi. Fir niche mere kamar pe aayi aur meri nabhi ko pehle ache se chata aur nabhi me jibh daal kar jibh se chodne lagi.
Mere ko bahut maze aa rahe the is wajah se. Lekin kab tak.. Fir se wo bhukhi sherni ke roop me aa gayi aur meri chut ki taraf badi. Aur panty ko mint se pehle fad ke fek diya.
Meri chikni halki jhato wali chut ko chaatne lag gayi. Itni buri tarah chaat rahi thi ki me 3-4 me hi pani chhod diya. Aur usne sara pani pi liya. Lekin ma’am ki pyaas itni jaldi thodi na bujhne wali thi. Ma’am ne meri chut me apna jibh daal diya aur jibh se chodne lagi.
Mai to paglo ki tarah siskia lene rahi thi aaaaahhhhh aahhhhhhh ahhhhh ahhhhhh…
Udher ma’am apni jibh se chut ko chod rahi thi. Is baar bhi mai 5 minutes me jhad gayi aur saara pani woh pi gayi. Lekin fir se meri chut ke piche padh gayi.
Is baar ma’am ne apni moti wali bich ki ungli ek jhatke me under daal diya. Aur mai chhikh uthi aahhhhhhhhh.. Marr gayi ooooooohhhhh maaaa… Mummy.. Please chhod ab.
Lekin ma’am zoro se jaldi jaldi andar bahar ungli karne lagi aur maine fir se pani chhod diya.
Sunita- chal ab ghodi ho aur apni gaand upar kar.
Maine kuch na bolte hue ghodi ho gayi. Aur fir ma’am ne apni jibh meri gaand ke chhed me daal diya aur gaand ke chhed ko jibh se chhod rahi thi. Mere ko apni gaand jibh se chudwane me bahut hi maza aa raha tha ooohhhh.. Ma’am yes ma’am ahhhh..
Sunita- saali randi ab maze aa rahe hai…
Ma’am ek hath se meri nipple noch rahi thi aur ek hath se chut ragad rahi thi. Aur apni jibh se meri gaand chod rahi thi.
Me- yes ma’am yessss aahhhh ahhhhh ohhhh yeahhhh..
Maine is baar me 5 mint me hi apna pani chhod diya aur table pe adh mari ho kar let gayi.
Sunita ma’am ne abhi tak apni blouse aur panty nahi utara tha. Ma’am ne jhat se blouse utaar ke fek diya. Aur panty utaari toh maine dekha ki puri panty ma’am ke ras bhig chuki thi.
Ma’am ne sidha panty utaar ke apni chut mere muh me rakh di. Aur apni chut ko mere muh pe ragadne lagi. Maine bhi khub chaata ma’am ki chut ko. Mere ko laga ki ma’am bhi meri tarah jaldi jhad jayegi. Lekin ma’am pure 20 minutes baad jhadi aur mai saara pani pi gayi.
Sunita- ohhhhh yes baby saara pi gayi.. Kash ye table mera bed hota aur ek safed chader ke andar teri chut ragad kar tere upar so jaati.
Ye bol kar ma’am ne ghadi ki taraf dekha 12 baje rahe the. Aur bola abhi to 2 ghante hai.
Ye bolte hi unhone apni black saree uthayi aur mere upar let gayi use odh kar. Ma’am ne fir se mere ko kiss kiya aur garam ho gayi. Lekin mai nahi hui thi.
Mai buri tarah se thak gayi thi. Mere ko laga ma’am mere upar sone wali hai. Lekin ma’am ne chader ke andar mere upar let kar meri chut se apni chut ragad rahi thi. Aur meri gardan ko chaat rahi thi.
Bahut zoro se radne lagi aur chatne lagi aur mai fir se jhadne wali thi. Jaise hi jhadne gayi, ma’am ne meri chuchio pe zor se kata. Maine unhe apne chuchio se hatane ki koshish ki. Lekin ma’am ne meri kalio ko itni tight se pakda ki meri kalio me do tin chudhia tut gayi.
Mai zor se chikh padi aahhhhhhhhhhhhhhh… Please ma’am kaato mat..!
Ma’am ne aur zoro se ragadna shuru kiya. Karib 15 minutes baad meri chut ko pis kar jab wo ko jhadne ko aayi. Unhone is baar meri garden pe apne hoth rakhe aur fir apna pura muh khol kar khane ko ho gayi. Aur meri aadhi garden unki muh me thi.
Phir ma’am ne zor se kaat khayi aur saara pani meri chut pe chhod diya. Aur mere upar hi 1 ghanta aaram se leti rahi. Fir hum dono ne kapde pehne aur school ki chhuti hone ka bell baj gaya.
To dosto kaisi lagi meri ye lesbian story, mujhe e-mail kar ke jarur bataye – [email protected]
 

Mera pehla lesbian sex​


Me ek 32-28-32 ki ladki hu. Mujhe sab tharki, ashleel bulate hai . maine itni baar sambhog nahi kiya hai. Bas maine apne boyfriend ke sath maze kiye hai jo ki hum livein me rehte hai toh woh sab common ho gaya hai humare liye.
Toh ab mudde pe aate hai. Ek samay tha jab mujhe apne bf se juda hoke bahar jaana pada tha 6 months tak. Aur uss time pe maine hasi mazak pe ek dating application download kar liya. Kyuki mere yaha koi dost nahi tha.
Thode hi din me mere bohot dost ban gaye aur sabko pata tha ki yaha sirf jaan pehchan aur dosti karne ke liye thi jyada kuch nahi.
Kyuki me apne 4 saal ke relationship ko cheat nahi kar sakti thi.
Lekin dosto yeh ek ladki ne toh mera mann moh liya. Mujhe apne husn ke kabze me bandh liya. Maano woh swarg se utari hui koi devi ho.
Ek raat hum sath me the mere flat par tabhi hum discuss kar rahe the konsi designs sahi rahegi. Dosto hum sath me ek company ke liye kaam kar rahe the.
Tabhi meri websites khul gayi jisme lesbian porn mila. Toh woh bina kisi sharam ke mujhse pucha
Anokhi:- tum lesbian ho kya?
Me:- nahi toh, ha but mujhe lesbian porn dekhna pasand hai.
Thoda hichkichahate me boli.
Me:- aur shayad ab mujhe tum bhi pasand aane lagi ho…
Anokhi bina kuch bole bedroom chali gayi mujhe laga me toh gayi aur meri job bhi. Kuch time baad kuch aisa hua ki meri aakhe fatti ke fatti reh gayi. Woh mere saamne aayi puri ke puri nagn awastha me thi.
Me toh sharam se paani paani ho gayi aur mujhe itna pyaar aa raha tha uspe aur thoda baichiani bhi ho rahi thi ki kya hoga.
Uske ek dam gol aur supported boobs aisa lag raha tha football lage hai boobs ki jagah. Itni sundar aur tight v shape ki uski chut aur uska figure ki toh baat mat pucho 36-28-36. Woh chalti chalti mere paas aayi aur mere kaan me dhere se boli-
Kan:- tum aaj bohot hot lag rahi ho darling.
Aur mujhe zameen par letta diya me toh dekhti hi reh gayi. Mujhe leta ke mere gardan par kiss karne lagi. Aur mai toh madhosh ho gayi uski khushboo se aur uski chut mujhe lalcha rahi thi.
Usne mere safed shirt ke button khole aur nikal diya ab me bra aur skirt me thi. Woh mere boobs ko dabane lagi. Pehli baar mere bf ke alawa mujhe kisi ne aise chuva tha. Usne kab meri bra khol di pata hi nahi chala.
Woh mere boobs ko chatne lagi aur nipple ko apni jheeb se gol gol chatne lagi. Mai dhere dhere maze le rahi thi aur sath me moan kar rahi thi. Ummm anokhi aur zor zor se aahe bhar rahi thi.
Ab woh meri naabhi ke paas jaake vaha apni jheeb daal ke chod rahi thi. Meri toh aakhe band ho gayi. Me abhi bhi yaad karu toh mehsus hota hai.. Uummmmmhhh…
Phir usne mere skirt ko nikal phekha aur underwear ko daat se khich ke side pe rakh di. Ab woh meri tigh ko chumne lagi aur chatne lagi. Mai ab thoda aur zor se moan kar rahi thi. Ab usne meri chut ko dekha toh halki halki gili thi. Toh bina intezar kiye usne apna muh meri chut pe rakh kar chaatne lagi.
Me:- ummm…
Woh ab meri clit ko muh me bhar kar chusne lagi aur me toh jaise saatve aasman par. Ab upar niche jheeb kar rahi thi aur meri moaning loud ho gayi. Woh meri clit ko ese chaat rahi thi jaise meri puri chut kha jayegi. Mai bhi pagalo ke jaise moan kar rahi thi.
Me:- ahhhhhhhh… Ummm.. Ohhhhhhh fuck annu ahhh meri… Ahhhhhhhhh ohhh amm fuck fuck ohhh my fuck. Annu i… Love… You ahhhhh aur zor se… Huhhhhmmmm ahhrrr. Rukna mat… (meri aankhe bandh ho rahi thi.)
Ab anokhi aur zor se chatne lagi aur usne ab meri chut me 2 ungliya daal di aur dhere dhere andar bahar karne lagi.
Me:- ahhhhhh fuck ohhhhhhh
Mai jaise apna control kho baithi hu waise hi moan kar rahi thi. Ab usne speed badha di aur zor zor se chodne lagi. Mai thodi der baad moan karte karte jhar gayi aur woh mera ladki ke sath pehla orgasm tha.
Orgasm aane ke baad bhi woh nahi ruki aur phir bhi mujhe chaat rahi thi aur ungali nikal li. Mujhse ab raha nahi ja raha tha aur mai tadap rahi thi. Aur ek haath maine uske sar pe rakha aur dusra zameen pe tha.
Me :- ohhhhhhhh aahhhhhhhhh naii annu ahhhh ohhhhhh rukh jaa… Ab rukh.. Ahhhhh… Oh my fuckkkkkkk.
Ab mai gandi bhasa pe utar aayi aur usse gali bhi dene lagi.
Me:- anuu tu meri chut ko chus… Aahhhhh chhus ke bhosda bana degi ahhhhhhh… Hmmmmmmmmaah.. Rukh ja randi… Ahhhhh ohhhhh.
Woh uspe aur zor se chusne lagi aur me dusri baar jhad gayi. Phir me zameen pe dher ho gayi aur woh uth kar andar gayi.
Vapis 2 min baad aayi toh maine dekha usne stramp on pehen liya tha aur tayar thi mujhse savar hone ke liye. Dosto uske paas ekdam asli dikhne vala dildo tha jo ki mujhe behad pasand aaya.
Ab woh mere par aake baith gayi aur boli
Anokhi:- kyu maza aaya na?
Me:- yeh bhi koi puchne ke baat hai. Tumne toh mujhe apni randi bana li yaar.
Anokhi :- abhi kaha banayi hai poori.
Aur smile deke usne apna nakli lund meri chut me daal diya. Hum missionary position me the aur usne 7 inch ka pura meri chut me daal diya ek baar me aur mai toh dard se chilla uthi. Toh usne mujhe kiss kar liya aur ab dhere dhere woh mujhe ladke ke tarah chodne lagi.
Me :- aaaaaaaahhhh… Annu fuckkk…
Mai 2 mins me moan karne lagi aur woh ab zor zor se mujhe chodne lagi. Woh bich bich me mujhe puch rahi thi ke mujhe theek lag raha hai na aur koi pareshani nahi hai na.
Toh mujhe mere bf ke yaad aa gayi woh bhi bohot care karta hai. Ab me phir se jhad gayi aur is baar anokhi bhi thak gayi.
Anokhi:- aahhhh (lambi saans lete hue) kyu maza aaya na meri randi banke?
Me:- bohot jyada yaar.. Mujhe nahi pata tha tujhe ladkiya pasand hai. Lekin mai tujhe yeh charam sukh nahi de paayi.
Anokhi:- are koi baat nahi mai dominating lesbian hu. Mujhe chatwana nahi chaatna aur ladki ki chut ko chodne me jyada maza aata hai.
Uske 2 din baad mujhe ghar wapis jaana tha. Mai ghar jaake apne bf se mili aur bohot mere bf ne mujhe tight hug kiya. Aur thoda emotional ho gaya aur bola baby i missed you aur 15 min hug kiya. Phir uske baad maine use sach bata diya ke mujhe aise ek ladki ne choda tha.
Toh pehle thoda mayus ho gaya phir usne bola ki ladki hi thi na chalo koi nahi. Experience ho gaya na tumko ladki ka. Aur has ke bola-
Bf :- mujhse acha kiya kya?
Me:- (has ke) are jalne ke baas aa rahi hai.
Aur humne huske woh baat khatam kardi.
Toh aapko kaisi lagi meri yeh kahani please comment karke batana.
 

Exam ki taiyaari​


Hello dosto, mai kanika aap sab ke saamne haazir hun, apni ek aur sachhi aur chatpati kahani ke saath.
Dosto Meri umar 27 saal hai aur mera figure 32" 28″32″ hai. Mere baalo ka rang gehra kaala hai aur mere lips thode pink colour ke hai. Mera rang gora hai, mere boobs aur gaand baahar ki taraf hai aur pet ek-dum ander hai.
Mera badan kaafi bhara hua aur tight hai. Meri chut jaise ek-dum gulaabi hai, waise hi mere nipples thode se brown hai. Meri belly button thodi si ander hai aur mai hamesha sexy dresses hi pehnnti hu. Jisme meri gaand aur boobs dono saaf dikhe. Ab mai seedhe apni story ki taraf aati hu.
Baat tabki hai jab Mai college mai padha karti thi. Un dino jawaani apne poore zor par thi. Hum college kam aur canteen zyada jaaya karte the. Ye baat hai feb – march ki. Hamare exams chaalu ho chuke the aur hamne poore saal padhai hi nahi kari thi.
Exam ki ek raat pehle Mai kaafi darr rahi thi ki kal kya hoga. Tabhi Maine apni dost Roshni ko dekha, jo ki video call par apne boyfriend ko apne boobs ke darshan karwa rahi thi aur kuch hi der me usne phone rakh diya. Maine usse pucha-
Mai: Yaar Roshni, tujhe darr nahi lag raha kya? kal hamara exam hai aur hamne abhi tak books kholi bhi nahi hai. Kal exam me kya karenge?
Roshni ne apne dono boobs ke upar haath rakhkar hilaya aur boli-
Roshni: Yeh karenge(Boobs ko hilaate hue)
Aur zor zor se hasne lagi.Maine gusse me bola-
Mai: Yaar tu bhi na! Poora saal toh yahi karte hue nikal gaya. Mujhe bhut tension ho rahi hai. Agar kal exam me kuch nahi likha toh hum fail ho jaayenge. Kuch soch yaar please.
Roshni ne kaha-
Roshni: Chill yaar, cheating kar lenge aur kya. Tu darr mat, mai abhi cheats banaati hu. Tu bhi bana le aur kal aaram se cheating kar lena, aur kya.
Maine kaha-
Mai: Acha! Itna aasan hai na. Agar teacher ne pakad liya na, to is subject ke saath-saath baaki sabhi subjects me fail ho jayenge aur beizzati alag se ho jayegi. Cheats ko chupayenge kaha? Pakde jayenge.
Tabhi Roshni ne ek paper copy se faada aur mod diya. Fir mere kareeb aayi aur meri lower ko neeche kheencha aur cheat meri chut ki daraar me daal diya. Wo boli-
Roshni: Bas kal panty pehan kar jaana. Waha koi check nahi karega.
Meri toh aankhen hi band ho gyi uske is touch se. Fir kya, hamne raat 2 baje tak saare cheats taiyaar kar liye the. Roshni ne mujhse poocha-
Roshni: Ho gyi saari taiyaari na teri?
Maine haa me sir hila diya. Fir usne kaha-
Roshni: Ek demo kar lete hai, tu panty pehan aur cheats ko apni panty me daalkar dekh, Saare cheats panty me aa toh rahe hai na?
Maine kaha- Theek hai, ek second.
Ye kehke fir Mai bathroom ki taraf jaane lagi. Usne kaha-
Roshni: Kidhar jaa rahi hai?
Maine bola: Panty pehanne.
Wo boli-
Roshni: Yaar, yahi pehan-le. Yaha kon hai?
Maine kaha: Theek hai.
Maine apna lower utaar diya aur meri chikni chut ko dekh kar Roshni bilkul khush ho gaayi aur boli-
Roshni: Waah yaar, tu to bilkul hi highway jaisi clean lag rahi hai aur hasne lagi . Mujhe to clean karna hai subha.
Maine panty pehan li aur fir papers apne panty me daal liye. Lekin saare papers nahi aa paa rahe the. Fir Roshni ne bola-
Roshni: Yaar ruk, aur fir wo mere paas aake papers daal rahi thi aur uski ungli meri chut ko baar-baar touch kar rahi thi. Roshni ko bhi ye baat pata thi aur wo bhi maze se ye kar rahi thi.
Mere nipples bhi tight ho chuke the, jo t-shirt se saaf-saaf nazar aa rahe the. Fir Roshni ne meri panty utaar di aur mujhe deewar se chipka diya. Usne apni do ungliyon ko apne muh me daalkar geela kar liya aur zor ke saath meri chut me daal diya.
Ungliya ander jaane se meri cheekh nikal gayi . Usne apne honth mere hontho par rakh diye aur dheere-dheere meri chut ko chodne lagi. Isse mujhe bhi maza aa raha tha. Fir usne ungli baahar nikaal li aur boli-
Roshni: Yaar teri chut to abhi tak kisi choti bacchi ki tarah tight hai.
Maine sharma kar apni aankhen neeche kar li. Fir wo mere paas aakar boli-
Roshni: Mujhse chudegi?
Mai uski taraf dekhne lagi ki wo toh ladki hai aur mujhe kaise chodegi? Fir usne zor se bola-
Roshni: kanika bol na, dekh kya rahi hai. Yaar mood off mat kar, jaldi bol chudegi ki nahi? bhut maza aayega.
Maine usse kaha-
Mai: Par tu to ladki hai aur Mai bhi ladki hu. Fir kaise? Mujhe scissoring nahi karna hai.
Roshni boli: Arre scissor ki baat nahi kar rahi mai, tujhe chodungi.
Maine kaha: Theek hai, par kaise?
Roshni: Dekhti jaa bas. Mai 10 minutes me apni chut saaf karke aati hu. Tu bhi tab-tak ready ho jaa, aur kapde khol ke baith jaa bas aur oil rakh le. Aaj toh tujhe zabardast style me chodungi. Jaise kisi mard ne bhi na pela ho tujhe.
Aur fir ye bolke wo bathroom ki taraf jaane lagi. Tabhi wo wapas aayi aur apne drower se apna shaving kit aur kuch packed samaan lekar bathroom ki taraf chali gayi.
Mai baahar nangi hokar baithi rahi aur fir kuch hi der baad Roshni baahar aayi. Usko dekhkar meri aankhen fati ki fati reh gayi. Usne apni kamar par ek mota aur lamba lund latka rakha toh jo bilkul tight aur khada hua tha. Wo saamne khadi mujhe dekhkar muskura rahi thi.
Mai daud kar uske kareeb gyi aur poocha ki yeh kya hai? Wo boli-
Roshni: Yahi to surprise hai. Maine socha tha ki birthday par doongi, lekin aaj se acha din nhi ho sakta tha is gift ke liye.
Isko strapon dildo bolte hai isse aaj saari raat tujhe chodungi aur maze doongi.
Roshni: Samjhi? Dekh kitna chikna hai ye aur gid-gida bhi raha hai teri chut ke bheetar jaane ke liye.
Roshni bilkul hi kisi english porn movie ki pornstar lag rahi thi. Fir Maine uski ek tasveer bhi kheench li, yaad ke taur par us lund ko pehne hue.
Fir Roshni mere kareeb aayi aur Mujhe kiss karne lagi. Tab-tak Mai thodi thandi bhi ho chuki thi. Lekin Roshni jaisi ladki ke liye mujhe garam karna, koi badi baat nahi thi.
Uske bade-bade chooche aur bhi ache lag rahe the. Fir usne hum dono ke nipples ko aapas me ragda aur thoda sa oil dono ke boobs par daal diya. Oil daalne ke baad wo fir se nipples ko ragadne lagi aur kya batau ki kitna maza aa raha tha.
Ye sab karke aisa lag raha tha, ki maano isse acha kuch bhi ho hi nahi sakta. Fir usne apne lund ko neeche kiya apne haath se aur chodh diya. Aisa karne pe wo lund wapas aakar mere dono pairo ke beech mere chut par laga jisse Mujhe ek-dum zabardast ehsaas hua.
Fir usne kha-
Roshni: Kyu! maza aaya na?
Aur fir do-teen baar wo yahi karti rahi, jisse mai bhut hi garam ho gyi. Fir Maine usko kaha-
Mai: Bas kar aur ab chodna shuru kar. Meri chut waise hi geeli ho chuki hai, please.
Roshni boli: Abhi kaha baby, abhi to tujhe mere is mote lund ko choosna hai aur mujhe bhi garam karna hai.
Bas fir kya tha, Maine usko bed ke kone me bitha diya aur khud neeche baith gayi aur fir uska lund choosne lag gayi.
Wo apne phone se ye sab record karne lag gayi. Mai uske lund ke supaade ko kabhi choosti, to kabhi poora andar tak lund ko muh me lekar jaati. Mera muh lund choosne me busy tha aur mera ek haath uske nipples ko daba raha tha.
Mere doosre haath ki ungli uski chut me thi, jaha se uski chut ka rass uske lund se hokar mere muh me jaa raha tha. Mai maze se uska lund choos rahi thi ummmmmmmm….
Thodi der me wo poori tarah garam ho gayi aur fir khadi ho gayi. Meri poori body geeli ho chuki thi, uska lund choosne ki wajah se. Fir usne mujhe deewar se chipka diya aur boli-
Roshni: Aaj to Mai tujhe khade-khade hi chodungi.
Usne apne lund ko saamne ki taraf karke, uska topa meri chut ke ander daal diya, jisse mujhe kaafi dard bhi hua. Par ab Mai poori garam ho chuki thi.
Fir kya tha, Roshni ne dhakke maarna chaalu kar diya aur har dhakke ke saath meri siskiya bhi dheemi ho rahi thi. Har dhakke ke saath Roshni ke boobs bhi tezi se hil rahe the, jisse aur maza aa raha tha.
Fir usne Mujhe meri dono taango se utha liya aur utha-utha kar chodne lagi, jisse Mai aur bhi maze se chud rahi thi aur chilla rahi thi.
Mai: Aur tez! Roshni, Roshni aur tez! ummmmmmmmmm chodo mujhe haa aur, aise hi aah….
Aise hi chillate-chillate Mai jhad gayi ummmmmmmm…
Fir Roshni ne mujhe deewar par khada karke ulta kar diya aur peeche se meri chut me lund daal diya aur chodne lagi. Lagatar 10 minutes tak chodne ke baad Mai fir se jhad gayi aur poori tarah se toot gayi.
Fir Roshni ne lund mere muh me de diya aur let gayi. Hum dono paseene me poori tarah doob chuke the aur mujhe pata hi nahi chala ki Mai kab lund chooste-chooste waise hi so gayi.
To dosto ye Meri exams ki taiyaari ka part 1 hai. Umeed karti hu ki aapko pasand aaya hoga. Agar aaya ho to please mujhe likhkar bhejiye meri mail id par. My id is:
[email protected]
Tabtak ke liye bbyeee!
 

Mera 1st encounter bus mein anjaan aadmi ke sath​


Hey everyone, aaj main apni new story post karne jaa rahi hu. Jisme mera ajnabee ke sath encounter hua. Ye story main hinglish mein share karungi.
About myself, main 20 saal ki hu. I am well educated girl! Main muscular aur athletic guy hu. Meri size 32,28,34 Ab bina koi time waste kiye, main apni kahani shuru karti hu.
Ye story kuch 3 saal pehle ki hai. Us time main city bus se night mein travel kar rahi thi. Aur bus was full of crowd. Itni bheed thi bus mein ki aage-peeche bhi nahi hua jaa raha tha. Main bus ke middle mein thi.
Usi time mujhe kuch peeche se gaand par touch hua. Ye ek soft sa dhakka tha. Break lagne ki wajah se wo baar-baar ye hone lag gya. Pehle to maine usko resist ki, lekin kuch time baad mujhe bhi achhi lagne lagi. Wo bade hi smooth way se touch ho raha tha.
Fir maine crowd mein adjust karke kaise to peeche dekhai. To wo ek around 35 year old 6+height aur dark brown color ka aadmi tha, jo mera bumb (gaand) smoothly daba raha tha. Mujhe acha feel ho rahi thi.
Abhi to maine usko ignore ki, but kuch time baad usne aur next level harkat ki. Usne directly meri chuchi ke upar hath rakha peeche se, aur sehlane laga.
Ufff, mujhe bahut maza aane lagi thi abhi. Maine kabhi aisi feel nahi ki. Fir usne kuch time baad dheere se shirt ke andar hath daal diya do buttons ke beech mein se.
Main pehle thodi ghabra gai. To maine uska hath nikaal diya side mein. Usne bhi turant hath nikaal liya. Fir wo mere kaan (ear) ke paas aake bola-
Wo aadmi: Darro mat, main hu aapke sath. Kuch nahi hoga. Koi nahi dekh raha.
Aur ye bol kar usne firse hath daal diya. Is baar main usko rok nahi pai. Bahut maza aane laga tha. Wo bahut smoothly chuchi ko daba raha tha. Kuch time baad usne limit cross kar di, aur wo mera ek button khol ke nipple ko dabane laga.
Main dheere-dheere ahh aahh ahh moan karne lagi. Par maine sab control kiya. Kyunki main public place bus mein thi isliye. Usne firse mere ear ke paas aake bola-
Wo: Aap bahut hot ho. Aapke jaisa hot ladki kabhi dekhi nahi maine.
Aur ye bol kar wo fir se dabane laga. Meri chuchi poori laal ho gayi thi. Kuch time baad wo bola-
Wo: Baby daro mat, hath nikaal leta hu.
Main kuch nahi boli. Thodi dari hui thi main.
Ye meri 1st time thi . Thodi der baad usne firse meri kamar ke upar hath rakha, aur sehlane laga. Fir usne directly mujhe uske paas kheench liya peeche se.

Ab main uske lund ko apni gaand par feel kar paa rahi tha. Uska lund bahut bada tha. Lund ka size 8 inch se zyada tha. Aur wo lohe ki rod jaisa hard aur garam tha. Meri gaand ke beech mein dheere-dheere sehla raha tha.

Main poora turn on ho gai. Meri panty geeli hone lagi thi . Tabhi usne mera hath uske hath mein lekar apne dick par rakha. Fir wo mere kaan ke paas aake bola-

Wo: Maza karo aap bhi.

To main sirf hath mein lund hold karke khadi thi. Fir main dheere-dheere lund dabane lagi. Bahut hard and garam dick tha uska. But kuch time baad bus ka crowd kam hone laga, aur seats bhi empty ho rahi thi.

Mujhe last stop pe utarni thi, to main ek seat par baith gai. Fir side mein wo bhi baith gaya.

Wo (stranger): Hello, darro mat, main ek well educated aadmi hu. Aur aapki body ko dekh ke control hua nahi, isliye aapko feel kar raha tha.

Me: It’s ok! Actually ye mera first time hai.

Wo bola: Don’t worry. You are very good. Let’s have some fun in nearby hotel?

I was bit scared so I told him: Kisi aur din, aaj possible nahi.

Wo: All ok. It is fine.

But after some time usne mere gale mein hath dala. Maine aaju-baaju dekhi. But hum last seat pe the, aur waha abhi koi crowd nahi tha. Bus mein mushkil se 5-6 people honge. Wo bhi aage baithe the. Fir usne mera head uski pant ke upar softly press kiya.

Maine usko bola: Ye mera 1st time hai. Mujhe ye sab nahi karni hai.

To wo bola: Don’t worry baby. just feel karo.

Aur usne mere muh ko uski pant ke upar softly press kiya. Ab main uske lund ko feel kar paa rahi tha. It was totally wet and hot hard.

Maine usko sirf muh se pant ke upar se normally 3-4 minute sehlaya. Uske baad main seedhi baith gai.

Wo: You are very hot and cute.

I just smiled. Kuch time baad main uske dick ko pant ke upar se sehlane lagi, aur chain open karke hath andar dali, aur uska dick hath mein feel kiya. Uske rod jaise lund par akdi hui veins nazar aa rahi thi.
Maine uski balls ko bhi hath mein liya, to wo bahut garam thi. Aur uske baad maine firse rod ko pakad ke usko slowly-slowly stroke diye. Fir wo bhi meri shirt ka button khol ke mere boobs dabane laga. Bahut maza aa raha tha. Thodi der baad uska cum nikal gaya, aur usne uske hanky se usko saaf kiya

Fir wo mujhe bola: Jaldi milo mujhse. Bahut maza aayega aapki virginity ko loose karne mein. Tum sach mein kamaal ke ho. Main bas chaahta hu ki tum mere lund ko apni andar feel karo.

Maine uski baat ka koi jawaab nahi di, aur bas ek smile pass ki. Fir main uth kar khadi ho gai. Maine usko bola-

Main: Mera stop ayega abhi.

Wo: Ok baby! Aapka mobile number mil sakta hai?

Maine thodi der sochi aur fir boli-

Wo: No, but I can give my snap id. We can chat over there and connect.

Aur hamne hamari ids exchange ki.

Fir mein next stop pe utar gayi.

Aur next part mein bataungi ki kaise hum firse mile dobara, aur kya kiya. Please give feedback on my mail. So I can post another part.

Mail id: [email protected]
 

Itanagar ki journey mein chud gayi meri chut​

Hi friends, main 20 saal ki kanika.

Mere lambe badan par meri 32″ size ki bina latki meri gori-gori choochiyan meri jawani mein chaar chaand lagati hai. Meri ek bahen hai, jo ab 24 saal ki ho gayi hai. 2 saal pehle uski shaadi maine defence ke ladke se kar di thi. Wo abhi Itanagar mein rehti hai.

Main uske yaha hi Itanagar ki yatra par thi, jab ye wakya hua. Main aap logon ko bata du, ki meri umar 20 ki bhale hai, lekin main badan se 24 ki lagti hu. Meri koi bhi hasrat murjhayi nahi hai.

Ab aap sochenge bina shadi suda matlab chudai se door. To ye baat bilkul bhi mujh par fit nahi baithti. Main khul ke romance karti hu, aur chudwati hu. Lekin ghar mein, ya apne sage sambandhiyon, ya mohalle mein aaj tak kabhi nahi chudwayi. Isliye andar se mera charitra daag-daar bhale ho, baahar se bilkul neat and clean hai.

Yu kahe to chudwana kabhi daag-daar nahi ho sakta. Jaise khaana peena shareer ki zaroorat hai, theek usi tarah chudwana bhi mere shareer ki ek zaroorat hai. Main bhi aap logon ko doosri line par leke chali gayi. Ab kahani par aati hu. Main isi saal January ke maheene mein bahen ke paas Itanagar jaa rahi thi delhi se.

Main 01 baje raat ko pahunchi. Itni raat gaye kaha hotel khojti? Fir subha 5 baje aage dibrugarh ke liye gaadi thi. So 04 ghante station par hi bitane ka nischay kiya. Thand kaafi thi. Maine ek kambal neeche bichaya, aur doosre ko badan par dhak ke leti thi. Tabhi meri nazar ek 19-20 saal ke ladke par padi.

Kaafi shushil, lamba, athletic, badan ka gora, aur jawan tha. Wo thand se kaamp raha tha. Mujhe us par daya aa gayi, aur usko maine apne paas bula kar uski saari jaankari li. Wo bhi Itanagar hi jaa raha tha. Use maine apne sath kambal mein le liya.

Ek kambal ke neeche ek ladke ko leke mere badan mein kuch-kuch hone laga. Thodi garmi milne ke paschaat ladke ke sath bhi yahi hua. Ladke ka naam batana main bhool gayi. Uska naam Sourabh tha.

Main boli: Sar andar kar lo, tum ab bhi kaamp rahe ho.

Aur uske sar ko kambal ke andar kar di. Ab meri choochi aur uska muh bilkul satta hua tha. Main reh-reh kar choochi uske muh mein satta deti. Sourabh bhi meri harkaton ko dekh raha tha. Usne himmat juta kar ek baar choochi muh mein le li.

Ab mujhe poora bhorosa ho gaya ki Sourabh bhi khel mein interested tha. Maine choochiyon ko blouse aur bra se baahar nikaal kar uske muh mein de diya. Usne gap se choochi muh mein li, aur choosne chabane laga. Maine fusfusa kar poocha-

Main: Maza aa raha hai?

Usne haa kaha. Maine kambal ke neeche hi hath badha kar uski pant ka hook aur zip khol di. Usne khud se pant neeche sarka di. Fir main uske lund ko hath mein leli. Lund poori tarah se tanna hua tha. Uska lund mere hatho mein fitne lagi..

Ye sara khel kambal ke neeche hi ho raha tha. Maine Sourabh ke baal pakad kar upar kheenche, aur apni saree petticoat utha kar upar kar diye. Sourabh ki gaand mein thappad laga kar apni taraf kheencha. Isse Sourabh ka lund meri chut se takraya.

Mera poora badan jhanjhana gaya. Shayad Sourabh ka bhi yahi haal tha. Maine apni taang utha kar Sourabh ko apni dono taango ke beech liya, aur fir zor se use apni taraf kheencha. Is baar Sourabh ka tanna hua loda meri bur mein ghus gaya. Lekin sirf 1 inch ke kareeb hi.

Main fir boli: Itne mein chod lo, ab zyada nahi jayega is position mein.

Sourabh lund ko aage-peeche karne laga. Mujhe maza to aa raha tha, par utna nahi. Sourabh lagatar loda bur mein ragad raha tha. Kabhi kaafi tez, kabhi halke ragadte hue 10 minute se zyada ho chuke the. Ab Sourabh tez-tez aage peeche karne laga. Mujhe chut mein garma-garam virya ka anubhooti hui, matlab Sourabh ka loda jhad chuka tha.

Fir maine Sourabh se poocha: Ho gaya?

Usne haa kaha.

Fir main boli: Tumne to loda jhaad ke maza le liya. Main tadapti reh gayi.

Bechara jhenp gaya.

Fir main boli: Chalo dibrugarh mein hotel lekar poora maza maar ke hi Itanagar jayenge.

Sourabh ne haa mein sar hilaya. Ab 4 bhi bajne hi waale the. 5 baje gaadi ko Guwahati se hi khulna tha. Uth kar hum logon ne chai pee, aur dono ek kambal mein baithe rahe. Sourabh poori tarah ghul mil gaya tha, isliye wo kambal ke andar hi andar meri choochiyon ko sehla kar mujhe tasalli de raha tha.

Gaadi platform par lag chuki thi. Sourabh ka birth doosri jagah tha, lekin aapsi taalmel se hum dono ek hi jagah baith gaye. Main Sourabh ko poochi-

Main: Pehle tumne kiya hai ye sab? Usne haa mein sar hilaya.

Main poochi: Kiske sath?

To usne mausi ka naam liya. Sourabh ne mujhe bhi poocha: Yaatra mein tum pehli baar kar rahi ho, ye pehle bhi kiya hai.

Main bilkul na chhupate hue boli: Main 20 saal ki hu, aur in 20 saalon mein kam se kam 20 yatra to zaroor ki hai, aur koi bhi yatra aisi nahi rahi jab jugaad laga ke na chudwayi ho.

Meri baatein sun Sourabh hasne laga aur bola: Isiliye tumhare paas itna experience hai.

Main poochi: Kon sa experience?

To Sourabh bola: Jab toone mere muh ke paas choochi di, to main samajh gaya chaalu maal hai.

Main bhi khilkhila kar hass padi aur boli: Jugaad par hi zindagi ki gaadi ko chalana hai, to koi na koi jugaad karna hi padega.

Isi tarah meethi aur raseeli baatein karte kab shaam ho gayi aur kab hum log dibrugarh pahunch gaye, pata hi nahi chala. Maine dibrugah mein hotel liya. Hum dono kamre mein aa gaye. Ab baari thi ghamasan ladayi ki.

Main boli: Pehle fresh ho jaate hai.

Haa-haa maine pehle Sourabh ko fresh hone bhej diya. Wo bathroom se nikla. Fir main gayi. Main fresh ho kar badan par tauliya lapete nikli. Main jaise hi room mein aayi, Sourabh ne tauliya zor se kheech liya. Ab main ek-dum se poori nangi Sourabh ke saamne khadi thi.

Mere nange jism ko Sourabh ne apni baju mein daboch liya. Main Sourabh ki baahon mein kasmasa rahi thi. Usne poore badan ko choomna-chaatna shuru kar diya. Wo kabhi choochiyon ka chaat-ta, to kabhi meri bur mein ungli de deta.

Kabhi bur chaatne bhi lagta. Maine bhi Sourabh ki pant ko utaar diya, aur uska lamba fanfanata lund meri mutthi se chhitakne ko betaab tha. Main bilkul hi chudasi ho gayi thi.

Main khade-khade hi Sourabh ke lund ko bur par ragadne lagi. Mujhe poori chudasi dekh Sourabh ne mujhe bed par litaya, taangon ko failaya, lode ko bur par tikaya, aur gach se loda bur mein pel diya.

Mujhe to laga jaise jannat mil gayi ho. Main gaand uchaalne lagi. Sourabh ghacha-ghach mujhe chodne laga. Poore 15 minute ki dhakka-pel chudai ke baad Sourabh aah aah karke zabardast dhakke maar raha tha. Main bhi charam par thi, aur main aah aah karke chilla rahi thi.

Main: Maaro dhakka aur zor se, thoda aur zor se.

Meri har taal par Sourabh dhakke ki speed aur taakat ko badhata. Fir hum dono, meri bur ki dhaar aur Sourabh ke lund ka virya ek sath jhad gaye. Mujhe aseem sukh ki anubhooti hui. Thodi der hum log yu hi pade rahe.

Fir Sourabh utha. Usne meri choochi ko chooma, bur se behte rass ko rumaal se poncha, aur doosre round ki taiyaari karne laga. Us raat Sourabh ne poore paanch baar meri bur ko choda. Main chudwa kar mast aur past ho gayi.

Aaj ki kahani bas yahi tak. Mere pyare doston agle din main apni doosri yatra ki katha sunaungi. Apna reaction yaha dena mat bhoolna.

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